शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से मरीज लेता है खर्राटा, पढ़ें एक्सपर्ट की राय

शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से मरीज लेता है खर्राटा, पढ़ें एक्सपर्ट की राय

हेल्थ डेस्क। अधिकतर लोग खर्राटे को एक साधारण प्रक्रिया समझकर टाल देते हैं, पर अब यह सिद्ध हो चूका हैं कि यह एक बीमारी हैं। जिसे मेडिकल की भाषा में OSA (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया) कहते हैंI दरअसल, खर्राटे के मरीजों में सोते समय गले और नाक की मांसपेशियां काफी सिथिल हो जाती है, जिससे सांस का रास्ता काफी सकरा हो जाता हैं, और उसकी वजह से साँस के आवागमन में अवरोध उत्पन्न हो जाता हैंI कभी-कभी इसकी वजह से साँस रुक भी जाती हैं। जिसके परिणाम स्वरुप शारीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती हैं और मरीज मर सकता हैं I  

हर खर्राटा खतरनाक नही

"भारत में लगभग 90% लोग खर्राटा मारते हैं, लेकिन हर खर्राटा खतरनाक नही होता परन्तु कुछ खर्राटा जानलेवा भी हो सकता हैं I कभी-कभी तो यह भी देखा गया हैं कि ज्यादा खर्राटे की वजह, पति – पत्नी में तलाक का कारण बन जाता हैंI अधिकांश चिकित्सकों को इस बीमारी के बारे में अधिक जानकारी न होने की वजह से वो इसका इलाज नहीं कर पाते हैं, परिणामस्वरूप मरीज को इधर-उधर भटकना पड़ता हैं I

आपको बता दें कि खर्राटा उन व्यक्तियों में को ज्यादा आता हैं, जिनकी गर्दन छोटी, जीभ मोटी, गला सकरा, मोटापे से ग्रसित व्यक्ति और जिनको हाइपोथायराइड की समस्या हैंI ये अनुवांशिक भी हो सकता हैं, कभी-कभी एलर्जी व साइनस के कारण भी खर्राटा आ सकता हैंI खर्राटे के मरीजो के शोध में यह पाया गया हैं कि खर्राटे से पीड़ित व्यक्ति में मधुमेह, उच्च रक्तचाप का खतरा साधारण के अपेक्षा 10 गुना ज्यादा होने का रहता हैं I

खर्राटे के मरीजों को आ सकता है हार्ट एटैक

खर्राटे के 40% से अधिक मरीजों में हार्ट एटैक, हार्ट फेलियर, ब्रेन स्ट्रोक (लकवा/ पक्षघात) का खतरा बढ़ जाता हैं, एसे मरीजों की पहचान मुखत: - जोरदार खर्राटे के साथ सांस रुकना, दिन में नींद अधिक आना, बैठे-बैठे सो जाना, मानसिक रूप से चिढ़चिढ़ापन, सोचने की शक्ति कम होना, शारीरिक क्षमता में कमजोरी, मोटापे से ग्रसित होना हो सकती हैं I

समय रहते खर्राटे की जाँच कराए

इस बीमारी की जाँच SLEEP TEST (Polysonography) द्वारा की जाती हैं, जिसमे मरीज की रात में एक COMPUTARIZED MACHINE द्वारा उसके निद्रा की पूरी प्रक्रिया की जाँच की जाती हैं I पहले ये जाँच सिर्फे बड़े मेट्रो शेहरो में होते थे, परन्तु अब ये सुविधा वाराणसी में किफायती दर में उपलब्ध हैंI SLEEP TEST द्वारा मरीज के खर्राटे की वृहद् जानकारी मिल जाती हैं कि यह खर्राटा जानलेवा तो नहीं हैंI यदि समय रहते खर्राटे की जाँच हो जाती हैं तो मरीज की भविष्य में खर्राटे से होने वाले नुक्सान से बचाया जा सकता हैं जैसे ब्लडप्रेशर, मधुमेह, हार्ट एटैक, ब्रेन स्ट्रोक, वाहन दुर्घटना आदि I

डॉ.एस.के पाठक, वाराणसी सिटी।