मुकेश अंबानी ने कोको कोला क्षेत्र में रखा कदम, प्राइस वार शुरू

मुकेश अंबानी ने कोको कोला क्षेत्र में रखा कदम, प्राइस वार शुरू

नई दिल्ली। एशिया के सबसे अमीर शख्‍स और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries Ltd.) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का काम करने का तरीका एकदम अलग है। वह ज‍िस भी कारोबार में उतरते हैं उसमें इस कदम प्राइस वार शुरू हो जाता है क‍ि दूसरी कंपन‍ियों को भी दाम में कटौती करनी पड़ती है। र‍िलायंस ज‍ियो (Reliance Jio) की जब शुरुआत हुई थी तो भी आपको याद होगा क‍ि टेलीकॉम कंपन‍ियों में क‍िस तरह प्राइसवार छ‍िड़ गया था।  शुरुआती चरण में ज‍ियो की फ्री म‍िलने वाली सर्व‍िस ने लोगों को इसका दीवाना बना द‍िया था। प‍िछले द‍िनों मुकेश अंबानी ने अपने कारोबार का व‍िस्‍तार करते हुए कैंपा कोला का अध‍िग्रहण क‍िया था।

कैंपा कोला के 3 फ्लेवर आने से बढ़ा कंप्‍टीशन

इस डील के बाद मुकेश अंबानी ने कोला मार्केट में धमाकेदार शुरुआत का ऐलान कर द‍िया।  कंपनी की तरफ से होली के ठीक बाद रिलायंस ने 70 के दशक में कोल्‍ड ड्र‍िंक के फेमस ब्रांड कैंपा कोला के तीन फ्लेवर लॉन्च करने का ऐलान कर द‍िया।  इसके बाद अब मार्केट में प्राइस वार छिड़ गया है।  कैंपा कोला की बाजार में धमक से दूसरी द‍िग्‍गज कंपन‍ियों ने भी अपने प्रोडक्ट के दाम घटाने शुरू कर द‍िये हैं।  आपको बता दें प‍िछले द‍िनों रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने प्योर ड्रिंक ग्रुप से कैंपा कोला का 22 करोड़ में अध‍िग्रहण कर ल‍िया था।

ऑरेंज, लेमन और कोला फ्लेवर पेश क‍िया

इस डील के बार कंपनी की योजना दिवाली पर प्रोडक्ट लॉन्च करने की थी।  लेकिन बाद में इसे होली 2023 तक के ल‍िए बढ़ा दिया गया।  हाल ही में 50 साल पुराने इस बेवरेज ब्रांड Campa Cola के ऑरेंज, लेमन और कोला फ्लेवर को पेश क‍िया गया।  इन तीनों फ्लेवर के लॉन्‍च होने से बाजार में पहले से मौजूद पेप्सी, कोका-कोला और स्प्राइट को टक्‍कर म‍िल रही है।  कैंपा कोला के तीन फ्लेवर बाजार में आने से दूसरी कंपन‍ियां दबाव में हैं।

200ML की बोतल पर 5 रुपये की कटौती

गर्म‍ियों के सीजन की शुरुआत हो चुकी है और कंपन‍ियां ग्राहकों का ध्‍यान आकर्ष‍ित करना चाहती हैं।  Campa Cola के बाजार में आने से न‍िश्‍च‍ित तौर पर कम्‍पटीशन बढ़ा है।  यही कारण है क‍ि कोका कोला (Coca Cola) 200ML की बोतल की कीमत पर 5 रुपये की कटौती की है।  कोका-कोला (Coca Cola) की तरफ से ऐसे राज्यों में कीमत में कटौती करने का फैसला किया गया है, जहां सबसे कम स्टॉक रखा जाता है।