फोकस साहित्य
"मूंगफली के दाने"
फिर तो शेफाली की रोज की आदत सी हो गई। उसके पास जाना कुछ बातें करना। कभी कभी वह अपने ग्राहकों के साथ उलझा रहता। उसे लगता अभी इसे परेशान...
फिर तो शेफाली की रोज की आदत सी हो गई। उसके पास जाना कुछ बातें करना। कभी कभी वह अपने ग्राहकों के साथ उलझा रहता। उसे लगता अभी इसे परेशान...