लघु कथा: दूसरी मां सी

एक दिन अंजू के बड़े भाई से मौसी की कुछ बात पर तकरार हो गयी मै वहाँ मौजूद थी । अचानक बात बहुत बढ गयी उसने मौसी से कह दिया आखिर हो तो दूसरी मां ही....

लघु कथा: दूसरी मां सी

फीचर्स डेस्क। अंजू की मौसी को हम सब सहेलियां मौसी ही कहते थे । वह अधिक उम्र की नहीं थी । वह भी पढ़ रही थी। हम सब इन्टर कालिज में थे । वह डिग्री कालिज में थी । हम तो सब उन्हें मौसी ही समझते थे । उनका नाम था शारदा । एक दिन हम सब सहेलियां उसके घर पहुंचे । अंजू की दो बड़ी बहन एक बड़ा भाई व दो छोटे भाई थे । उसके पिताजी एक बैंक में कार्य रत थे । एक दिन उसने हम सब सहेलियों को अपने घर बुलाया । हम सब बहुत खुश थे आज पूरा हंगामेदार दिन व्यतीत होना था ।
हम सब जब उसके घर पहुंचे कमरे में सामने मौसी और अंजू के पिताजी की तस्वीर लगी थी । देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि मौसी ही अंजू की मां हैं पर वह तो उसके पिताजी से आधी उम्र की हैं। अंजू की बड़ी बहन मौसी से केवल 10 साल छोटी थी । हमने जब अंजू से पूछा तो उसने गोल मोल उत्तर दिया । मेरी भी जल्दी शादी हो गयी  और सब सहेलियां पढ़ रही थी । मै उसी शहर में थी तब दोस्ती यूंही चलती रही । मैने भी अंजू के घर के बराबर घर ले लिया था ‌। अब तो और अधिक घनिष्ठता हो गयी । अंजू की दोनों बहनों की शादी  होगयी । अंजू की भी शादी की बात चल रही थी । मेरी मौसी से बहुत मित्रता होगयी । वह मेरी बेटी को बहुत प्यार करती थी । एक दिन अंजू के बड़े भाई से मौसी की कुछ बात पर तकरार होगयी मै वहाँ मौजूद थी । अचानक बात बहुत बढ गयी उसने मौसी से कह दिया आखिर हो तो दूसरी मां ही । वह रोती रहीं मैने बहुत मुश्किल से चुप किया। जब वह अकेली थी तब बहुत समय से मन में उनके और अंजू के पिताजी की उम्र  के अन्तर को लेकर उत्सुकता थी उसको पूछा तब उन्होंने बताया कि उस समय वह मात्र 20 साल की थी बड़ी दीदी की मौत छोटे बेटे के होने में होगयी । सारे बच्चे एक एक साल के अन्तराल में पैदा हो गये । गरीब घर की थी मां बाप के ऊपर अंजू की बुआ ने दबाव डाला और बच्चों की परवरिश की दुहाई दी । वह बहुत रोई उनको लगा की जिन्दगी ही जैसे बिखर गयी हो । जब वह छोटे से बच्चे को देखती व्यथित हो जाती और उन्होंने हां कर दी पर अपनी शर्तों के साथ कि वह अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ेगी और ना किसी सन्तान को जन्म देंगी । उन्होंने ने सब कुछ भूल कर बस इन बच्चों को पालने में जिन्दगी बिता दी पर दिल से बडी बहनें और बड़ा भाई उन्हें नहीं अपना पाये । मैने बहुत समझाया पर वह बोली तुमने स्वयं सुन लिया मै मां सी नहीं बन पाई पर दूसरी मां सी बन गयी ।

इनपुट सोर्स: डा.मधु आंधीवाल

इमेज सोर्स: गूगल