Women's Day Special: मिस यूनिवर्स हरनाज संधू की मां है उनकी प्रेरणा श्रोत, कैसे पहुंचाया बेटी को उसके मुकाम तक जानिए पूरी स्टोरी

आज हरनाज़ संधू का नाम पूरी दुनिया जानती है। पर इस नाम की सफलता के पीछे किसका हाथ है इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। हम बताते है इस वूमेंस डे के मौके पर कि मिस यूनिवर्स हरनाज संधू की मां रविंदर कौर कैसे बनी उनकी प्रेरणा श्रोत….

Women's Day Special: मिस यूनिवर्स हरनाज संधू की मां है उनकी प्रेरणा श्रोत, कैसे पहुंचाया बेटी को उसके मुकाम तक जानिए पूरी स्टोरी

फीचर्स डेस्क। मां शब्द जिसमें पूरी दुनिया समाई है। हर मां का सपना होता है कि उसकी बेटी उससे आगे जाएं। इसके लिए मां हर संभव प्रयास करती है। जब उसकी बेटी सफल होती है तो मां को सब कुछ मिल जाता है। मिस यूनिवर्स हरनाज़ संधू की सफलता के पीछे उनकी मां का ही हाथ है, ये बात अभी हाल ही में हरनाज ने भी कही और अपनी सक्सेस का पूरा क्रेडिट अपनी मां रविंदर कौर संधू को दिया। आखिर कौन है रविंदर कौर संधू और कैसे बनी हरनाज की प्रेरणा श्रोत, जानते है उनके बारे में।

 कौन है रविंदर कौर संधू

रविंदर कौर पेशे से लेडी डॉक्टर यानी गाईनोकोलॉजिस्ट है। अभी पिछले दिनों हरनाज ने अपनी मां के साथ एक वीडियो शेयर किया जिसका नाम हियर ईट फ्रॉम मां था, जिसमें हरनाज़ अपनी मां के साथ प्रोग्राम होस्ट कर रही थी। इस वीडियो में रविंदर लड़कियों की पीरियड संबंधित प्रॉब्लम सॉल्व करती नजर आ रही थी।

 बेटी को देती है प्रेरणा

हरनाज़ अपनी मां को अपनी प्रेरणा मानती है। वो आज जिस मुकाम पर है वहां तक पहुंचने का श्रेय वो अपनी मां रविंदर कौर को ही देती है। मिस यूनिवर्स बनने के बाद हरनाज ने ये ही कहा कि वो अपने परिवार के बहुत करीब है, खासकर के अपनी मां के। हरनाज कहती है कि मेरी मां मेरे सपनों की निर्माता है और उन्हें पूरा करने की सीढ़ी भी। पितृ सत्तात्मक पीढ़ी को तोड़ कर आगे बढ़ी रविंदर ने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने की हर संभव कोशिश की। और आज जिस पोजीशन पर हरनाज है उसके पीछे उनकी मां का ही योगदान है।

 बेटी से है बेहद लगाव

बेटी की जीत पर अगर उससे भी ज्यादा कोई खुश होता है तो वो है उसकी मां। हरनाज़ के सिर जब जीत का सेहरा बंधा तब रविंदर की आंखों में से आंसू बहने लगे थे, उनके तो रोंगटे ही खड़े हो गए थे। जितना ज्यादा प्यार वो अपनी बेटी से करती है उससे ज्यादा नाज़ है उन्हे अपनी बेटी पर। हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है रविंदर ने हरनाज को।

जीत के लिए की प्रार्थना

हर मां चाहती है कि उसकी बेटी वो सब पाए जो वो चाहती है। रविंदर ने भी अपनी बेटी की जीत के लिए कई प्रार्थनाएं की। उन्होंने तो हरनाज का प्रोग्राम तक नहीं देखा। वो गुरुद्वारे में लगातार प्रार्थना करती रही और ये मन्नत की कि जब तक हरनाज के जीत की खबर नहीं आ जाती वो घर नहीं जाएंगी। जीत की खबर सुनते ही वो रो पड़ी। ऐसा होता है मां का प्यार।

आज हमें भी रविंदर कौर जैसी महिला से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिन्होंने रूढ़िवादी समाज की परवाह न करके खुद को सक्षम बनाया साथ ही अपने बच्चों को भी उनके सपनों की उड़ान भरने का हौसला दिया।