मां धरती मुस्कुरा उठी जब बच्चों ने किया मंत्रोच्चारण

पृथ्वी दिवस पर वर्चस्व वेलफेयर ने एक छोटा सा प्रयास किया बच्चो को अपनी संस्कृति से मिलवाने का। और ये देखकर वो अचंभित रह गए कि 3 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक के बच्चों ने खूब उत्साह से इसमें पार्ट लिया।

मां धरती मुस्कुरा उठी जब बच्चों ने किया मंत्रोच्चारण

लखनऊ सिटी  पृथ्वी दिवस पर वर्चस्व वेलफेयर ने एक छोटा सा प्रयास किया बच्चो को अपनी संस्कृति से मिलवाने का। और ये देखकर वो अचंभित रह गए कि 3 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक के बच्चों ने खूब उत्साह से इसमें पार्ट लिया। वर्चस्व वेलफेयर ने बच्चों के माता पिता का भी अभिवादन किया जिन्होंने उन्हें ऐसे संस्कार दिए। उम्मीद है इस प्रयास से आज की स्थिति में सुधार आएगा। वर्चस्व वेलफेयर की डायरेक्टर प्रतिभा बालियान रचित कविता इस समय एक दम सटीक बैठती है।

 मासूम दिलों से निकले सुंदर भाव से

आज पृथ्वी पुलकित हो उठी, 

माँ प्रकृति भाव विह्वल हो उठी, 

तभी ,

प्रतिभा की वीणा से निकले, 

जर्कृत सर्जित तान।

"पुलकित होती  आज ये धरती,

 गुंजन सा है भान

हवा में बहने लगी मकरंद, 

स्तब्ध खडा आसमान।

रही गर, रफ्तार यही तो, 

सब हो जाएगा घमासान, 

एक दिन वक़्त करेगा ,

संस्कृति, और धरोहर का भी अपमान

विश्व पटल पर तो हम  तब जाएंगे , 

जब बचा रहेगा मेरा हिंदुस्तान।।

आरजू ये ही है खप्परधारिणई, 

मानवता को आज बचालो, 

बिलख रहे हम बालक नादान।।

विश्व पृथ्वी दिवस  पर जयघोष हमारा, 

मंत्रों के स्पंदन से भर देंगे , 

रोम , रोम'''':: माँ तेरा।

 महामारी को दूर भाग माँ, 

यही अनुनय , विनय हमारा।।

स्वरचित कविता,,

प्रतिभा बालियान

डायरेक्टर  वर्चस्व 

( हमारी संस्कृति , हमारी धरोहर)