प्रेग्नेंट पति...

प्रेग्नेंट पति...

फीचर्स डेस्क। " सुनो, तुम्हें थैंक्स बोलने का मन कर रहा है " सिया ने मुझे रसोई से आवाज़ देते हुए कहा। सिया रसोई में खाना बना रही थी। हम लॉबी में बैठे बैठे आफिस जाने के लिए खाना खा रहे थे, साथ ही पालने में सो रहे अपने 4 महीने के बच्चे को एक धागे की मदद से हिला रहे थे।

हा हा हा आज क्या मिल गया तुम्हें भाई हमसे ?

आज तो नहीं, मिल तो न जाने कबसे गया है, हर बार सोचती हूँ पर कहने से रह जाती हूँ। लेकिन आज सोचा सब कह ही दूँ। हालांकि जानती हूँ कि थैंक्स कहने से होता क्या है ? लेकिन फिर सोचती हूँ मन ने कहा है तो कह दो, कहना ही तो प्रेम है।

फिर कह दो न, मुझे क्यों उतावलेपन में ले जा रही हो  ?

जब से आप आए हैं हमारी जिंदगी में तबसे मैंने महसूस कई बार किया, लेकिन जब मैं प्रेग्नेंट हुई, तब हर पल आपको एक अलग रूप में देखा। जैसे कि आप खुद भी खुद की पत्नी हों। ( मैं आश्चर्य में था कह क्या रही हो ) , मतलब शायद तुम खुद भी प्रेग्नेंट हो, और एक नई ज़िंदगी को जन्म देने के लिए लड़ रहे हो।

मैं तो बिस्तर पर ही लेटी रहती थी न, आज कल के डॉक्टर उठने ही कहाँ देते हैं। मुझे एक मग में पानी लाकर बिस्तर पर ही ब्रश करवाना, जब मैं बाथरूम में जाऊँ तो मेरे शरीर का आधे से ज्यादा बोझ अपने कंधे पर ले लेना। जब मुझे भूख लगे तो कभी रसोई में एक कप चाय न बनाने वाला इंसान इतना अच्छा भोजन बना लेता है। समय समय पर मेरे हर तरह के कपड़े मार्केट से लाना।  घर का सुबह झाड़ू पोंछा कर के सब कुछ काम निपटाकर, फिर ऑफिस जाना और आफिस से हर पल कॉल करके हालचाल लेते रहना।

ऐसा लगता है कि मेरी प्रेग्नेंसी का दर्द तो आधे से ज्यादा तो आपने झेला है, आपने मुझे महसूस ही नहीं होने दिया कि मैं एक लंबे दर्द से गुजरने वाली हूँ। शाम सोने से पहले देर देर तक मेरे पास बैठकर दिन भर की चर्चा कर अपनी थकान को हंस हंस कर मेरे सामने ऐसे रखना जैसे इतना काम और भागदौड़ कर आपको तो थकान हुई ही नहीं। मेरे माथे को सहलाना, अपनी बाहों से मुझे घेर कर बिस्तर पर लेटना और मुझे एक बेहतर भविष्य के सपने दिखाना। आपके लिए कितना मुश्किल भरा रहा होगा मैं सोच भी नहीं सकती।

 पापा ने जब तुम्हारे साथ शादी तय कर तुम्हारी तस्वीर दिखाई थी, और तुम क्या करते हो यह बताया था, तो सच में इतना प्यार मिलेगा तुमसे यह सोच भी नहीं पा रही थी। विदाई के वक़्त माँ के कंधों पर आंसुओं को बहाते बहाते मैं बस यही कह रही थी कि मम्मी तुम तो इतना ख़्याल रखती थीं मेरा, अब वहां कौन रखेगा