जकार्ता से PM मोदी ने दिया ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ का मंत्र

आसियान को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में भी आसियान क्षेत्र का प्रमुख स्थान है। वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी हर क्षेत्र में हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है

जकार्ता से PM मोदी ने दिया ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ का मंत्र

नई दिल्ली। दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन ASEAN का शिखर सम्मेलन इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में चल रहा है। 7 सितंबर 2023 से 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ का मंत्र दिया। आसियान को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ बताया।

पीएम मोदी ने कहा, “पिछले साल हमने भारत-आसियान मैत्री दिवस मनाया और इसे व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया। हमारी साझेदारी (भारत-इंडोनेशिया) चौथे दशक में पहुँच गई है। इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करना मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात है। मैं इस शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को बधाई देना चाहता हूँ।”21वीं सदी को एशिया का बताते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि वैश्विक विकास में आसियान की भूमिका अहम है। आसियान में सभी देशों की आवाज सुनी जाती है और हम पूरी दुनिया में ग्लोबल साऊथ की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे यकीन है कि आज हमारी बातचीत से भारत और आसियान क्षेत्र के भावी भविष्य को और सुदृढ़ बनाने के लिए नए संकल्प लिए जाएँगे।

आसियान को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में भी आसियान क्षेत्र का प्रमुख स्थान है। वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी हर क्षेत्र में हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम का जिक्र करते हुए कहा कि ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ की भावना भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम है। इससे पहले जकार्ता में भारतीय समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया। गौरतलब है कि आसियान की स्थापना 1976 को हुई थी। मौजूदा वक्त में इसमें 10 देश शामिल हैं। इसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्वी एशिया में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग स्थापित करना है। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वह जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली लौटेंगे। भारत 9 और 10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।