रिक्शा चालक को 3 करोड़ 47 लाख का इनकम टैक्स से नोटिस, पढ़ें क्यो भरना होगा ?  

रिक्शा चालक को 3 करोड़ 47 लाख का इनकम टैक्स से नोटिस, पढ़ें क्यो भरना होगा ?   

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक रिक्शा चालक को आयकर विभाग की ओर से तीन करोड़ रूपये से अधिक का आयकर जमा करने का नोटिस मिला है। इस नोटिस से परेशान अमर कालोनी बाकलपुर थाना हाईवे निवासी रिक्शा चालक प्रताप सिंह ने पुलिस में तहरीर दी है लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट दर्ज नही हुई है। हाई वे थाने के थानाध्यक्ष अनुज कुमार ने कहा कि अभी पुलिस रिपोर्ट दर्ज नही हुई है तथा अभी जांच में है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच में अभी एक दो दिन लगेंगे। रिक्शा चालक प्रताप सिंह के अनुसार उसे अपने साथ की गई धोखाधड़ी का पता तब चला जब उसे इनकम टैक्स आफिस से फोन करके बुलाया गया और बताया गया कि उसे 3 करोड़ 47 लाख से अधिक आयकर देना है। उसने जब अधिकारियों को बताया कि वह तो रिक्शा चलाता है तो अधिकारियों ने उसके केस की जांच कर उसे बताया कि उसके साथ किसी ने जालसाजी की है। जिस जालसाज ने उसके (प्रताप सिंह के नाम पर) जीएसटी नम्बर लेकर कोई व्यापार किया है उसने वर्ष 2018-19 का अपना टर्न ओवर 43 करोड़ 44 लाख से अधिक का दिखाया है जिस पर 3,47,54,896 रूपए का टैक्स बनता है। इस घटना की निष्पक्ष जांच जरूरी है।

इसके बाद ही रिक्शा चालक ने पुलिस से सपर्क किया था। उसे शक है कि उसके साथ धोखाधड़ी पैन कार्ड को लेकर की गई है। रिक्शा चालक ने पैन कार्ड बनवाने के लिए आप बीती का खुलासा करते हुए बताया कि बैंक द्वारा पैन कार्ड मांगने के कारण उसने अपना पैन कार्ड बनवाने के लिए 15 मार्च 2018 को तेज प्रकाश उपाध्याय के बाकलपुर स्थित जन सुविधा केन्द्र पर संपर्क कर जरूरी कागजात जमा कराए थे। जन सुविधा केन्द्र चालक ने उससे कहा था कि उसका पैन कार्ड एक माह में आ जाएगा। दो माह बाद तक भी पैन कार्ड न आने पर उसने जब उक्त जन सुविधा केन्द्र में संपर्क किया तो पता चला कि उसका पैन कार्ड 31 मार्च 2018 को ही बन गया था।

उसने बताया कि 31 मई 2018 को जब उसने फस्र्ट फ्लाइट कोरियर में संपर्क किया तो पता चला कि उसका कार्ड गिर्राज महाराज साइबर कैफे के निकट बाकलपुर गांव के किन्ही संजय सिंह के पास पहुंच गया है जिनका मोबाइल नम्बर 9897762706 है। उसने बताया कि संपर्क करने पर सजय सिंह ने उसे उसके पैन कार्ड की रंगीन फोटो कापी दे दी। चूंकि वह अधिक पढ़ा लिखा नही है इसलिए उसने इसे ही असली पैन कार्ड समझ लिया था।