ये बारिश का मौसम, सूनी तीज

उसको अपने ही पति की दुल्हन बना कर अपने घर ले आयी थी। आसपास के सब लोग हैरान रह गए जब उन्होंने ये सब होते हुए देखा और सुना…

ये बारिश का मौसम, सूनी तीज

फीचर्स डेस्क। इन दिनों हर तरफ तीज की रौनकें लगी थी। सावन का महीना अपने साथ कितनी खुशियां लेकर आता  है।हर तरफ हरियाली ही हरियाली। तीज की तैयारी में लगी सुहागिनें, मेहंदी लगाती, चूड़ियां पायल खनकाती कितनी सुंदर दिखती हैं न। लेकिन ...

सरोज के लिए तो इस बार का सावन जैसे उससे उसकी ज़िन्दगी की हर खुशी उससे छीनने आया था। लग रहा था कि जैसे गरजते हुए ,मेघ चिल्ला चिल्ला कर उसके दर्द की कहानी कह रहे हों। चमकती हुई बिजली जैसे उसके अंदर से उसकी एक एक सांस खींच लेना चाहती है। कमरे में अकेली लेटी वह लगातार छत ओर पंखे को एक टक देख रही थी। लेकिन उसके मन मस्तिष्क में जो तूफान आया था उसको ना तो कमरे के ऐ सी और ना ही बारिश की बूंदों से ठंडक मिल रही थी।
अभी कल की ही तो बात लगती है जब सात साल पहले तीज से एक महीना पहले ही तो वह दुल्हन बन कर इस घर मे आयी थी। पति राजेश ने उसे ज़िन्दगी की हर खुशी दी। प्यारा सा घर, दो प्यारे प्यारे बच्चे,ढेर सारा प्यार ।वो कितने ठाठ से इस घर मे इतराती घूमती थी। 
लेकिन उसकी खुशियों को जैसे किसी की नजर ही लग गयी जब पांच महीने पहले ही बता चला कि उसको ब्रैस्ट कैंसर है  और वो लास्ट स्टेज पर है। डॉक्टरों ने आपरेशन तो कर दिया लेकिन कैंसर की जड़ें उसके पूरे शरीर मे फैल चुकी थी। और डॉक्टर ने बोला कि इनके पास अब समय बहुत कम है।
सरोज ने जब ये सुना तो उसको अपनी  इतनी चिंता नही हुई जितनी अपने पति, बच्चो और घर की होने लगी। मेरे बाद मेरे बच्चों का क्या होगा। अगर इनकी सौतेली माँ आ गयी तो…

आखिर उसने मन ही मन एक फैसला लिया।
सुबह उठ कर उसने राजेश से बोला कि मेरी एक आखिरी इच्छा पूरी करोगे। और अपने सिर पर हाथ रखवा कर उससे वादा ले लिया। आज  राजेश उसकी इसी इच्छा का मान रख रहा था।जब वो अपने हाथों से अपने पति की शादी अपनी छोटी बहन अंजली के साथ करा कर, उसको अपने ही पति की दुल्हन बना कर अपने घर ले आयी थी। आसपास के सब लोग हैरान रह गए जब उन्होंने ये सब होते हुए देखा और सुना…

और अब जब रात हो गयी तो सरोज ने अपने ही पति और बहन को कसम देकर अपने ही बेडरूम में भेज दिया।क्योंकि वो नही चाहती थी कि उसकी वजह से उसकी बहन को उसका हक और खुशी ना मिले….
उफ्फ क्या कुछ नही कर जाती  और सह एक जाती औरत अपने पति,अपने घर और बच्चों के लिए।

इनपुट सोर्स: रीटा मक्कड़