बच्चों के दातों को कैविटीज़ से ऐसे बचाएं

हर बच्चे को कम से कम 2 मिनट तक बच्चों को ब्रश करना चाहिए जिससे हानिकारक बैक्टीरिया दांतों में जन्म न ले सकें। अगर आप का   बच्चा ठीक से ब्रश नहीं कर पाता है तो उसे एक.....

बच्चों के दातों को कैविटीज़ से ऐसे बचाएं

फीचर्स डेस्क। आजकल छोटे-छोटे बच्चों में टूथ रिलेटेड काफी परेशानिंयां देखी जा रही हैं।  जैसे येल्लोनेस, कैरीज़, बेड  ब्रेथ, कैविटी, प्लाक ,दातों में दर्द या ब्लैकनेस्स इवन कीड़ा लगना भी , कुछ मेसर्स को फॉलो कर इन परेशानियों की निश्चित तौर पैर लिमिट किया जा सकता है। इन  प्रोब्लेम्स को हमने डिसकस किया डेंटल एक्सपर्ट मधुरिमा रॉय आइये जानते हैं उनकी सलाह

डेंटल हाइजीन

डॉक्टर कहती हैं बच्चों के लिए दांतों की सफाई बहुत जरूरी है। बच्चों को शुरूआती दौर से ही डेंटल हाइजीन सिखानी चाहिए। बच्चे के जब दांत निकलने शुरू होते हैं तभी से दांतों की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए। बच्चे में रोज़ कम से कम दो बार ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए। बचपन से दांतों की सुरक्षा न करने पर प्लाक की समस्या जन्म लेती है। प्लाक में मौजूद बैक्टीरिया एसिड पैदा करते हैं जो दांतों की ऊपरी परत पर हमला करते हैं और कैविटीज को जन्म देते हैं। जिनका समय पर ट्रीटमेंट ना होने पर ये बाकि गंभीर समस्यों में बदल सकता है।

ब्रशिंग हैबिट्स

डॉक्टर के अनुसार हर बच्चे को कम से कम 2 मिनट तक बच्चों को ब्रश करना चाहिए जिससे हानिकारक बैक्टीरिया दांतों में जन्म न ले सकें। अगर आप का   बच्चा ठीक से ब्रश नहीं कर पाता है तो उसे एक इलेक्ट्रिक टूथब्रश से ब्रश करा सकते हैं। इससे दांतों के अंदर की परत में सफाई की जा सकती है। इलेक्ट्रॉनिक रूप से बनाई गई ब्रिसल्स की गति एक मैनुअल टूथब्रश की तुलना में प्लाक को हटाने में ज्यादा मदद करती है।  एक इलेक्ट्रिक टूथब्रश हमेशा एक मैनुअल टूथब्रश की तुलना में अधिक और बहुत जल्द ही प्लाक हो हटाता है। 

फ्लॉसिंग

जनरली पेरेंट्स फ्लॉसिंग को इगनोर कर देते हैं पर ये भी ब्रशिंग जितनी ही इम्पोर्टेन्ट है। इससे दातों के बीच की सफाई होती है। इसलिए जब आपके बच्चे के कम से कम दो दांत होते हैं जो अगल-बगल होते हैं, तो फ्लॉस को इंट्रोडूस किया जाना चाहिए। अधिकांश बच्चों में लगभग 8 या 9 वर्ष की आयु तक प्रभावी ढंग से फ्लॉस का उपयोग करने की निपुणता नहीं होती है। पर आप धीरे धीरे आदत जरूर पड़वाए। ये उसके डेली रुटीन का हिस्सा होना चाहिए।

डेंटल चेकअप

डेंटल चेकअप को रेगुलर हैबिट बनाये। हर तीन महीने में डेंटिस्ट को विजिट ज़रूर करें ना कि सिर्फ तभी जब कोई समस्या हो। इससे परेशानी को शुरुवाती दौर में ही पकड़ कर ठीक किया जा सकेगा।

जनरल प्रीकॉशन्स

अत्यधिक मीठे चीज़ों से बच्चों को दूर रखें।

कुछ भी खाने का बाद कुल्ला करने की आदत डलवाएं।

दूध में चीनी या की फ्लावरिंग ऐड करने से बचे।

फ्रूट जूस में चीनी ऐड ना करें।

सोते समय ब्रश ज़रूर करवाएं।