ड्रोन के जरिए जो हथियार गिराए जाते हैं उसको खरीदता था अतीक, कहा ISI और लश्कर से भी हैं संबंध

ड्रोन के जरिए जो हथियार गिराए जाते हैं उसको खरीदता था अतीक, कहा ISI और लश्कर से भी हैं संबंध

लखनऊ/प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान पूरी कचहर परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रही। वकीलों की काफी भीड़ रही। कोर्ट में सरकारी वकील ने 14 दिन की रिमांड मांगी। इस पर अतीक के वकील ने कहा कि अतीक की तबीयत सही नहीं चल रही है, इसलिए रिमांड मंजूर न की जाए। कोर्ट ने दोनों की चार-चार दिन की रिमांड मंजूर की है।

मेरे संबंध ISI और लश्कर से हैंः अतीक

आज कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कॉपी के मुताबिक अतीक अहमद ने माना है कि उसके संबंध आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर से हैं। वह पाकिस्तान से हथियार मंगवाता था। पंजाब में ड्रोन के जरिए जो हथियार गिराए जाते हैं, मैं उनको खरीदता था। अतीक ने भी माना था कि उसके पास हथियारों की कोई कमी नहीं। उसने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को भी हथियार ऐसे ही मिलते हैं। चार्जशीट में के मुताबिक अतीक ने यह भी माना कि अगर उसे उन ठिकानों पर ले जाया जाए तो वह पैसा, हथियार और कारतूसों को बरामद करा सकता है।

जेल से जगह बताना संभव नहींः अशरफ

चार्टशीट के मुताबिक अशरफ अहमद ने कहा है कि हथियार और कारतूस जिस जगह पर रखे हैं, इस पता वह जेल में बैठकर नहीं बता पाएगा। कुछ ठिकानों के बारे में मुझे पता है और कुछ के बारे में भाई अतीक को जानकारी है। ये ठिकाने खेतों में बने फार्म हाउस के तरह हैं। वहां जाकर ही बताया जा सकता है कि हथियार कहां है। 

बेटे की मौत की खबर सुन फूट-फूटकर रोया माफिया

जिस वक्त असद अहमद का एनकाउंटर हुआ उस समय माफिया अतीक अहमद इलाहाबाद की कोर्ट में मौजूद था। वकीलों ने बताया कि असद के एनकाउंटर का समाचार सुनने पर अतीक फूट-फूटकर रोने लगा। एनकाउंटर का समाचार मिलने पर अधिवक्ताओं ने प्रसन्नता जाहिर की। एनकाउंटर का समाचार उस समय आया जब अतीक और अशरफ कोर्ट में जज के सामने मौजूद थे और रिमांड की अर्जी पर कुछ देर में फैसला आने वाला था।

16 दिन में दूसरी बार प्रयागराज आया माफिया

2019 से साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक पिछले 16 दिनों में दूसरी बार प्रयागराज लाया गया। इससे पहले 27 मार्च को उसे साबरमती जेल से लाया गया था। 28 मार्च को उसे एमपीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उमेश पाल अपहरण केस में उसे व दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। फैसले के बाद उसी रात उसे गुजरात के लिए रवाना कर दिया गया था।