Biography : कौन है डॉ पल्लवी ? पहले खुद बनीं आत्मनिर्भर अब आधी आबादी को बना रहीं सेल्फ डिपेंड

डॉ पल्लवी ने अपने जीवन यापन के लिए सबसे पहले 1200 रुपये महीने की नौकरी शुरू की। तब डॉ पल्लवी की बड़ी बेटी की उम्र महज 2 साल थी। इसके बाद एक डिग्री कॉलेज पढ़ने लगीं लेकिन इस दौर में पल्लवी को बहुत सारे मानसिक दबाव का सामना करना पड़ा। लंबे संघर्ष के बाद डॉ पल्लवी को साल 2009 में सरकारी नौकरी मिली। डॉ पल्लवी तिवारी कौन है...

Biography : कौन है डॉ पल्लवी ? पहले खुद बनीं आत्मनिर्भर अब आधी आबादी को बना रहीं सेल्फ डिपेंड
Biography : कौन है डॉ पल्लवी ? पहले खुद बनीं आत्मनिर्भर अब आधी आबादी को बना रहीं सेल्फ डिपेंड
Biography : कौन है डॉ पल्लवी ? पहले खुद बनीं आत्मनिर्भर अब आधी आबादी को बना रहीं सेल्फ डिपेंड
Biography : कौन है डॉ पल्लवी ? पहले खुद बनीं आत्मनिर्भर अब आधी आबादी को बना रहीं सेल्फ डिपेंड

फीचर्स डेस्क। एमएससी की पढ़ाई करते वक्त ही 19 साल की उम्र में डॉ पल्लवी की शादी हो गई। लेकिन चुनौतियां इतनी की किसी को भी परेशान कर दें। लेकिन हिम्मत न हारने वाली डॉ पल्लवी आज खुद आत्मनिर्भर हैं और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठा लिया है। डॉ पल्लवी ने अपने जीवन यापन के लिए सबसे पहले 1200 रुपये महीने की नौकरी शुरू की। तब डॉ पल्लवी की बड़ी बेटी की उम्र महज 2 साल थी। इसके बाद एक डिग्री कॉलेज पढ़ाने लगीं लेकिन इस दौर में पल्लवी को बहुत सारे मानसिक दबाव का सामना करना पड़ा। लंबे संघर्ष के बाद डॉ पल्लवी को साल 2009 में सरकारी नौकरी मिली। डॉ पल्लवी तिवारी कौन है संक्षेप में आपको बता दिया लेकिन पल्लवी के बारें में तमाम अनसुनी बातें हैं जो आपको आगे बताने जा रहीं हूँ, जैसे- डॉ पल्लवी तिवारी की बायोग्राफी (Biography of Dr Pallavi Tiwari), डॉ पल्लवी तिवारी की शिक्षा (Dr Pallavi of education), डॉ पल्लवी तिवारी करियर (Career of Dr Pallavi Tiwari), डॉ पल्लवी की लाइफ स्टोरी (Life Story of Dr Pallavi Tiwari), डॉ पल्लवी तिवारी को पुरस्कार (Dr Pallavi Tiwari award),  डॉ पल्लवी तिवारी का शौक (hobby of Dr Pallavi Tiwari), तो चलिए बताते हैं डॉ पल्लवी  तिवारी के बारे में...

डॉ पल्लवी तिवारी की बायोग्राफी Biography of Dr Pallavi Tiwari

पल्लवी तिवारी का जन्म साल 5 जनवरी 1980 में यूपी के सुल्तानपूर जिले में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री तारकेश्वर है और माता का नाम स्व. श्रीमती गार्गी तिवारी था। पल्लवी एक तलाकशुदा महिला हैं और अपनी दो बेटियों के साथ अपने माता-पिता के घर में रहती हैं। पल्लवी की 2 बेटियां हैं, बड़ी 19 साल की है और छोटी 11 साल की है। पहली मणिपाल यूनिवर्सिटी मैंगलोर से होटल मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन कर रही है और दूसरी छठी क्लास में है।

पल्लवी तिवारी की शिक्षा : Dr Pallavi Tiwari of education

पल्लवी तिवारी ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सुल्तानपुर के सरस्वती शिशु मंदिर विवेकानंदनगर सुल्तानपुर में हिंदी माध्यम में से किया। फिर रामराजी सरस्वती विद्या मंदिर सुल्तानपुर से हाईस्कूल, जीजीआईसी सुल्तानपुर से 11वीं और 12वीं और बायोलॉजी स्ट्रीम से बीएससी किया। इसके बाद केएनआई सुल्तानपुर से रसायन विज्ञान में एमएससी की डिग्री प्राप्त किया। पल्लवी ने बी.एड. इंदिरागांधी डिग्री कॉलेज गौरीगंज सुल्तानपुर से किया है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजा बाद से पीएचडी की डिग्री हासिल किया है।

