World Mental Health Day : मेन्टल हेल्थ जुडी है आपकी फिजिकल हेल्थ से , इसको अनदेखा ना करें

मानसिक तनाव को अक्सर बहुत छोटी चीज़ समझा जाता है और इसे लेकर लोगों के मन में कई भ्रांतियां हैं। कई रिसर्च इस बात की पुष्टी कर चुकी हैं कि मानसिक तनाव के परिणाम बहुत बुरे साबित हो सकते हैं.....

World Mental Health Day : मेन्टल हेल्थ जुडी है आपकी फिजिकल हेल्थ से , इसको अनदेखा ना करें

फीचर्स डेस्क। मेन्टल हेल्थ को आज भी हमारे देश में सीरियसली नहीं लिया जाता। हेल्थी रहने के के लिए फिजिकल हेल्थ जितनी इम्पोर्टेन्ट है उतनी ही मेन्टल हेल्थ भी। क्योकि मेन्टल हेल्थ जब क्रोनिक स्टेज तक पहुंच जाती है तो ये शरीर के बाकि अंगो को भी डैमेज करना शुरू कर देती है। इसलिए दुनिया भर में हर साल १० अक्टूबर को  मनाया जाता है वर्ल्ड मेन्टल हेल्थ डे जिसका का मोटिव लोगो में मेन्टल हेल्थ ,स्ट्रेस ,डिप्रेशन आदि के लिए अवेर्नेस क्रिएट करना होता है। दरअसल बहुत सारे लोग मेन्टल स्ट्रेस के सिम्पटम्स और सिगनल्स को समझ ही नहीं पाते और ये दीमक की तरह शरीर को खोखला करता जाता है। आइये जाने वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन द्वारा जारी मानसिक तनाव के लक्षण , बाकि अंगो पर असर और इससे बचने के तरीकों को 

मेन्टल स्ट्रेस के लक्षण

मेन्टल स्ट्रेस के लक्षण बड़े आम से होते हैं शायद इसीलिए लोग इनको अनदेखा करते हैं और समय से बीमारी को पकड़ नहीं पाते। 

लगातार सिरदर्द की समस्या रहना। ये नॉर्मल पीरियॉडिक सिरदर्द से लेकर माइग्रेन तक कुछ भी हो सकता है।

गर्दन और कंधे में दर्द रहना। 

लगातार बैक पेन होना।

मांसपेशियों में ऐंठन और खिचाव महसूस होना बिना कोई फिजिकल वर्क किये।

बार बार पेट का ख़राब होना। ये कॉन्स्टिपेशन और लूज़ मोशन दोनों में से किसी तरह भी हो सकता है। 

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सीने में भारीपन लगना या सांस लेने में प्रॉब्लम होना।

जरूरत से ज्यादा इमोशनल होना। बिना बात के बार बार रोना आना।

ख़राब मेन्टल हेल्थ का बॉडी पर असर

क्रोनिक मेन्टल हेल्थ का असर सिर्फ दिमाग पर ही नहीं बल्कि बॉडी के लगभग सभी इम्पोर्टेन्ट ऑर्गन्स पर पड़ता है। इससे कई अलग-अलग तरह की प्रोब्लेम्स हो सकती हैं जैसे

1. मानसिक समस्याएं जैसे डिप्रेशन, एंग्जाइटी, पर्सनालिटी डिसऑर्डर और कुछ गंभीर मामलों में स्कित्जोफ्रेनिया जैसी गंभीर समस्या।

2. दिल से जुड़ी बीमारियां जैसे हाई बीपी, पल्स रेट का बढ़ना या घटना, हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि।

3. वजन बढ़ना और खाने-पीने से जुड़ी समस्याएं होना।

4. मेंस्ट्रुअल समस्याएं, कुछ गंभीर मामलों में पीरियड्स का मिस होना या कोई अन्य गायनी समस्या होना।

5. सेक्शुअल समस्याएं।

6. स्किन और बालों से जुड़ी समस्याएं होना, बालों का बहुत ज्यादा झड़ना, एक्जिमा, एक्ने आदि।

7. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे गेस्ट्राइटिस आदि।

बचने के उपाय

WHO ने कुछ गाइडलाइन्स को जारी किया है। जिससे मेन्टल स्ट्रेस को मैनेज किया जा सकता है

1. सबसे पहले इसके बारे में बात करना शुरू करें ।

2. योग करें।

3. मैडिटेशन का सहारा लें।

4. निगेटिव चीज़ों से दूर रहे।

5. बदलाव को स्वीकारना करना सीखे और आगे बढ़ें।

6. खुद के साथ अच्छा व्यवहार करें, स्वयं को ट्रीट दें।

7. समस्या का पता लगने पर उसे खुलकर स्वीकार करना और सोलूशन्स को खोजें।

अगर आपको भी मानसिक तनाव है तो अकेले इससे परेशान न हों। अपनी समस्या लोगों के साथ साझा करें और जरूरत पड़ने पर चिकित्सकीय सलाह भी लें।

Image Source- freepick