मां अन्नपूर्णा की पुनर्स्थापना विरासत की स्वदेश वापसी : पाठक  

मां अन्नपूर्णा की पुनर्स्थापना विरासत की स्वदेश वापसी : पाठक   

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धार्मिक आधार पर मतों का ध्रुवीकरण करने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से नकारते हुये राज्य के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि चोरी या तस्करी कर विदेशों में भेजी गयी देश की अमूल्य धरोहरों की स्वदेश वापसी का पवित्र अभियान पार्टी के लिये राजनीति का मुद्दा नहीं हो सकता है। उल्लेखनीय है कि विपक्ष,राम मंदिर मुद्दे से लेकर हाल ही में 108 साल बाद कनाडा से स्वदेश लायी गयी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को काशी में पुनर्स्थापित किये जाने को भाजपा का ‘धार्मिक ध्रुवीकरण अभियान’ बता रहे हैं। पाठक ने मंगलवार को कहा, “यह धार्मिक ध्रुवीकरण नहीं, बल्कि विरासत की स्वदेश वापसी है। विरोधी दलों को छोड़कर समस्त देशवासियों को इस पर गौरव हो रहा है।”

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मोहम्मद अली जिन्ना का मुद्दा जानबूझकर चुनाव के समय उछालने की तोहमत मढ़ते हुये पाठक ने कहा कि यह मुस्लिम तुष्टीकरण की तुच्छ कोशिश साबित हुयी क्योंकि इसकी तत्काल प्रतिक्रिया में देश के मुसलमानों ने एक स्वर से जिन्ना को नकार दिया। पाठक ने कहा कि जहां तक मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा स्वदेश वापस लाने का सवाल है तो यह किसी एक विरासत की स्वदेश वापसी का मामला नहीं है। इससे पहले लंदन में बाबा साहब अंबेडकर की विरासत को भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संजोने का काम किया। यह किसी से छुपा नहीं है कि पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने सदियों से विदेशों में परित्यक्त पड़ी विरासत को ससम्मान स्वदेश लाने का बीड़ा उठाया हो और ये काम 2014 से ही चल रहा है।

उत्तर प्रदेश में बिछ चुकी विधानसभा चुनाव की बिसात को पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में बताते हुये पाठक ने कहा कि केन्द्र सरकार की विकास संबंधी लगभग 44 परियोजनाओं में अब उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर आ गया है। राज्य की अर्थव्यवस्था छठे स्थान से दूसरे स्थान पर आ गयी है। पूरे राज्य को एक्सप्रेस वे से जोड़ना हो, पीएम आवास और स्वच्छ पेयजल योजना हो या किसान कल्याण की योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचाना हो, समाज का हर वर्ग किसी न किसी रूप में सरकार की योजनाओं से सकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है।

यह पूछे जाने पर कि व्यापारियों को पीटकर मारने जैसी घटनाओं का हवाला देकर प्रदेश में ‘ठोको राज’ कायम होने का अखिलेश बार बार आरोप लगा रहे हैं, पाठक ने कहा ,“हम स्वीकार करते हैं कि यह घटना दुखद है। हमारी सरकार ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा है। इतना ही नहीं पीड़ित परिवार के अनुरोध पर इसकी जांच सीबीआई को सौंपी है।” उन्होंने कहा,“बतौर कानून मंत्री मैं भरोसे से कह सकता हूं कि सपा के राज में पनपे माफिया राज को प्रदेश की जनता इसलिये नहीं भूल पायेगी क्योंकि सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों से लेकर पुलिस थानों पर अराजक तत्वों के कब्जे देखने के तुरंत बाद 2017 में प्रदेश की कानून व्यवस्था में आये सुधार को लोगों ने महसूस किया है। अमन पसंद लोग कैसे भूल सकते हैं, जब किसी भी संपत्ति को हड़पने के लिये सपा के महज एक झंडे की दरकार होती थी।”

हर आम और खास को प्रभावित कर रही मंहगाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में उछाल आना वैश्विक प्रक्रिया है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका पेट्रोलियम पदार्थों की है। इसके कारण रोजमर्रा की सभी जरूरतें मंहगाई के दायरे में आ जाती है। इसके बावजूद भारत में मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग की अधिसंख्य आबादी के हितों को देखते हुये केन्द्र और राज्य सरकार ने माकूल कदम उठाये हैं। उत्तर प्रदेश में पेट्रोल डीजल की कीमत में 12 रुपये की कमी करने से उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्य नियंत्रण में सफलता मिली है। आगामी चुनाव में मुख्य मुद्दा और भाजपा की किस दल से सीधी टक्कर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा की किसी भी दल से टक्कर नहीं है क्योंकि कोई टक्कर में है ही नहीं। भाजपा का एक ही मुद्दा है जनहित के अब तक के काम और आगे भी लोगों की जिन्दगी को कैसे सुगम बनाया जाये।