पल्लवी तिवारी करियर : Career of Dr Pallavi Tiwari

पल्लवी तिवारी ने साल 2009 में 1200 रुपए महीने पर नौकरी कर के अपने कॅरियर की शुरुआत किया उसके बाद गनपत सहाय पोस्ट ग्रेजुएट कालेज में रसायन विभाग में अंशकालिक प्रवक्ता के बीएससी और एमसी के छात्र-छात्राओं पढ़ाया साथ ही घर और कोचिंग संस्थाओं में जरूरतमन्द निःशुल्क शिक्षा दिया। और अब वर्तमान में यूपी सरकार के बुनियादी विभाग में उच्च मध्यमिक विद्यालय चंद्रनगर में विज्ञान विषय की सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। 6वीं से 8वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को साइंस पढ़ाती हैं। पल्लवी मॉडलिंग की दुनिया में भी अपना कॅरियर बनाना चाहती हैं। वहीं, अभिनय और गायन कथक सीखना की ख्वाइश रखती हैं। पल्लवी को एक बेहतर मंच की तलाश है।

डॉ पल्लवी तिवारी की एक किताब भी प्रिंट हो चुकी है जिसका नाम है - Women Rising Power Of India 

डॉ पल्लवी महिलाओं को बना रहीं हैं आत्मनिर्भर: Dr. Pallavi is making women self-reliant

बता दें कि अखिल भारतीय विध्यार्थी परिषद की तहसील प्रमुख के रूप में कक्षा 6 से 12 तक की छात्राओं को शिक्षा, स्वलम्बन, आर्थिक स्वतन्त्रता आत्म निर्भर, आत्मरक्षण और उनके व्यक्तिगत विकास के लिए प्रयासरत हैं। पल्लवी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बानने के लिए भी काम कर रही हैं। परिषदीय स्कूल शिक्षक बनकर डॉ पल्लवी तिवारी ने खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अन्य महिलाओं की मदद करके उनको भी आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहीं हैं। डॉ पल्लवी को इसके लिए कई मंचों पर सम्मानित भी किया जा चुका है। बता दें कि डॉ पल्लवी मीना मंच के सुगमकर्ता के रूप में बालिकाओं के आत्मविश्वास कि वृद्धि के लिए अनेक गतिविधिओं का भी आयोजन करती रहती हैं। इसके साथ ही बालिकाओं और उनके माताओं को क़ैसर जागरूकता, मासिक धर्म स्वच्छता सहित इस तरह के समस्याओं के लिए महिला डॉक्टर के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम में भाग लेती हैं। महिला शिक्षक संघ कि अध्यक्ष होने के कारण डॉ पल्लवी शिक्षकों के हक की लड़ाई भी लगातार लड़ रहीं हैं।   

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डॉ पल्लवी तिवारी को पुरस्कार : Dr Pallavi Tiwari award

डॉ पल्लवी को समाज में अच्छे कार्य करने और माडलिंग के लिए कई अवार्ड मिल चुके हैं, जिनमे- 1.वुमेन वेलफेयर फाऊंडेशन लखनऊ की तरफ से 2022-23 का महिला और बाल कवच का ब्रांड एंबेसडर नामित। 2. लुंबनी में आयोजित इंटरनेशनल एजुकेशन कांफ्रेस और इंटरनेशनल अवार्ड सेरेमनी में अंतराष्ट्रय शिक्षा सम्मान। 3. पाँच अक्टूबर 2022 को बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से शिक्षक सम्मान। 4. दो अक्टूबर 2022 को लखनऊ में कमला आइकानिक अवार्ड से सम्मानित। 5. छ्ह फरवरी 2023 को अंबेडकरनगर में श्रवण क्षेत्र गौरव सम्मान मिला। 6.राम कथा संघालय, अयोध्या में 5 फरवरी 2023 को नारी शक्ति सम्मान से बुनियादी शिक्षा आंदोलन द्वारा सम्मानित। 7. मिसेज इंडिया ग्लोब 2020 2nd Runner up. 8. मिशन शक्ति यूपी सरकार की तरफ से सीडीओ सुल्तानपुर ने प्रदान किया।

डॉ पल्लवी को विज्ञान और अंग्रेजी से प्यार है : Dr Pallavi loves science and English

