ये वो शिक्षा है, जिसका घर में माता-पिता से प्राप्त प्रारम्भिक ज्ञान और संस्कार से होता है : राज्यपाल

ये वो शिक्षा है, जिसका घर में माता-पिता से प्राप्त प्रारम्भिक ज्ञान और संस्कार से होता है : राज्यपाल

लखनऊ। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय का चतुर्थ दीक्षांत समारोह गुरुवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को आगामी जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों के जीवन की विशिष्ट उपलब्धि का दिन बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त अब उनका सामाजिक जीवन प्रारम्भ होगा, जहाँ से इस शिक्षा का व्यवहारिक उपयोग कर सकेंगे। शिक्षा के चारित्रिक गुणों के उच्चतम विकास का आधार बताते हुए कहा कि ये वो शिक्षा है, जिसका घर में माता-पिता से प्राप्त प्रारम्भिक ज्ञान और संस्कार से होता है। इसी क्रम में कहा कि अब शिक्षण संस्थानों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षित युवा तैयार करना नहीं है अपितु ऐसे नियोक्ता भी तैयार करना है, जो आगामी पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा कर सकें। कहा कि शिक्षण संस्थानों को उद्यमिता परक सोच को बढ़ावा देना होगा। उच्च शिक्षा में नई राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि इससे देश में रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों को न सिर्फ नौकरी के साथ जोड़कर बनाया गया है, बल्कि स्वावलम्बन, योग्य और संस्कार युक्त शिक्षा देने पर भी ध्यान दिया गया है। इस दिशा में विश्व विद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि प्रदेश और केन्द्र सरकार की कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनका लाभ उठाकर वे अपना स्टार्ट अप प्रारम्भ कर सकते हैं। कहा कि हमारे युवा नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बनें।

अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता सुधार के लिए नैक मूल्यांकन कराने की आवश्यकता पर बल दिया और आशा व्यक्त की कि एच0बी0टी0यू0 भी नैक मानकों के अनुरूप गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने की तैयारियाँ करके मूल्यांकन में उच्च रैंकिंग प्राप्त करेगा। कहा कि विश्वविद्यालय अपने कार्यों की गुणवत्ता एवं तकनीकी अनुसंधान को बढ़ावा देने में नवीनतम शोधों के साथ विस्तार करे। गत् वर्ष अस्सी प्रतिशत छात्रों के सेवायोजन लाभ मिलने तथा विश्वप्रसिद्ध कम्पनियों में चयन होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।

विद्यार्थियों का ध्यान जलवायु परिवर्तन की ओर आकृष्ट करते हुए पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, जल संरक्षण पर भी चर्चा की। आज के कार्यक्रम का उद्घाटन ‘‘जल भरो‘‘ कार्यक्रम से किया गया। मटकी में जलधारा डालकर जल संरक्षण का संदेश दिया। कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा जितना जल वर्ष भर में उपयोग में लाया जाता है, वो उतने जल संरक्षण हेतु प्रभावी प्रयास करें।

कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालय बाई जी के बाग आजादनगर, कानपुर के 30 विद्यार्थियों को प्रेरणादाई पुस्तकें एवं फल वितरित किए। दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021 से 2022 के बीच पास हुए कुल 670 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को उपाधि दी गयी। इनमें 06 शोधार्थियों को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि मिली। बी0टेक0 के कुल 471, एम0सी0ए0 147 तथा एम0टेक0 के 46 विद्यार्थियों ने समारोह में उपाधि प्राप्त की। 04 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 04 विद्यार्थियों को रजत पदक तथा 02 विद्यार्थियों को कांस्य पदक से अलंकृत किया गया।