उमेशपाल हत्याकांड : अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया याचिका, कहा- यूपी के जेल में न भेजा जाए

उमेशपाल हत्याकांड : अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया याचिका, कहा- यूपी के जेल में न भेजा जाए

नई दिल्ली। अहमदाबाद जेल में बंद गैंगस्टर अतीक अहमद ने संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उमेशपाल हत्याकांड के बाद कार्रवाई और भाजपा नेताओं के आक्रामक बयान के बीच अतीक अहमद का कदम सामने आया है। अतीक ने मांग की है कि उसे गुजरात से किसी दूसरे जेल में न भेजा जाए। सपा के पूर्व नेता अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी सुरक्षा का अनुरोध करते हुए दावा किया कि उसे अपनी जान का खतरा है। इस समय अहमदाबाद केंद्रीय जेल में बंद अतीक अहमद ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि पुलिस हिरासत या पूछताछ के दौरान उसे किसी भी तरह से शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाया जाए। अतीक ने उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य को अहमदाबाद की केंद्रीय जेल से प्रयागराज या उत्तर प्रदेश के किसी अन्य हिस्से में उसे नहीं ले जाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की पिछले शुक्रवार को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उमेश पाल 2005 में प्रयागराज में हुई हत्या के मामले में मुख्य गवाह था, जिसमें अतीक अहमद और अन्य मुख्य आरोपी हैं।

याचिका में किया यह दावा

अतीक ने दावा किया कि उसे और परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाने की साजिश की जा रही है। उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है। याचिका में अतीक अहमद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से विधानसभा के पटल पर माफियाओं को पूरी तरह से बर्बाद करने और नष्ट करने के लिए दिए गए बयान का हवाला दिया। उसने दावा किया कि पूरी संभावना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस उनकी ट्रांजिट रिमांड मांगेगी और उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए पुलिस रिमांड भी मांगेगी।

आरोप- विपक्ष ने यूपी के सीएम को उकसाया

याचिका में कहा गया है कि उमेश पाल की हत्या के बाद विपक्ष ने सदन में आग में ईंधन डाला। विपक्ष ने सीएम को यह कहने के लिए उकसाया कि माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा, क्योंकि याचिकाकर्ता सदन में बहस का मुख्य विषय था। याचिकाकर्ता को वास्तव में आशंका है कि उसे किसी न किसी बहाने से फर्जी मुठभेड़ में यूपी पुलिस द्वारा मारा जा सकता है।