डॉ पल्लवी कहती हैं की इन्हें स्कूल का समय से विज्ञान और अंग्रेजी से प्यार है। विज्ञान हमेशा इनको आकर्षित करता है क्योंकि पल्लवी नई चीजों को जानने के लिए उत्सुक रहती हैं। डॉ पल्लवी प्रकृति, जानवरों और मनुष्यों के बारे में जानना चाहती थी। डॉ पल्लवी ने बी.एससी. बॉटनी, जूलॉजी और केमिस्ट्री और एमएससी केमिस्ट्री में किया डॉक्टर बन सकती थीं।

डॉ पल्लवी ने कैंसर की दवाओं में किया डॉक्टरेट : Dr. Pallavi did doctorate in cancer drugs

बता दें कि डॉ पल्लवी ने कैंसर की दवाओं में डॉक्टरेट किया और इसके लिए विषय चुना "रिग्रेशन पद्धति का उपयोग करते हुए कुछ कैंसर और मलेरिया दवाओं के मात्रात्मक संरचना गतिविधि संबंध अध्ययन।" डॉ पल्लवी का कहना है कि दवाओं की संरचना बदलने से शक्ति बढ़ती है और साइड इफेक्ट कम हो जाता है। इस टॉपिव को चुनने के पीछे कारण यह था कि आजकल कैंसर बहुत गंभीर बीमारी है और दिन-प्रतिदिन पेटेंट की संख्या बढ़ती जा रही है। मैं लोगों को इसके बारे में जागरूक करना चाहती थी।

इन्होने किया डॉ पल्लवी की मदद : He helped Dr. Pallavi

इन्होने जब पीएचडी के लिए टॉपिक चुना तो इसमे इनकी हेल्प उस समय के पर्यवेक्षक प्रोफेसर के.पी. द्विवेदी ने किया जो जीएसपीजी कॉलेज सुल्तानपुर के एचओडी थे। उस समय डॉ पल्लवी पार्ट टाइम लेक्चरर थी। डॉ पल्लवी कहती हैं कि मैं 6वीं से 8वीं कक्षा को पढ़ा रहीं हूँ, इसलिए यहां मेरे पीएचडी का ज्यादा महत्व नहीं है क्योंकि मुझे वित्तीय समस्या और बेटियों की देनदारियों के कारण यह नौकरी चुननी थी। डॉ पल्लवी न्यूट्रिशन के रूप में भी काम करती हैं, इसके लिए ये लोगो को समझती हैं कि लोग क्या खाएं, शराब, टोबैको और फास्ट फूड से होने वाले नुकसान के बारें में लोगों को जागरूक करती रहती हैं।

हालात ठीक न होने पर माता-पिता ने किया सपोर्ट : Parents supported when the situation was not right

डॉ पल्लवी ने बताया कि जब मेरे पति को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था तब मेरी माँ ने मेरा अच्छा समर्थन और मेरे पिता ने भी साथ दिया। उन्होंने मुझे अपने पैरों पर खड़े होने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में मदद की। डॉ पल्लवी कहती हैं कि हमने हमेशा सपने देखें, अपने दिल की सुनी और कभी हार न मानी। आज सभी को कहती हैं कि बस खुद पर विश्वास करें और दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें। इसके लिए कभी भी अपने माता-पिता, दोस्तों, रिश्तेदारों या अपने पति या बच्चों से मदद की प्रतीक्षा न करें। हमेशा शिक्षा पर ध्यान दें।

क्या है डॉ पल्लवी का ड्रीम प्रोजेक्ट 

डॉ पल्लवी कहती हैं कि मैं आगे चल कर छोटे शहर की सभी लड़कियों और महिलाओं के लिए विशेष रूप से सुल्तानपुर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उम्मीद बनना चाहती हूँ। इसके लिए मुझे बड़े सपने देखने हैं और एक निर्णय लेना है और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है। मेरा प्रोजेक्ट महिला को सशक्त बनाने का है। मुझे उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए काम करना है। ऐसे में सुल्तानपुर के लोग ऐसे अच्छे काम के लिए आगे आएगे यह सोचकर कि एक महिला कर सकती है तो वे भी कर सकते हैं। उन्हें सलाह और परामर्श देंगे। उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करेंगे। ऐसे में मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट नाम और प्रसिद्धि सामाजिक और साथ ही प्रशासनिक स्तर पर चीजों को आसान और आसान बनाने में मदद करेगी। 

 डॉ पल्लवी तिवारी का शौक : hobby of Dr Pallavi Tiwari

डॉ पल्लवी की हॉबी की बात करें तो इनको म्यूजिक और बैटमिंटन खेलना बहुत पसंद है।