शनेश्चरी अमावस्या : शनिवार के दिन शनि अमावस्या का अनूठा संयोग, करें शनि देव की आराधना

शनेश्चरी अमावस्या 30 अप्रैल शनिवार को है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करके आप पा सकते हैं सुख समृद्धि और खुशहाली। पित्र दोष और कालसर्प दोष के निवारण का विशेष दिन है शनेश्चरी अमावस्या।इस आर्टिकल में एस्ट्रोलॉजर विमल जैन बता रहे हैं कि कैसे करें शनिदेव को प्रसन्न और किन मंत्रों का जाप करना होगा लाभदायक...

शनेश्चरी अमावस्या : शनिवार के दिन शनि अमावस्या का अनूठा संयोग, करें शनि देव की आराधना

फीचर्स डेस्क। शनेश्चरी अमावस्या को श्रृष्टि के संचालक प्रत्यक्ष देव सूर्य के पुत्र शनि देव जी की आराधना का विशेष महत्व है। शनि ग्रह न्यायप्रिय ग्रह है। शनि ग्रह का नवग्रहों में प्रमुख स्थान हैं। शनि ग्रह की पूजा शनिवार के दिन विशेष फलित होती है। यदि शनिवार के दिन अमावस्या तिथि का सहयोग मिल जाए तो पूजा अधिक फलदाई होती है। एस्ट्रोलॉजर विमल जैन जी बताते हैं कि इस बार अमावस्या तिथि संयोगवश शनिवार के दिन ही पड़ रही है। शनि ग्रह जनित रोग दोष से मुक्ति की कामना के लिए अमावस्या के दिन शनि ग्रह की विधि विधान पूर्वक की गई पूजा समृद्धि कारक होती है। शनि अमावस्या के दिन शनि राहु और कालसर्प दोष का निवारण और पितृदोष की शांति के लिए भी अमावस्या तिथि विशेष श्रेय कर मानी गई है।

कैसे करें शनि देव को प्रसन्न

एस्ट्रोलॉजर विमल जैन कहते हैं कि आस्थावान व्रत करता को सुबह स्नान और ध्यान करके अपने आराध्य देवता की पूजा अर्चना करनी चाहिए। उसके बाद शनि व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पूरा दिन निराहार रहकर साईं काल को पुनः स्नान करके शनिदेव की विधि विधान पूर्वक पूजा करने के बाद उनको काले रंग की वस्तुएं जैसे कि काला वस्त्र काला साबुत उड़द दाल काला तिल सरसों का तेल या तिल का तेल काला छाता लोहे का बर्तन और अन्य काले रंग की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए। इस दिन शनि देव के मंदिर में सरसों के तेल से शनिदेव का अभिषेक करना चाहिए और तिल के तेल की अखंड ज्योति जलानी चाहिए। शाम के समय शनिदेव के मंदिर में पूजा करके दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।

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शनि ग्रह के मंत्र

ॐ शन शनिश्चराय नमः।
ॐ प्रां प्रीम प्रौं सह शन्ये नमः।
ॐ प्रां प्रीम प्रौं सन शनिश्चराय नमः।
ॐ नमो भगवते शनिश्चराय सूर्यपुत्राय नमः।
ओम एम हीम श्रीम शनिश्चराय नमः।
इन मंत्रों का जाप करके शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए उसके बाद आरती करनी चाहिए । इस दिन काली उड़द की खिचड़ी गरीबों को अवश्य वितरित करनी चाहिए और साथ ही काले रंग की वस्तुएं भी दान करना चाहिए ।
इन सभी कार्यों के अलावा इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करके 108 बार परिक्रमा करने से सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को सुख समृद्धि प्राप्त होती है।

इनपुट सोर्स : एस्ट्रोलॉजर  विमल जैन