वर्चस्व वेलफेयर और आस्था सेवा संस्थान ने अमरवीर महोत्सव में किया सनातन संस्कृति को प्रस्तुत

हमारी संस्कृति हमारी धरोहर के तत्वाधान में सनातन एवं हमारी प्राचीन वैदिक सभ्यता व संस्कारों को नवानकुरो के बीच पोषित एवं पल्लवित करते हुए वर्चस्व वेलफेयर एवं आस्था सेवा संस्थान ने अमरवीर महोत्सव के विशाल मंच पर लक्ष्मण मेला स्थल लखनऊ के प्रांगण में सनातन संस्कृति को प्रस्तुत कर....

वर्चस्व वेलफेयर और आस्था सेवा संस्थान ने अमरवीर महोत्सव में किया सनातन संस्कृति को प्रस्तुत

फीचर्स डेस्क। आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है कि हम अपनी संस्कृति से अपने आने वाली पीढ़ी को जोड़े। तभी हम अपनी संस्कृति अपनी सभ्यता को आगे बढ़ा पाएंगे । ऐसा ही एक प्रयास किया वर्चस्व वेलफेयर और आस्था सेवा संस्थान ने मिलकर, जिससे सनातन संस्कृति जीवित हो उठी।

हर घर में गूंजे घंटा ध्वनि

हमारी संस्कृति हमारी धरोहर के तत्वाधान में सनातन एवं हमारी प्राचीन वैदिक सभ्यता व संस्कारों को नवानकुरो के बीच पोषित एवं पल्लवित करते हुए वर्चस्व वेलफेयर एवं आस्था सेवा संस्थान ने अमरवीर महोत्सव के विशाल मंच पर लक्ष्मण मेला स्थल लखनऊ के प्रांगण में सनातन संस्कृति को  प्रस्तुत कर ,  जनमानस को जो  परिचय दिया उसकी भव्यता एवम  दिव्यता ने  एक बार फिर घर घर में , हर आंगन में सुबह शाम घंटा ध्वनि सुनने,  सुनाने की परंपरा को लेकर एक चेतना  जागृत होती दिखी ।

भारत बने विश्व गुरु

यह अद्भुत प्रयास किसी एक संस्था के सदस्य द्वारा नहीं किया गया बल्कि अपने सनातन के वर्चस्व की अलख लेकर आगे आई कई संस्थाएं , जिससे मिलकर बनता है  मिशन "भारत को विश्वगुरु अपना"  जिसकी निर्देशिका है प्रतिभा बालियान | यह मिशन कोई एक संगठन नहीं बल्कि एक ऐसी संकल्प शक्ति है जिसमें हर संस्था अपने सकारात्मक प्रयास से निरंतर  प्रतिपल विकास की ओर  तत्पर रहते हुए यज्ञ की  आहुति देती है ।

इसे भी पढ़ें :- www.vakrokti.com

कई संस्थाओं का मिलजुला प्रयास

इसी श्रंखला में कई संस्थाओं ने एक साथ मिलकर आज की महती आवश्यकता ,पर्यावरण प्रहार पर नाट्य रूपांतर कर एक बेहतर प्रस्तुति देकर जनजागृति की ।जिसमें मुख्य रुप से कल्याणी फाउंडेशन ,आनंद फाउंडेशन, आस फाउंडेशन, मंगलम संगठन एवं वर्चस्व वेलफेयर की प्रकृति सिखाती संस्कृति के मुख्य किरदार थे ।

बच्चों ने सुनाएं कई श्लोक

वेद श्लोक स्कन्द पुराण ,उपनिषद ,महाभारत का नन्हे बच्चों में मुखारविंद से जो प्रस्फुरंह हुआ, ऐसा लगा कि  साक्षात देव लोक विचरण हो,  मां गोमती के किनारे का एहसास इतना अदभुत था , जैसे स्वप्नलोक में हो  सनातन कि इस तप का लोहा,  दर्शको को मनवाने में कामयाब रहे ,मुख्यधारा में शिवांश पंडित उम्र महज 3 वर्ष , काव्या चित्रांश के साथ आरव गुप्ता एवं अग्रिमा सिंह ।समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने भी सनातन के इस भव्य दर्शन को अपनी गरिमामई  उपस्थित दर्शा कर खुद को धन्य किया  व आगे बढ़ाने में सहयोग देने के लिए आश्वासन दिया ।

कार्यक्रम का संचालन वर्चस्व की फाउंडर कोऑर्डिनेटर, मैनेजर रितु गुप्ता जी द्वारा किया गया मुख्य  कार्य धारा  वर्चस्व की अध्यक्षा प्रतिभा बालियान  एवम आस्था सेवा संस्थान की आशा राय जी द्वारा संभाली गई । हमारी संस्कृति हमारी धरोहर के बच्चों के साथ , सुरभि श्रीवास्तव जी द्वारा चलाई गई संस्था प्रकृति फाउंडेशन के बच्चों ने दिव्य प्रदर्शन किया ।

विशेष एवम अत्यंत महत्व पूर्ण,,"  गुरु परंपरा की महत्ता  के बिना सनातन स्वीकार्य नहीं है ,उसी परिपाटी का पालन करते हुए कार्यक्रम में आनंद आश्रम कोटवा रोड छठा मील, सीतापुर रोड से आए महाराज श्री आशुतोशंबर जी एवं श महादेव बाबा जी महाहरज  के साथ पधारे  संतो ने बच्चों को आशीर्वाद देकर अपने तप की अग्नि से उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए राष्ट्र निर्माण एवं समाज कल्याण की बात की,साथ ही आयोजक मंडल को भी स्नेह व भविष्य में मार्गदर्शन देकर समाज को उन्नति की दिशा में ले जाने का मार्ग प्रशस्त कराने का आश्वासन दिया