वाराणसी ट्रेवल गाइड सब कुछ जानिये इस एक आर्टिकल में

वाराणसी कब जाये , कैसे जाएं , कहाँ ठहरे , कहाँ घूमे , क्या खाएं और क्या खरीदें ये सब जानिए इस एक आर्टिकल में..... वाराणसी शहर दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर है। यहां कई लोग मुक्ति और शुद्धिकरण लिए भी आते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने देवी पार्वती से शादी कर इस शहर को.....

वाराणसी ट्रेवल गाइड सब कुछ जानिये इस एक आर्टिकल में

फीचर्स डेस्क। गंगा नदी के किनारे बसा वाराणसी उर्फ़ बनारस उर्फ़ काशी एक परफेक्ट फॅमिली डेस्टिनेशन है। एक ओर जहाँ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काशी का बहुत महत्व है तो वही दूसरी ओर इसका आर्किटेक्चर , म्यूजियम , खान पान,कला , संस्कृति सभी एक से बढ़कर एक हैं। आपको ये जान कर हैरानी होगी कि वाराणसी शहर दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर है। यहां कई लोग मुक्ति और शुद्धिकरण लिए भी आते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने देवी पार्वती से शादी कर इस शहर को अपने पहले आवास के रूप में चुना था। वाराणसी अपने कई विशाल मंदिरों के अलावा घाटों और अन्य कई लोकप्रिय स्थानों के चलते हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है, जिसमे विदेशी सैलानियों की तादाद भी काफी रहती है। अब आपने मन बना ही लिया है तो आइये जानते हैं इस ट्रेवल के बारे में सब कुछ , कैसे पहुंच सकते हैं ? कहाँ-कहाँ घूमना चाहिए ? खाने की फेमस डिशेस और भी बहुत कुछ

कैसे पहुंचे

वाराणसी जाने के लिए आप ऐरो प्लेन , ट्रैन या बस किसी का भी सहारा ले सकती हैं। आप किसी भी प्रोमिनटैंट सिटी से वाराणसी के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। वाराणसी का लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसी तरह वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन भारत के कई प्रमुख शहरों से रेल के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। आप दिल्ली, मुंबई, भोपाल और भारत के कई बड़े शहरों से वाराणसी के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं। अगर आप बस से जाना चाहते हैं तो बता दें इस शहर के लिए आपको दिल्ली और आसपास के शहरों से बस आसानी से मिल जाएगी।

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बेस्ट टाइम

अगर आप ये सोच रही है क्या बेस्ट टाइम रहेगा वाराणसी विजिट के लिए तो आओ को बता दें कि अक्टूबर से मार्च के बीच जायें। इन महीनों में वहां का मौसम यात्रा के लिए अनुकूल होता है। नवंबर में हर साल वाराणसी में एक पांच दिवसीय उत्सव गंगा महोत्सव भी मनाया जाता है, यह उत्सव आने वाले पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है।

कहाँ रुके

वाराणसी में आप को हर रेंज में रूम्स या होटल मिल जायेंगे।  धर्मशाला , लॉज, होम स्टे और बेसिक होटल से ले कर एक से एक लैविश पंच सितारा होटल तक सभी हैं इस शहर में। आप अपनी चॉइस और पॉकेट के हिसाब से अवेलेबल ऑप्शन में से चूज़ कर सकती है। स्टार्टिंग रेंज 500 रू से लेकर 7000 रू  पर डे तक जा सकती है , आप  रहने के लिए कौन सी जगह चूज़ करेंगी ये इस पर डिपेंड करेगा।

कहाँ -कहाँ घूमे

दशाश्वमेध घाट

दशाश्वमेध का नाम वाराणसी के पर्यटन स्थलों की लिस्ट में सबसे ऊपर आता है, क्योंकि यह एक बहुत ही आकर्षक धार्मिक स्थल है जहाँ पर कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। हर दिन शाम को इस घाट पर आयोजित गंगा आरती सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। गंगाजी की इस आरती को देखना अपने आप में एक बहुत ही खास अनुभव है।

काशी विश्वनाथ मंदिर

भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर के दर्शन बिना आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी। इस मंदिर में मौजूद भगवान  शिव के ज्योतिर्लिंग को देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। वाराणसी के सबसे खास मंदिरों में से एक होने की वजह से इस मंदिर में रोजाना लगभग 3,000 भक्त आते हैं लेकिन विशेष मौकों पर यह संख्या बढ़कर 1,00,000 तक पहुंच जाती है।   

