Tag: short poetry
लघु कथा: बहरे
आय हाय आग लगे ऐसी मर्दानगी और मुई इनकी जवानियों को, न बूढ़ी का लिहाज न पेटवाली का। बेचारी बच्ची जमीन पर ही लोट गई।बैठे हैं सारे टाँग...
कभी सोचा ना था
वादे किये थे हजार साथ निभाने के पर जब तुम्हारी नजरों ने साथ मांगा इतनी बेबस हो जाऊँगी कभी सोचा ना था.....