मथुरा ट्रेन हादसा: मोबाइल यूज करने के कारण हुआ हादसा ट्रेनकर्मी था नशे में

घटना का संक्षिप्त ब्योरा देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि मथुरा स्टेशन पर रात 10 बजकर 49 मिनट पर ट्रेन पहुंची। जब लोको पायलट अपनी ड्यूटी पूरी कर कैब से बाहर आया तब सचिन चाबियां लेने के लिए कैब में घुसा...

मथुरा ट्रेन हादसा: मोबाइल यूज करने के कारण हुआ हादसा ट्रेनकर्मी था नशे में

मथुरा। मथुरा में मंगलवार को हुई ट्रेन घटना की संयुक्त जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि ट्रेन परिचालन के दौरान ट्रेनकर्मी अपने मोबाइल फोन पर कुछ देख रहा था और वह हल्का नशे की हालत में भी था। सूत्रों ने यह जानकारी दी। मंगलवार को एक अजीबोगरीब घटना में मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर एकट्रेन प्लेटफॉर्म संख्या दो पर चढ़ गई। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में ट्रेन घटना के प्रथम दृष्टया कारण का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ‘क्रू वायस एंड वीडियो रिकार्डिंग सिस्टम’ के मुताबिक प्लेटफार्म पर ट्रेन के पहुंचने के बाद सचिन नामक ट्रेनकर्मी अपने मोबाइल फोन पर कुछ देखते हुए उसके डीटीसी कैब (इंजन) में दाखिल हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने लापरवाही से इंजन के थ्रोटल (एक खास उपकरण) पर अपना बैग रख दिया एवं फिर अपने मोबाइल फोन पर कुछ देखने में व्यस्त हो गया।

बैग के दबाव के चलते थ्रोटल आगे की स्थिति में चला गया, फलस्वरूप ईएमयू प्लेटफार्म की ओर आगे बढ़ गयी। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ उसने (ट्रेन ने) प्लेटफार्म के आखिरी छोर तो तोड़ दिया तथा कोच का आधा हिस्सा प्लेटफार्म नंबर दो के ऊपरी हिस्से पर चढ़ गया, फलस्वरूप ओएचई (ओवरहेड तार) भी प्रभावित हुआ।’’ रिपोर्ट में यह भी गया है कि सचिन पर किये गये ब्रेथलाइजर टेस्ट से पता चला कि वह हल्का नशे की हालत में है। आगरा रेलवे डिवीजन के सूत्र ने कहा, ‘‘ उसे मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है जहां यह पता करने के लिए उसका रक्त नमूना लिया जाएगा कि उसमें अल्कोहल सेवन का सटीक स्तर क्या है।’’

संभागीय रेलवे प्रबंधक तेजप्रकाश अग्रवाल ने इस घटना के सिलसिले में सचिन समेत पांच व्यक्तियों को निलंबित कर दिया है। उन चारों में हरभजन सिंह ब्रजेश कुमार और कुलजीत तकनीकी कर्मी हैं जबकि गोविंद हरि शर्मा लोको पायलट है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘ हमने पांच व्यक्तियों को निलंबित कर दिया है तथा मामले की जांच की जा रही है।’’ संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि आमतौर पर तकनीशियन डीटीसी कैब (इंजन) की चाबी लेते हैं लेकिन इस मामले में तकनीशियन ने चाबी लेने के लिए सचिन को भेजा था। घटना का संक्षिप्त ब्योरा देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि मथुरा स्टेशन पर रात 10 बजकर 49 मिनट पर ट्रेन पहुंची। जब लोको पायलट अपनी ड्यूटी पूरी कर कैब से बाहर आया तब सचिन चाबियां लेने के लिए कैब में घुसा। कैब में उसके जाने के मिनट भर के अंदर ही वह चलने लगी और उसका आधा हिस्सा प्लेटफार्म पर चढ़ गया।