शिव जी के विभिन्न ये मंदिर जहां दर्शन मात्र से मिल जाता है सौ जन्मों का पुण्य

शिव सत्य है,शिव ओंकारेश्वर है शिव शाश्वत है।शिव के दर्शन मात्र से भक्तों के समस्त पाप खत्म हो जाते है। पूरे भारत में शिव जी के अनेक मंदिर है। कौन से मंदिर की क्या विशेषता है आइए जानते है इस आर्टिकल में....

शिव जी के विभिन्न ये मंदिर जहां दर्शन मात्र से मिल जाता है सौ जन्मों का पुण्य

फीचर्स डेस्क। भगवान शिव को स्वयभू के नाम से भी जाना जाता है। इसका अर्थ ये हुआ कि भगवान शिव का जन्म मानव शरीर से नहीं हुआ। जब कुछ नही था तो शिव थे। जब सब कुछ नष्ट हो जायेगा तब भी शिव रहेंगे। इसी कारण भगवान शिव को आदिदेव भी कहा जाता है। आज हम आपको आदिदेव भोले नाथ के उन मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है जहा जाकर मनुष्य की आत्मा तृप्त हो जाती है। उसे जीते जी मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

केदारनाथ मंदिर

शिव जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है केदारनाथ। केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहां का मौसम बहुत ठंडा रहता है ।इसलिए ये मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के बीच ही खुलता है। केदारनाथ मंदिर की मान्यता सभी ज्योतिर्लिंगों में सबसे ज्यादा है। यहां भगवान शिव की पूजा विग्रह रूप में की जाती है। पत्थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मंदिर के शिवलिंग का रहस्य पांडवों से जुड़ा है।

घृष्णेश्वर मंदिर

भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है । ये अंतिम ज्योतिर्लिंग माना जाता है। घृष्णेश्वर मंदिर जो कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के दौलताबाद से सिर्फ 11 किलोमीटर ही दूर है। ये स्थान बहुत शांत रहता है। लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से सभी प्रकार के दोष और रोग दूर हो जाते है। अगर कोई दंपत्ति निःसंतान है तो उसे इस मंदिर के दर्शन करने से संतान प्राप्ति हो जाती है।घृष्णेश्वर मंदिर में गर्भगृह  17*17 फुट का है जिसमे एक बड़े आकार का शिवलिंग रखा गया है जो पूर्व विमुख है।

लिंगराज मंदिर

यह मंदिर ओडिशा प्रांत की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। यह मंदिर सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में आपको कलिंग वास्तुकला के दर्शन होंगे। इस मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजाओं के द्वारा किया गया था।

अमरनाथ मंदिर

अमरनाथ को तीर्थो का तीर्थ कहा जाता है। ये मंदिर हिंदुओ का प्रमुख तीर्थ स्थल है। ये मंदिर कश्मीर राज्य के श्रीनगर  शहर के उत्तर पूर्व में स्थित है। अमरनाथ गुफा भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। क्योंकि यहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का महत्व बताया था। यहां की प्रमुख विशेषता ये है कि यहां हर वर्ष प्राकृतिक रूप से बर्फ से शिवलिंग का निर्माण होता है। बहुत बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन करने आते है।

वैद्यनाथ मंदिर

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर जिसे बाबा बैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है। ये भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को भगवान शिव का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यह मंदिर अति पुराणकालीन मंदिर है जो झारखंड राज्य के देवघर नाम की जगह में स्थित है। ये बहुत ही पवित्र धाम है।

महाकालेश्वर मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। या मंदिर मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित है। यहां महाकालेश्वर रूप में शिव जी की पूजा होती है। महाकालेश्वर की प्रतिमा दक्षिणमुखी है। इन्हे समय व मृत्यु के देवता के नाम से जाना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन यहां विशाल मेला लगता है और रात्रि के समय यहां पूजा होती है।

भीमाशंकर मंदिर

भगवान शंकर के बारह ज्योतिर्लिंगों में भीमाशंकर का छठा स्थान है।यह मंदिर महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 110 किलोमीटर एक पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है वो काफी बड़ा और मोटा है। इसी कारण इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के पास भीमा नदी बहती है।

त्रयंबकेश्वर मंदिर

शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से त्र्यंबकेश्वर मंदिर को दसवाँ स्थान दिया गया है। यह मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में है। मंदिर के अंदर एक छोटे सा गड्ढा है जिसने तीन लिंग है। जिन्हें ब्रह्मा,विष्णु,महेश इन तीनों का प्रतीक माना जाता है। यह मंदिर काले पत्थर से बना हुआ है जो बेहद सुंदर प्रतीत होता है।

सोमनाथ मंदिर

सोमनाथ मंदिर गुजरात प्रांत के काठियावाड़ क्षेत्र में सागर के किनारे स्थित है। ये मंदिर भी शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ये मंदिर संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि सोमनाथ मंदिर में शिवलिंग हवा में स्थित था जो कि एक रहस्य का विषय है। ये मंदिर वास्तुकला का एक नायाब निर्माण है। चुंबक की शक्ति से यहां का शिवलिंग हवा में ही स्थित था। जिसे देखकर महमूद गजनवी भी आश्चर्यचकित रह गया था।ऋग्वेद के अनुसार इसका निर्माण चंद्र देव ने किया था।

मुरुदेश्वर मंदिर

यह मंदिर कर्नाटक में कन्नड़ जिले के तहसील में स्थित है। जो कि तीनों तरफ से अरब सागर से घिरा हुआ है।मुरुदेश्वर भगवान शिव का ही एक नाम है। इस मंदिर की एक खास बात ये है कि मंदिर परिसर में एक विशाल शिव जी की मूर्ति है जिसे विश्व की दूसरी सबसे ऊंची शिव प्रतिमा कहा जाता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसकी महिमा अपरंपार है। इस मंदिर में आकर नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सारे पाप और दुष्कर्म मिट जाते है और पुण्य की प्राप्ति होती है। अगर सावन माह में आपने यहां के दर्शन कर लिए तो आपको शिव धाम की प्राप्ति होगी ऐसी मान्यता है।

काशी विश्वनाथ मंदिर

संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में गंगा नदी के तट पर स्थित है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से सबसे प्रमुख काशी विश्वनाथ जहां बाबा विश्वनाथ देवी शक्ति के साथ विराजित है। ऐसा माना जाता है कि गंगा नदी में स्नान करके बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पूरे विश्व में ऐसी कोई जगह नहीं जहां शिव और शक्ति दोनों साथ में विराजमान हो।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

रामेश्वरम हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ है । ये मंदिर तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है।  इस मंदिर में जो शिवलिंग है वो भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। उत्तर में काशी विश्वनाथ मंदिर की जितनी मान्यता है वही दक्षिण में रामेश्वरम की है। रामचंद्र जी ने सागर किनारे जिस शिवलिंग की स्थापना की थी रामेश्वरम वही शिवलिंग है। वहां की कलाकारी देखने लायक है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस मंदिर में आकर शिव जी का अभिषेक करता है उसकी साथ पीढ़ी तर जाती है।

यहां हमने आपको विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में जानकारी दी। आप भी इन मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन हेतु जाए और जन्म जन्म के पापों से मुक्ति पाइए और मोक्ष की ओर अग्रसर होइए।

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