"शक्ति स्वरूपा": विदेश में रहकर भी अपने देश के स्पेशल बच्चों को डांस थेरेपी दे रही है विशाखा वर्मा

नवरात्री पर फोकस हर लाइफ आप के लिए ले कर आया है एक स्पेशल सीरीज " शक्ति स्वरूपा " जिसमे हम सोसाइटी में ऑड्स से लड़ कर अपना मुकाम बनाने और समाज के लिए काम करने वाली आम महिलाओं की कहानियां ले कर आ रहा है और आज मैं ऐसी ही सशक्त महिला विशाखा वर्मा की लाइफ स्टोरी ले के आई हूँ जो कि माँ सरस्वती की ही भाँति उड़ेल रहीं हैं अपनी नृत्य कला के ज्ञान को विदेश में रह कर भी देश की महिलाओं पर और उन बच्चों पर जो हैंडीकैप्टेड हैं।ऐसी हिम्मत दिखाना कोई आम बात नहीं है।इस आर्टिकल में जानेंगे आप विशाखा वर्मा की लाइफ स्टोरी ,उन्ही की ज़बानी।

"शक्ति स्वरूपा": विदेश में रहकर भी अपने देश के स्पेशल बच्चों को डांस थेरेपी दे रही है विशाखा वर्मा

फीचर्स डेस्क। 7 अक्टूबर को नवरात्रि का पावन फेस्टिवल स्टार्ट होने जा रहा है और हम महिलाएँ इस फेस्टिवल को बड़े ही उत्साह के साथ सेलीब्रेट करतीं हैं क्योंकि ये फेस्टिवल है माता रानी के रूप में इस धरती में रहने वाली हर औरत का क्योंकि हर औरत में समाये हैं माता रानी के 9 रूप जिसकी हम आराधना करते हैं और उन्ही 9 रूपों में से एक रूप जिसकी मैं बात करने वाली हूँ वो हैं विशाखा वर्मा ,जो कि माँ सरस्वती की ही भाँति उड़ेल रहीं हैं अपनी नृत्य कला  के ज्ञान को विदेश में रह कर भी देश की महिलाओं पर और उन बच्चों पर जो हैंडीकैप्टेड हैं।ऐसी हिम्मत दिखाना कोई आम बात नहीं है।इस आर्टिकल में जानेंगे आप विशाखा वर्मा की लाइफ स्टोरी ,उन्ही की ज़बानी।

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विशाखा वर्मा का बर्थ और स्टडी

विशाखा वर्मा का बर्थ दिल्ली में हुआ और उन्होंने दिल्ली में ही अपनी 12th तक कि स्टडी कंप्लीट की ।विशाखा स्टार्टिंग से ही पढ़ाई में अच्छी थी ।उनके घर मे हमेशा से ही पढ़ाई का माहौल रहा। विशाखा के फादर हमेशा से स्टडी को ले कर स्ट्रिक्ट रहे क्योकि वो अपनी बेटी को इंजीनियर बनाना चाहते थे ।विशाखा के फादर का नाम आर.ए वर्मा है जो कि एन. एस. जी ऑफिसर थे ।विशाखा की मदर का नाम सुधा वर्मा है जो कि गवर्मेंट टीचर थीं।इसलिए वो चाहते थे कि उनकी बेटी भी ऐसा  ही कोई प्रोफेशन चूज़ करे तो उन्होंने अपनी बेटी को इंजीनियरिंग की स्टडी करने के लिए बाहर भेज दिया।

दुनिया से पहले कैसे लड़ी विशाखा ने खुद से जंग

विशाखा बतातीं हैं कि जितना सुनने में ये बात इजी लगती है उतनी ही रियल लाइफ में ऐसा पॉसिबल हो पाना टफ था।पापा का हमेशा से ड्रीम था कि उनकी बेटी इंजीनियर बने और अपने पापा के ड्रीम को फुलफिल करने के लिए विशाखा ने इंजीनियरिंग की।और इंजीनियरिंग कंप्लीट करने के बाद उनकी मैरिज हो गई।लेकिन मन में दबी डांस की प्यास अभी तक बुझी नहीं थी लेकिन वो कहते हैं न की कुछ पाने के लिए सबसे पहले इंसान को खुद से एक जंग लड़नी पड़ती है क्योकि जब हम अपने आस पास देखते हैं तो दुनिया कुछ और ही करती दिखाई देती है।विशाखा बतातीं हैं कि जब उन्होंने डांस में ही अपनी जिंदगी खोजनी चाही तो उस टाइम कोई 1 या 2 लोग ही डांस किया करते थे और डांस को बहुत अच्छा प्रोफेशन नही माना जाता था ,जिसके चलते कई बार विशाखा ने रिजेक्शन का सामना भी किया ।टेलेंट होने के बावजूद बड़े लोगों से जान पहचान न होने की वजह से निकाल भी दिया गया।लेकिन ये विशाखा की खुद की जंग थी सो गिरी,फिर उठी,फिर गिरीं और फिर उठ कर अपनी मंज़िल की ओर कदम बढ़ातीं गईं।

