women's day special : मात्र 1 रुपए में भर पेट भोजन

इस महंगाई के ज़माने में भी मात्र 1 रुपए लोगो को भर पेट भोजन करवा रही है 80 वर्षीय दादी कमलाथल, आइये जाने इनके बारे में  

women's day special : मात्र 1 रुपए में भर पेट भोजन

फीचर्स डेस्क। 8 मार्च को इंटरनेशनल वोमेंस डे है। वोमेंस का समाज में अहम रोल है। इनके बिना सृष्टि का निर्माण ही नहीं हो सकता है। जब बात महिला दिवस की हो रही है तो हमें महिलाओं के बारें में जान लेना चाहिए जो आज अपने आप में एक मिसाल हैं। ऐसे ही महिला दिवस पर मैं आज आपको ऐसी महिला के बारें में बताने जा रहीं हूँ जिनको लोग एक 1 रुपए वाली इडली दादी माँ कहते हैं। आखिर क्या है ये 1 रुपए में इडली की कहानी ? तो आइये जानते हैं इन दादी के बारें में-

 महंगाई अपार दादी 80 के पार

आज महंगाई कितनी है, सब कुछ महंगा होता जा रहा है। लेकिन ये 80 साल के पार दादी अभी भी 1 रुपए में लोगों को इडली खिलाकर उनका पेट भर रहीं हैं। यही इनका अंदाज आज इनकी पहचान है। आपको बता दूँ कि कई नामी लोग भी उनके इस काम की तारीफ करते हैं।

कौन हैं ये दादी जिनकी सभी करते हैं तारीफ ?

सबसे पहले इन दादी अम्मा का आपको नाम बता दूँ, जी, हाँ इनका नाम है के. कमलाथल और उम्र 80 वर्ष हो चुकी है। ये रहती हैं तमिलनाडु पेरु के नजदीक वडिवेलम्पलयम गांव में। इनको लोग केवल एक रुपए में सांभर-चटनी के साथ इडली बेचने के लिए जानते हैं। यही नहीं बल्कि ये दादी अपने उम्र के हिसाब से काफी एक्टिव हैं और बड़ें फुर्ती के साथ पूरे काम को खुद करती हैं। ये इतना सस्ता क्यो और कैसे खिला पाती हैं इसके जवाब में बोलती हैं लोगों को अच्छा और सस्ता भोजन कराना ही मेरा उदेश्य है।

कितने बजे शुरू होता है इनका ये नेक कार्य ?

उम्र 80 साल और 6 बजे से काम में लग जाना इतना आसान नहीं फिर भी इनकी दिनचर्या सुबह के 6 बजे से ही शुरू हो जाता है। आपको बता दें कि दादी रोजाना सुबह सूरज उदय से पहले ही उठ जाती हैं और अपनी दुकान के की व्यवस्था करने में जुट जाती हैं। छप्पर में चल रहीं इनकी इस दुकान में भीड़ भी सुबह से ही लगाने लगती है। फिर शुरू होता है दादी का 1 रुपए में लोगों को सांभर-चटनी के साथ इडली परोसने का सिलसिला जो शाम 6 बजे तक एक सुकून भरी सांस लेने के बाद पूरी होती है। दादी का यह सफर कब शुरू हुआ यह ठीक से तो नहीं बताया जा सकता फिर भी दादी एक अनुमान के मुताबिक 30 से 36 साल पहले से यह सफर निरंतर चल रहा है।

क्या है बचता है दादी को इनके इस इडली से ?

आखिर इतना सस्ता में खिलाने के बाद बचता क्या है दादी को ? तो आपको बता दें कि रोजाना करीब 200 रुपए तक बचा लेती हैं। यह 200 बचाने के लिए इनको करीब 200 के आसपास इडली बेचने पड़ते हैं। दादी कहती हैं मैंने पैसे कमाने के लिए नहीं बल्कि कम पैसे में लोगों का पेट भरने के बाद चेहरे पर एक सुकून देखने के लिए शुरू किया है इसलिए कभी दाम नहीं बढ़ाया है।

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