शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवंदन अलंकरण  और काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवंदन अलंकरण  और काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

जयपुर सिटी। सामाजिक सरोकारो में सदैव अग्रणी सम्पर्क संस्थान के तत्वावधान में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवंदन अलंकरण  और काव्य गोष्ठी का आयोजन डॉ राधाकृष्णन केंद्रीय पुस्तकालय के तत्वाधान में समारोह पूर्वक संपन्न हुआ। समारोह की मुख्य अतिथि कला संस्कृति एवं पर्यटन प्रकोष्ठ सह प्रभारी शालिनी पारीक शर्मा, कार्यक्रम अध्यक्ष मैनेजर सीमेंट श्री लिमिटेड रविंद्र सोमानी, संस्थान अध्यक्ष अनिल लढ़ा तथा समन्वयक महासचिव रेनू शब्दमुखर कार्यक्रम संयोजक डॉ सूरज माहेश्वरी ने देश भर से आये 31 शिक्षकों को  दुपट्टा पहनाकर व स्मृति चिह्न गुरुवंदन अलंकरण से सुशोभित किया।

इस अवसर पर मधुमिता सेन ने अपने मधुर कंठ से सरस्वती वंदना  प्रस्तुत की। तत्पश्चात अध्यक्ष अनिल लढ़ा ने संपर्क संस्थान के मिशन सेव बेटी सेफ़ बेटी के साथ ही संस्थान द्वारा किये जा रहे साहित्यिक सामाजिक कार्यों की  21 वर्षों की निरंतर यात्रा के  बारे में विस्तार से बताया।

मुख्य अतिथि शालिनी पारीक शर्मा ने अपने आतिथ्य भाषण में सम्पर्क को ऐसे कार्यक्रम के लिये साधुवाद देते हुए कहा कि आज हमारा देश एकमात्र ऐसा देश है जो कि सनातन से शिक्षक दिवस मनाता आया है और हमें इसी संस्कृति को जीवंत रखने की आवश्यकता है,उन्होने कहा कि ऐसे कार्यक्रम शिक्षकों के दिन को अविस्मरणीय बनाते हैं ।

महासचिव समन्वयक रेनू शब्दमुखर ने गुरूवंदन अलंकरण को अपने आप में महती बताते हुए अब तक के  जीवन को सफल बनाने वाले अपने जीवन के तीन गुरु से पिता, सुनील शर्मा जी और अनिल लड्ढा से अवगत कराया।

मुख्य अतिथि शालिनी पारीक शर्मा ने अपने आतिथ्य भाषण में  सम्पर्क को ऐसे कार्यक्रम के लिये साधुवाद देते हुए कहा कि आज हमारा देश एकमात्र ऐसा देश है जो कि सनातन से शिक्षक दिवस मनाता आया है और हमें इसी संस्कृति को जीवंत रखने की आवश्यकता है,उन्होने कहा कि ऐसे कार्यक्रम शिक्षकों के दिन को अविस्मरणीय बनाते हैं ।

कार्यक्रम अध्यक्ष रविन्द्र सोमानी ने शिक्षकों के समर्पण को याद करते हुए सम्पर्क के प्रयासों की सराहना की।संयोजक डॉ सूरज माहेश्वरी ने कहा कि आज हम  मंगल पर जीवन की तलाश कर रहे हैं लेकिन कविता से सबका मंगल होता है।डॉ. अखिल शुक्ला में

संपर्क संस्थान के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि नियत साफ़ हो तो कठिन लक्ष्य भी आसान हो जाता है।

कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन प्रसिद्ध कवियत्री विजयलक्ष्मी जांगिड़ ने किया व अंत मे डॉ. रत्ना ने सभी आगंतुकों का हृदय से आभार व्यक्त किया।

इनपुट सोर्स : रेनू शब्दमुखर, समन्वयक महासचिव, संपर्क संस्थान जयपुर।