वीर सावरकर को भारत रत्न!: शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक

वीर सावरकर को भारत रत्न!: शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक

नई दिल्ली। चुनाव आयोग की ओर से शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न शिंदे गुट को देने के बाद मंगलवार को ही महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी की पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें शिंदे को पार्टी का प्रमुख चुन लिया गया। इतना ही नहीं बैठक में कई अहम प्रस्ताव भी रखे गए। इनमें वीर सावरकर को भारत रत्न की मांग से लेकर मराठी को कुलीन भाषा का दर्जा देने की मांग भी शामिल रही। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उद्धव गुट से टूटकर शिंदे के साथ आए विधायक, सांसद और शिवसेना के अन्य नेता शामिल हुए। सभी शिंदे के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी से अलग होने के बाद से उनके साथ काम कर रहे हैं।

बैठक में पेश किए गए अहम प्रस्ताव

वीर सावरकर को भारत रत्न देने का प्रस्ताव भी बैठक के दौरान लाया गया।

चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिंतामनराव देशमुख के नाम पर करने का प्रस्ताव। 

राज्य में सभी परियोजनाओं में 80 फीसदी रोजगार भूमिपुत्रों, स्थानीय युवाओं को देने का प्रस्ताव। 

मराठी भाषा को कुलीन भाषा का दर्जा देने की मांग। 

यूपीएससी और एमपीएससी के लिए मराठी छात्रों को मजबूत समर्थन देने के प्रस्ताव लाया गया।

गौरतलब है कि 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने संकल्प पत्र में विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने का वादा किया था। हालांकि, राज्य में हुए चुनाव में भाजपा की सरकार न बन पाने के बाद यह मुद्दा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच चर्चा से गायब हो गया। अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इस विषय को फिर से चर्चा में उठाया है।