महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान से डॉ साबित्री मिश्रा को किया गया सम्मानित

कार्यक्रम में विभिन्न 15 राज्यों से आये 90 से अधिक लोगों ने हिस्सा  लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ जागृति शुक्ला द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना से हुआ...

महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान से डॉ साबित्री मिश्रा को किया गया सम्मानित

लखनऊ सिटी। भारत उत्थान न्यास की साधारण आमसभा के अवसर पर रविवार को राष्ट्रीय संगोष्ठी विषय भारत के उत्थान में हिन्दी साहित्य की भूमिका एवं आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, हजरतगंज, लखनऊ में भव्यता के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न 15 राज्यों से आये 90 से अधिक लोगों ने हिस्सा  लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ जागृति शुक्ला द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना से हुआ। डॉ आनन्देश्वरी अवस्थी ने आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए हिन्दी के महत्व को समझाया और सभी अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्य अतिथि प्रेम नारायण द्विवेदी आई ए एस (से.नि.) ने न्यास के क्रिया कलापों एवं गतिविधियों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हिन्दी भाषा के माध्यम से भारत के उत्थान का संकल्प न्यास का सराहनीय क़दम है।

सुप्रीम कोर्ट व्यवसायिक, अभियांत्रिकी, चिकित्सा शिक्षा को हिन्दी माध्यम से करने करने के लिए शब्दकोश तैयार किये जाने की आवश्यकता है, इससे छात्रों को अपनी भाषा में विषय को पढ़ने और समझने में सुविधा होगी। पंचकोश पर आधारित: चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास हेतु न्यास सराहनीय कार्य कर रहा है। करोना काल के दुरूह एवं विषम परिस्थितियों में भी न्यास अपने कार्य के प्रति दृढ़ संकल्प होकर गतिमान रहा।इस उत्साही कार्य प्रवृत्ति से निश्चय ही न्यास एक दिन भारत के उत्थान का स्तम्भ होगा। श्री द्विवेदी ने संस्कृत को हाईस्कूल तक अनिवार्य बताया। यह व्यक्ति को चरित्रवान बनाती है और सन्मार्ग पर चलने की शिक्षा देती है। केन्द्रीय अध्यक्ष  सुजीत कुंतल ने न्यास द्वारा मानव कल्याण और राष्ट्रहित में किये जा रहे कार्यों से सभी को अवगत कराया।

सत्र का संचालन डॉ शशि अग्रवाल ने किया। इस सत्र में न्यास के विभिन्न विभागों के प्रमुखों द्वारा वर्ष भर में किये गये कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया गया। इसी सत्र में न्यास की ओर से विभिन्न उत्तरदायित्वों हेतु नामों की घोषणा की गई। डॉ शशि अग्रवाल, केन्द्रीय उपाध्यक्ष, डॉ आनन्देश्वरी अवस्थी एवं शैलेन्द्र श्रीवास्तव, केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य, एडवोकेट सुमित्रा चौधरी, क्षेत्रीय अध्यक्ष दिल्ली एवं राजस्थान, डॉ रचना विश्नोई प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश, शालिनी यादव, प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान, डॉ कान्ति लाल यादव  प्रदेश सचिव, राजस्थान, पुष्प राज सिंह, सचिव प्रयागराज इकाई, डॉ मोहित मिश्रा, अध्यक्ष मुरादाबाद इकाई एवं श्री दत्ता शिवराम साकोले, अध्यक्ष महाराष्ट्र इकाई के दायित्वों की भी घोषणा की गई।

अकादमिक सत्र का संचालन ऋतु श्रीवास्तव ने किया। यह सत्र संगोष्ठी के विषय से संबंधित सत्र था। इस सत्र में रमा अग्रवाल ने राष्ट्रीय चेतना पर आधारित कविता प्रस्तुति कि। डॉ साबित्री मिश्रा, डॉ शालिनी यादव आदि ने अपनी सुंदर शब्द रचना से साहित्य की महती भूमिका पर प्रकाश डाला। सत्र की मुख्य अतिथि डॉ (श्रीमती ) सरला अवस्थी ने अपने अनुभवों को सभी के साथ सांझा करते कहा कि साहित्य के माध्यम से हम अपनी भावी पीढ़ियों तक भारतीय ज्ञान परम्परा एवं समृद्धशाली इतिहास को हस्तांतरित कर सकते हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में स्वयं द्वारा लिखित पुस्तक का विवरण देते हुए नैमिषारण्य के इतिहास को विस्तार पूर्वक बताया। सत्र के अध्यक्ष डॉ पंकज सिंह ने बड़े विनोद पूर्ण ढंग से आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के जीवन की घटनाओं को प्रस्तुत किया। विशिष्ट वक्ता डॉ रोचना विश्नोई ने साहित्य की महत्ता को उजागर करते हुए कहा कि साहित्य हमारे विचारों को कम से कम शब्दों में व्यक्त करने का सर्वोत्तम साधन है। विशिष्ट अतिथि सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता सुमित्रा चौधरी ने न्याय के क्षेत्र में हिन्दी की महत्ता पर विचार रखे।

समारोह के समापन सत्र में डॉ प्रत्यूष वत्सला द्विवेदी ने मंच का संचालन किया। न्यास के अध्यक्ष श्री सुजीत कुंतल ने अतिथियों का स्वागत एवं न्यास के उद्देश्यों को सभी के समक्ष रखा। सत्र की मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ बिंध्या बिंदू सिंह जी ने आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी के जीवन पर अपने उद्गार व्यक्त किये एवं सभी का मार्गदर्शन किया। सत्राध्यक्ष एवं न्यास के संरक्षक डॉ उमेश पालीवाल जी ने न्यास के कार्यों की सराहना करते हुए युवाओं को हिन्दी एवं समाज कल्याण हेतु कार्य करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर डॉ. (श्रीमती) सरला अवस्थी, डॉ शशि अग्रवाल, डॉ अनिता सिंह, डॉ आनन्देश्वरी अवस्थी, डॉ सरिता सिंह, डॉ कान्ति लाल यादव, प्रो सुमन सिंह, डॉ दत्ता शिवराम साकोले, डा हेमा पांडे, भारती पायल, पुष्प राज सिंह, डॉ अनिल कुमार सिंह, रमा अग्रवाल, अनन्त प्रकाश तिवारी, अंजना मिश्रा, प्रो पंकज सिंह, डॉ अतुल मोहन सिंह, डॉ मीरा देवी, डॉ सोनी स्वरूप, माया मेहता, डॉ रमेश प्रताप सिंह, डॉ रीमा सिन्हा, डॉ अनीता तिवारी, डॉ. रश्मिशील, शशी तिवारी, डॉ कुसुम चौधरी, पूनम सिंह, पायल लक्ष्मी सोनी,  डा.मोनिका देवी, डॉ. प्रीति सिंह, डॉ संगीता, कमल किशोर 'भावुक', डॉ मोहित मिश्रा, रोशनी रावत, डॉ महिमा सिंह‌, मीना रवि, डाॅ शालिनी यादव, निवेदिता चतुर्वेदी आदि को आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान प्रदान किया गया। न्यास की केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य अलका रानी ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। यहां न्यास की शशि सिंह, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ सीमा निगम, बालिका सेन गुप्ता, आदि मौजूद रहे।