संघर्ष के बाद मिली हुई सफलता की मिठास

संघर्ष के बाद मिली हुई सफलता की मिठास

दोस्तो हर इंसान अपने अपने तरीके से हर जिंदगी जीना चाहता है ,खुशहाल ,बिंदास ,मस्त, स्वस्थ ,लेकिन अपना चाहा हुआ कभी कभी जिंदगी में मिलता नहीं है।  आदमी चाहता तो कुछ और है ईश्वर देता कुछ और है पर खुशी से कुबूल करो क्योंकि वह ईश्वर ने  दिया है। वह ईश्वर की मर्जी है। बिना संघर्ष के जिंदगी जीने में मजा नहीं आता और संघर्ष के बाद मिली हुई सफलता की मिठास आप जीवन भर याद रखते हैं।

मैंने भी एक सपना देखा था वो  यह कुछ काम करूंगी, बड़ा नाम करूंगी। समाज में बड़े होकर लोगों की मदद करूंगी। जज्बा मेरे अंदर बचपन से था ,छोटे से था कि मुझे कुछ करना है।  बचपन बिताया फिर कॉलेज आ गया। कॉलेज में कुछ अच्छे दोस्तों के साथ हुए अच्छे अनुभव और बुरे दोस्तों के साथ में बुरे अनुभव। अनुभव कैसे भी हो अच्छे या बुरे  सीख देकर ही जाते है। थोड़े दिनों बाद लखनऊ रेडियो स्टेशन पर गाने का अवसर मिला ,तो वह घर में यह कहकर मना कर दिया कि बेटियां स्टेज पर नहीं गाती। सरकारी नौकरी लगी, वह भी मना  मना कर दिया ये कहकर की पंडित की बेटी हो नोकरी नहीं करोगी। लड़कियां नौकरी नहीं करती। इसलिए धीरे-धीरे करके सब कुछ खत्म हो गया ,फिर शादी ,बच्चे ,जिम्मेदारियां.बच्चे बड़े हुए और  उसके बाद बच्चों का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने कहा बस जिंदगी ना मिलेगी दोबारा मां जो करना है, कर लो, फिर कदम बढ़ाया ,ऐसी दुनिया की तरफ जो कभी सोचा ही नहीं  था  जैसे कि बताऊं आपको मॉडलिंग की दुनिया. 50 साल की उम्र में मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा ,और खिताब जीता ( ब्रांड एंबेसडर ऑफ यूपी 2018 बनी )। उसके बाद इंडिया लेवल की मॉडलिंग की। कई ब्यूटी पेजेंट में किया.उसके बाद से हमारे शहर लखनऊ के जितने मॉडलिंग इवेंट होते हैं, किड्स कल्चरल इवेंट होते हैं ,उन सभी में जज की भूमिका निभाने लगी.फिर मैंने अपना एनजीओ रजिस्टर्ड कराया। मेरा एनजीओ वृद्ध आश्रम पर काम करता है उन लोगों के लिए , जिनको छोड़कर लोग आश्रम में चले जाते हैं। उनके बच्चे विदेशों में रहते हैं।  उनके जरूरत  पूरा करता है।  अब यह जिंदगी उन्हीं के लिए शिद्दत से जिऊंगी मैं। आप यह काम करके जो दुआएं कमा कर लाते हो वहां से ,यह दुआएं ही हैं जो बुरे वक्त में आप के सर पर हाथ रख देती हैं और आपको मौत के मुंह से निकाल लेती है। 

 दोस्तों जिंदगी में ईमानदारी से किया गया काम देर से सफलता दिलाता है ,पर दिलाता जरूर है। लेकिन आपके अंदर उस काम को करने का एक जज्बा होना चाहिए। अपने काम को लेकर एक पागलपन होना चाहिए। मैं कभी भी मैं दो बच्चों की मां और एक पत्नी बनकर जीना नहीं चाहती थी। मैं अपनी पहचान समाज में खुद बनाऊं और उसके साथ जियूं, ऐसी मेरी सोच थी ,मेरा सपना था ,जो पूरा हुआ। दोस्त जब आपकी  तारीफ करते हैं, आपको अच्छा लगता है ,आप खुश होते हैं।  लेकिन यह तारीफ बहुत मेहनत के बाद मिलती है। दोस्तों इतना आसान नहीं होता कुछ पा लेना ,हर चीज के पीछे बहुत परिश्रम, बहुत मेहनत होती है।  तब एक पहचान बनती है और उस पहचान से लोग पहचानते हैं कि मधु तिवारी मॉडल , राइटर ,फाउंडर , ब्लॉगर  है। मैं कविताएं लिखने लगी, जो मोहब्बत और प्यार पर थी। लिखने का शौक बचपन से था ,हमेशा कुछ ना कुछ लिखती थी। (अधूरी तमन्नाओं का सफ़र ) एक काव्य संग्रह है।  मैंने एक कहानी भी लिखी उस कहानी का नाम था (एक ऐसा प्यार, इस रिश्ते को क्या नाम दूं ) लोगों को बहुत पसंद आई।  दोस्तों यह प्यार ही है आप सभी ने मुझे दिया है और अब मेरी किताब आ रही है ,जल्द ही आएगी ,आप लोगों को मिलेगी पढ़ने के लिए और यह मेरा  सौभाग्य होगा अगर आपको किताब अच्छी लगी।

"जिंदगी तमन्नाओं का शहर है दोस्तों

      जो महरूम रह गया ,वह बिखर गया

                 जिसने तमन्नाओं को पूरा किया

        उस शक्स ने अपना शहर बसा लिया "

इनपुट सोर्स : मधु तिवारी ( मधुलिका)