Basant Panchami Special :बसंत पंचमी पर पीले के अलावा अन्य रंग पहनने की क्यों है मनाही ,आइये जाने पंडित जी से
पीला रंग बृहस्पति का परिचायक है। बृहस्पति को भी ज्ञान का देवता माना जाता है और सरस्वती तो ज्ञान की देवी हैं ही। बृहस्पति का पसंदीदा रंग है पीला तो इस दिन सब कुछ पीले का ही अर्पण और ग्रहण......
फीचर्स डेस्क। शरद ऋतु के बाद बसंत की शुरुआत को फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है बसंत पंचमी के तौर पर। इस वर्ष ५ फरवरी को ये त्यौहार है। हिन्दू मान्यता है। मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था और इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है। सरस्वती जी ज्ञान की देवी हैं इसलिए उनकी पूजा हर स्कूल, कॉलेज, इंस्टीटूट्स यहाँ तक की घरों में विधि विधान के साथ होती है। हर फेस्टिवल के कुछ तौर तरीके होते हैं ,जिन्हे फॉलो करने से सुख-सम्पन्नता आती है और ना करने पर बेकारगी , मनहूसियत आदि। आप ने भी नोटिस किया होगा कि बसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व होता है। यहां तक कि स्कूलों, शिक्षण संस्थानों और मंदिरों में भी मां सरस्वती की प्रतिमा को भी पीले रंग के वस्त्रों और आभूषणों से सजाया जाता है। सजावट भी फूलों से होती है प्रशाद में में पीले रंग की मिठाई यहाँ तक की सभी भक्त भी पीले रंग के ही कपड़ों में होते हैं। आखिर ऐसा किन होता है आइये जाने वाराणसी के मशहूर पंडित राधे श्याम जी से
शुभ है पीला रंग
पंडित जी का कहना है कि हिंदू धर्म में पीले रंग को शुभ माना जाता है। पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है। यह सादगी और निर्मलता को भी दर्शाता है। साथ ही रिसर्च में ये साबित हुआ है कि पीला रंग डिप्रेशन को दूर कर सकता है। यहआपका उत्साह बढ़ाता है और ब्रेन को एक्टिव करता है। जिससे आपको खुशी का अहसास होता है। यह आत्मविश्वास में भी बढ़ाता है।
बृहस्पति का परिचायक
पंडित जी बताते है कि पीला रंग बृहस्पति का परिचायक है। बृहस्पति को भी ज्ञान का देवता माना जाता है और सरस्वती तो ज्ञान की देवी हैं ही। बृहस्पति का पसंदीदा रंग है पीला तो इस दिन सब कुछ पीले का ही अर्पण और ग्रहण किया जाता है।
सूर्य की पीली किरणों से कनेक्शन
इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन सूर्य उत्तरायण होता है। जिसकी पीली किरणें इस बात का प्रतीक है कि सूर्य की तरह ओजस्वी और तेज बनना चाहिए। पीले रंग की चीज़ें सूर्य को अधिक आकर्षित करती है। जब हम पीले रंग के कपड़े पहनते हैं तो सूर्य की किरणें प्रत्यक्ष रूप हमारे दिमाग पर असर डालती हैं। इसलिए इस दिन पीले रंग का महत्त्व है।
बसंत के स्वागत का तरीका
बसंत को ऋतुओं का राजा माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन से कड़कड़ाती ठंड खत्म होकर सुहावना मौसम होने लगता है। हर तरफ पेड़-पौधों पर नई पत्तियां, फूल और कलियां खिलने लग जाती हैं और सरसों की फसल की वजह से धरती पीली नजर आने लगती है। इसलिए लोग बसंत पंचमी का स्वागत पीले कपड़े पहनकर करते हैं। इतना ही नहीं बसंत का पीला रंग समृद्धि, एनर्जी, प्रकाश और पाजिटिविटी का भी प्रतीक है।
इन्ही कारणों के चलते बसंत पंचमी के दिन पीले के अलावा अन्य रंग के पहनने की मनाही है , तो आप भी ट्रेंड को फॉलो करें और माँ सरस्वती को अधिकतम प्रसन्न करें।