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Vishakha's Dance and Music Training Institute की स्टार्टिंग

विशाखा बतातीं हैं कि वो  अपनी फैमिली के साथ प्रजेंट में दुबई रह रहीं हैं और यहाँ इनका फर्स्ट डांसिंग इंस्टीट्यूट Vishakha's Dance and Music Training Institute है।इस इंस्टीट्यूट की स्टार्टिंग विशाखा ने 4 इयर्स पहले की थी।इससे पहले विशाखा जेम्स स्कूल में वर्क करतीं थी एज ए डांस थेरैपी टीचर के रूप में। अपने इंस्टिट्यूट में विशाखा हर तरह के लोगों को डांस सिखातीं हैं।चाहे कोई व्हीलचेयर में हो, बड़ी ऐज की हों,चाहे किसी को कुछ भी न आता है।विशाखा बतातीं हैं कि हम लोग बहुत सारे बच्चों तक अपनी डांस थेरेपी से पहुँचते हैं और हमारे पास बहुत सारी लेडीज़ हैं जो कि 65 इयर्स से ऊपर की हैं ,हाउस वाइफ हैं,और  वो अब स्टार्ट कर रहीं हैं।हमारा मोटो उनकी मेन्टल इलनेस को दूर करना है।इसके बहुत सारे फ्री सैशन भी हम लोग लेते हैं।

कोरोना टाइम में डांस थैरेपी कर के लोगों में जगाई होप

विशाखा बतातीं हैं कि 2020 में कोरोना जैसी भीषण बीमारी ने जब लोगों को पूरी तरह से तोड़ दिया था, तब ऐसे मेन्टली रूप से टूटे लोगों की विशाखा ने की डांस थेरेपी। जिसके लिए विशाखा फेसबुक में अपने पेज में हर संडे लाइव आ कर कई बच्चों और लेडीज़ को बिल्कुल फ्री डांस सिखातीं क्योकि विशाखा चाहतीं थी कि उनके द्वारा दी डांस थेरैपी से सभी मेन्टली रिलैक्स रहें और उनमें होप और फेथ जगे।विशाखा ने 3,4 मन्थ इंडिया ,UK, ऑस्ट्रेलिया,US और भी कई देशों में 1 या 2 दिन की वर्कशॉप रखी, क्लासेज़ रखीं।

विशाखा ने डिसएबिलिटी किड्स को बनाया कॉन्फिडेंट पर्सन

विशाखा बतातीं हैं कि उनके साथ लगभग 170 स्पेशल  डिटर्मिन्ट्स किड्स हैं  और जो किड्स व्हीलचेयर , क्रेचज़ में चलते हैं ,जिन किड्स को फिट्स आते हैं,जो किड्स ऑटिज़्म से रिलेटेड हैं, उनको मैं डांस सिखाती हूँ और उसके थ्रू  किड्स अपना कॉन्फिडेंस गेन करते हैं,इस दुनिया को फेस करते हैं ।

विशाखा की लाइफ का बेस्ट मोमेंट

विशाखा बतातीं हैं कि उनकी अब तक की लाइफ का सबसे बेस्ट मोमेंट वो है कि जब मेरी एक व्हीलचेयर लड़की,जिसे  सेरेबल पेलिसी था ,उन्होंने कत्थक स्टार्ट किया ।उनके हाथ और पैर बिल्कुल भी मूवमेंट नहीं कर पाते थे लेकिन उन्होंने 1 ईयर में इतनी इम्प्रूवमेंट दिखाई कि वो अब वॉकर में चलतीं हैं,अपनी व्हीलचेयर से उठ गईं हैं और बहुत कॉन्फिडेन्टली अपने आप को कत्थक डांसर कहतीं हैं।अब आप खुद ही समझ गईं होंगी कि एक टीचर के लिए इससे बेस्ट मोमेंट कोई हो ही नहीं सकता।

विशाखा की फ्यूचर प्लानिंग

विशाखा बतातीं हैं कि स्पेशल किड्स के साथ जो वो वर्क करतीं हैं उसे बहुत आगे बढ़ाना चाहतीं हैं और वो अपने स्टाफ के साथ लगातार इसी हार्डवर्क में लगीं रहतीं हैं ।वो चाहतीं हैं कि वो अपने डांस से  हर बच्चे के फेस में स्माइल ला सकें ।