मानसून में किन बिमारियों से रहना है बच कर , आइये जाने एक्सपर्ट से

रिमझिम बारिश की फुहार सभी को रोमांचित करती है।  चाट पकोड़ी खाने और बारिश में भीगने से इसका आनंद दुगना हो जाता है पर यही वो समय भी होता है।  जब कई तरह के इन्फेक्शन्स आपके शरीर को जकड़ने के लिए तैयार बैठे होते हैं.....

मानसून में किन बिमारियों से रहना है बच कर , आइये जाने एक्सपर्ट से

फीचर्स डेस्क। रिमझिम बारिश की फुहार सभी को रोमांचित करती है।  चाट पकोड़ी खाने और बारिश में भीगने से इसका आनंद दुगना हो जाता है पर यही वो समय भी होता है। जब कई तरह के इन्फेक्शन्स आपके शरीर को जकड़ने के लिए तैयार बैठे होते हैं। गर्मियों में जहाँ लोग वायरल, मलेरिया  डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां परेशान रहते हैं वहीं मानसून में पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा रहता है। मानसून से जुड़ी बीमारियों के बारे में हमने डॉक्टर प्रतिमा खरे से बातचीत की उनके अनुसार रेनी सीजन में पेट से जुड़ी बीमारियों और हाईजीन से जुडी बिमारियों का चांस रहता है। सबसे ज्यादा समस्या आंतों में होती है क्योंकि हमारी डाइट और खराब पानी का इस्तेमाल इसे कमजोर कर देते हैं और गट बैक्टीरिया पर बहुत ज्यादा असर होता है। हमने डॉक्टर से इनसे बचाव का तरीकों पर भी जानकारी ली , आइये विस्तार से जानते हैं

रेनी सीजन की कॉमन बीमारियां

मोटे तौर पैर मानसून में पेट से सम्बंधित बीमारिया कॉमन हैं इसके अलावा वायरल फीवर , सर्दी जुखाम और साफ़ सफाई ना रहने से होने वाली बिमारियों का भी बोलबाला रहता है। मैन कॉमन डिसीसेस हैं

 टाइफाइड

खराब पानी से होने वाली सबसे कॉमन समस्या टाइफाइड है। इसमें तेज़ बुखार, आंतों में छालों के साथ गले का इन्फेक्शन भी होता है। जोड़ों का दर्द और सिरदर्द भी इसकी अहम लक्षण है।

जॉइंडिस

जॉइंडिस जिसे पीलिया भी कहते हैं। हाईजीन की कमी और कंटामिनटेड वाटर और फ़ूड की वजह से होता है। इसमें बुखार, स्किन का पीला पड़ना और  लिवर की परेशानी होती है।

हेपिटाइटिस A

ये वायरल इन्फेक्शन है और ये भी इन्फेक्टेड फ़ूड और वाटर की वजह से होता है। इस में भी लाइव एफ्फेक्टेड होता है साथ ही थकान, फीवर आदि बना रहता है।

सर्दी और बुखार

मानसून को फ्लू सीजन भी कहा जाता है और मानसून में टेम्प्रेचर बढ़ने और घटने के कारण हमेशा सर्दी , जुखाम हल्का बुखार होने का डर रहता है।

इन्फ्लूएंजा

इसे लोग वारयल भी कहते हैं जो अक्सर एक इंसान से दूसरे इंसान तक फैलता है और प्रॉपर हाईजीन मेन्टेन न करने के कारण होता है।

 मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया

मानसून मच्छरों का ब्रीडिंग सीजन हैं। मछरों की तादात बढ़ने से और उनके काटने से  ये सभी बीमारियां होती हैं। इनसे बचने के लिए आपको बहुत सारे प्रीकॉशन्स लेने पड़ते हैं।

कैसे रखें ख्याल

मानसून रिलेटेड डिसीसेस से बचने के लिए हाइजीन और खान पान का खास ख्याल रखना होगा। 

हाइजीन से जुड़े सुझाव

चूँकि ये सभी बीमारियां कहीं ना कहीं साफ़ सफाई से जुडी हैं तो इनसे बचने के लिए हाइजीन का ख्याल रखना ज़रूरी हो जाता है।

घर में कहीं भी पानी इकट्ठा न करें।

मच्छरों को भगाने की पूरी कोशिश करें।

मानसून में घर की सफाई का खास ध्यान रखें।

भीग जाने पर तुरंत नहा कर सूखें कपडे पहने , बालों को जल्द से जल्द सुखाये। 

बाहर से आने के बाद हाथों को ज़रूर धोये ।

जरूरत से ज्यादा बाहर का खाना अवॉइड करें।

अनहाईजीनिक जगह का खाना न खाएं।

अगर घर के आरस-पास पानी इकट्ठा हो रहा है तो मैनेजमेंट से कहकर उसे साफ करवाएं।

किसी भी तरह की बीमारी होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 

डाइट से जुड़े सुझाव

 मानसून के समय हमारी डाइट में पकोड़ा, समोसा, टिक्की और अन्य स्ट्रीट फूड बहुत ज्यादा आता है और इतना सब जंक फूड हमारी आंतों को नुकसान पहुंचाता है। गर्म और ह्यूमिडिटी वाला मौसम बैक्टीरिया का ब्रीडिंग ग्राउंड बन जाता है। ऐसे में आपको कुछ बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए

हेल्दी फूड्स की तरफ जाएं और जंक फूड को जितना हो सके कम खाएं।

अगर आपको कुछ गर्म खाने का मन है तो आप चाय, कॉफ़ी सूप या ब्रॉथ आदि ले सकते हैं पर पकोड़ा नहीं।

अगर आपको कुछ क्रंची खाना है तो रोस्टेड मखाना, चना जैसी चीज़ें खाएं पकोड़ा नहीं।

दिन में कम से कम 5 सर्विंग्स फलों और सब्जियों की खाएं।

पानी की कमी शरीर में न होने दें। 

रोड साइड खुले कटे फल और खाना खाने से बचे। 

घर में भी अपने किचन में सब सामान ढक कर रहे , घर में मक्खियों को ना आने दें।

Image Source – Freepick.com