Tag: hindi story

फोकस साहित्य

ये वादा रहा

कब मिलते मिलाते हमने एक दूसरे से जीवनसाथी बनने का वादा कर लिया, कुछ एहसास ही ना हुआ। अभी एक महीने बाद आलिंद ठीक हो गए तो मिलने गई...

फोकस साहित्य

सपनो का ब्याज

सच में पढ़ी लिखी अपने पैरों पर खड़ी बेटियाँ बेटो से किसी मायने में कम नहीं है।एक वो भी समय था जब बेटी के लालन पालन से ज़्यादा फ़िक्र...

फोकस साहित्य

ज़िम्मेदार कौन...

अरे ऐसी औलाद भगवान किसीको ना दे। यहाँ बीमार माँ पड़ोसियों,रिश्तेदारो और नर्स के भरोसे छोड़ सब प्रदेश में गुलछर्रे उड़ा रहे है। हर...

फोकस साहित्य

किस्मत का खेल

इधर सुहानी पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार चालू पर वो सहनशक्ति की मूरत सब सहन करती जा रही थी । अक्सर बिना कारण जेठानी देवर की पसंद होने...

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