वास्तु : वास्तु के अनुसार इन कामों को करने से आसानी से मिलेगा अपना मकान

कई बार ऐसा भी होता है कि कोई जीवन भर मेहनत कर स्वयं का मकान नहीं बना पाता जबकि किसी को बिना मेहनत के ही कई मकान मिल जाते हैं। नीचे कुछ योग दिए गए हैं। जिनके भाग्य में यह योग होते हैं उन्हें सहजता के भवन की प्राप्ति होती है...

वास्तु : वास्तु के अनुसार इन कामों को करने से आसानी से मिलेगा अपना मकान

फीचर्स डेस्क। सभी का सपना होता है कि उसका एक सुंदर सा घर हो। इसके लिए वह दिन-रात मेहनत करता है। कई बार ऐसा भी होता है कि कोई जीवन भर मेहनत कर स्वयं का मकान नहीं बना पाता जबकि किसी को बिना मेहनत के ही कई मकान मिल जाते हैं। नीचे कुछ योग दिए गए हैं। जिनके भाग्य में यह योग होते हैं उन्हें सहजता के भवन की प्राप्ति होती है-

पहले व सातवें भाव का स्वामी पहले (लग्न) भाव में हो तथा चौथे भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो व्यक्ति को बिना प्रयास के ही भवन प्राप्त हो जाता है। जन्मकुण्डली के चौथे भाव का स्वामी उच्च, मूलत्रिकोण या स्वराशि में हो तथा नौवें भाव का स्वामी केंद्र (1, 4, 7, 10) में हो तो ऐसे जातक को सरलता से भवन की प्राप्ति हो जाती है।

जन्मकुण्डली के पहले और सातवें भाव का स्वामी पहले या चौथे भाव में हो और शुभ ग्रहों से युक्त हो, नौवें भाव का स्वामी केंद्र (1, 4, 7, 10) भाव में हो और चौथे भाव का स्वामी उच्च, मूल त्रिकोण या स्वराशि का हो तो ऐसा व्यक्ति अल्प प्रयास से अच्छा भवन प्राप्त कर लेता है। शुभ होता है घर के सामने बगीचा वास्तु ऐसा माध्यम है। जिससे आप जान सकते हैं कि किस प्रकार आप अपने घर को सुखी व समृद्धशाली बना सकते हैं। नीचे वास्तु सम्मत ऐसी ही जानकारी दी गई है जो आपके लिए उपयोगी होगी--

1- ऐसे मकान जिनके सामने एक बगीचा हो, भले ही वह छोटा हो, अच्छे माने जाते हैं, जिनके दरवाजे सीधे सड़क की ओर खुलते हों क्योंकि बगीचे का क्षेत्र प्राण के वेग के लिए अनुकूल माना जाता है। घर के सामने बगीचे में ऐसा पेड़ नहीं होना चाहिए, जो घर से ऊंचा हो।

2- वास्तु नियम के अनुसार हर दो घरों के बीच खाली जगह होना चाहिए। हालांकि भीड़भाड़ वाले शहर में कतारबद्ध मकान बनाना किफायती होता है लेकिन वास्तु के नियमों के अनुसार यह नुकसानदेय होता है क्योंकि यह प्रकाश, हवा और ब्रह्माण्डीय ऊर्जा के आगमन को रोकता है।

3- आमतौर पर उत्तर दिशा की ओर मुंह वाले कतारबद्ध घरों में तमाम अच्छे प्रभाव प्राप्त होते हैं जबकि दक्षिण दिशा की ओर मुंह वाले मकान बुरे प्रभावों को बुलावा देते हैं। हालांकि पूर्व और पश्चिम की ओर मुंह वाले कतारबद्ध मकान अनुकूल स्थिति में माने जाते हैं क्योंकि पश्चिम की ओर मुंह वाले मकान सामान्य ढंग के न्यूट्रल होते हैं।

4- पूर्व की ओर मुंह वाले घर लाभकारी होते हैं। कतार के आखिरी छोर वाले मकान लाभकारी हो सकते हैं यदि उनका दक्षिणी भाग किसी अन्य मकान से जुड़ा हो या पूरी तरह बंद हो। ऐसी स्थिति में जहां कतारबद्ध घर एक-दूसरे के सामने हों, वहां सीध में फाटक या दरवाजे लगाने से बचना चाहिए।

5- यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दक्षिण की ओर मुंह वाले घर यदि सही तरीके से बनाए जाएं तो लाभकारी परिणाम हासिल किए जा सकते है ।

इनपुट सोर्स : एस्ट्रो विरेन्दर