तुलसी मानसा मंदिर-  ये मंदिर प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। इस मंदिर का नाम संत कवि तुलसी दास के नाम पर पर रखा गया है। बताया जाता है कि यह वो स्थान है जहां पर तुलसीदास ने हिंदी भाषा की अवधी बोली में हिंदू महाकाव्य रामायण लिखी थी। मंदिर में सावन के महीनों (जुलाई – अगस्त) में कठपुतलियों का एक विशेष प्रदर्शन होता है जो रामायण से संबंधित है। अगर आप एक मजेदार अनुभव का आनंद लेना चाहते हैं, तो सावन के महीनों में यहां की यात्रा करें।

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काल भैरव मन्दिर -  यह मन्दिर काशीखण्ड में उल्लेखित पुरातन मन्दिरों में से एक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह बाबा विश्वनाथ ने काल भैरव को काशी का क्षेत्रपाल नियुक्त किया था। काल भैरव जी को काशी वासियो के दंड देने का अधिकार है। यहाँ रविवार एवं मंगलवार को अपार भीड़ होती  है। तो आप संडे यहाँ के लिए स्पेयर कर के रख सकती हैं। आरती के समय नगाड़े, घंटा, डमरू की ध्वनि बहुत ही मनमोहक लगती है।

सारनाथ टेम्पल

 सारनाथ भारत में प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक है।काशी के घाटों और गलियों में घूमने के बाद आप इस जगह आकर एकांत में शांति का अनुभव कर सकते हैं। माना जाता है कि बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने भगवान बुद्ध अपने पूर्व साथियों की तलाश में सारनाथ आये थे और उन्होंने यहां अपना पहला उपदेश दिया था। सारनाथ के लोकप्रिय दर्शनीय स्थलों में चौखंडी स्तूप, अशोक स्तंभ, धमेख स्तूप, पुरातत्व संग्रहालय, मूलगंध कुटी विहार, चीनी, थाई मंदिर और मठ शामिल हैं।

इसके अलावा अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट भी खासा महत्त्व रखतें हैं। समय हो तो दुर्गा मंदिर, राम नगर किला और संग्रहालय , चुनार का किला और आलमगीर मस्जिद भी देखना ना भूलें।

शॉपिंग के लिए

कहीं घूमने जाये और शॉपिंग ना करें ऐसा तो हो ही नहीं सकता। बनारसी सिल्क की साडी या सूट तो हर महिला के कलेक्शन में मस्ट है। ऐसे में आप बनारस सिल्क एम्पोरियम विजिट करना ना भूले। ये वाराणसी के एक प्रमुख निर्माता और थोक व्यापारी हैं जो पारंपरिक रेशम साड़ियों, स्टोल और बेड कवर के निर्यातक है। यह व्यापारी उचित मूल्य और अच्छी गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा गोडोवालिया मार्केट यहां का सबसे बड़ा और व्यस्त बाजार है। इस मार्किट से आप दैनिक जरूरत के सामन से लेकर कांच की चूड़ियाँ और ट्रिंकेट भी खरीद सकते हैं।

क्या खाएं

बनारस फूडीज के लिए भी अमेजिंग डेस्टिनेशन है। लोकप्रिय व्यंजनों में हैं दम आलू, बाटी, आलू-टिक्की, कचोरी, पानी पुरी, जलेबी, रबड़ी,मलाई मक्खन  और बनारसी कला कंद। अगर आप पान खाने के शौक़ीन है तो बनारस के मशहूर पान का स्वाद भी चख सकते हैं। वाराणसी में मिलने वाले पेय पदार्थों में यहां की मशहूर ठंडाई सबसे खास है, जिसमें भांग भी मिलाई जाती है। स्पेशल फील के लिए आप यहां के एक्सोटिक रेस्तरां में जा सकते हैं इसके अलावा आप रोज़ के खाने से कुछ अलग स्वाद लेना चाहते हैं तो बनारस के स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड का मजा भी ले सकते हैं। इसमें फ्राइड इडली , कचोरी सब्ज़ी और लौंग लता काफी फेमस है ।

बैठे-बैठे वाराणसी की सैर तो हमने करवा दी अब बारी आप की है प्लान करिये ट्रिप और मजे लीजिये इस शानदार शहर की पुरातन धरोहर का।