बदहाल स्थित में रह रहे पार्श्वनाथ सिटी के रहवासी, समस्या बताने पर विल्डर के लोग दे रहें गाली

बदहाल स्थित में रह रहे पार्श्वनाथ सिटी के रहवासी, समस्या बताने पर विल्डर के लोग दे रहें गाली

लखनऊ सिटी। लोग बोलते हैं कि हम पाश कालोनी में रहते हैं, हम एक अच्छे कालोनी में रहते हैं। मतलब, आप भी यही उम्मीद करते हैं कि अधिक पैसे देने पड़े तो ठीक लेकिन सुविधा अच्छी मिले। लेकिन आपके उम्मीद पर पानी तब फिर जाता है जब कहने को तो पाश इलाका या अच्छी कालोनी हो और सुविधा वही “ढाक के पात”। जी, हाँ मै आज बात कर रहा लखनऊ के चिनहट स्थित फैजाबाद रोड स्थित पार्श्वनाथ सिटी की। यहाँ पर रहने वाले कई समस्या से परेशान हैं।

विल्डर बेचने के बाद हो गए गायब

पार्श्वनाथ सिटी में रहने वाले लोगों की मानें तो यहाँ रहना मुश्किल हो गया है। भरी-भरकम रकम चुकाने के बाद भी महिलाएं आज यहाँ सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे समझे कि यहाँ रहने वाले लोगों को न ही विल्डर का नाम पता है न ही उससे कभी मिले हैं। अब ये लोग अपनी समस्या कहें तो किस से कहें।

पार्श्वनाथ सिटी के व्हाटअप ग्रुप में दी जाती है गाली

यहा रहने वाले लोगो का कहना है कि सोसायटी की समस्या के लिए एक व्हाटअप ग्रुप बनाया गया है, लेकिन उस व्हाटअप ग्रुप में समस्या की बाते लिखने पर एडमिन और जिम्मेदार की तरफ से गलियाँ दी जाती हैं।

मेन गेट के अलावा और भी हैं कई रास्ते

जब आप किसी गेटेड कालोनी में रहने के लिए जाते हैं तो उम्मीद करते हैं कि कोई भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश नहीं हो सकता। जो भी आएगा पूरी तरह से छानबिन के बाद ही आएगा। लेकिन, पार्श्वनाथ सिटी में अराजकतत्वों का बोलबाला है। यहाँ पर कई रास्ते हैं जिस से आए दिन कालोनी मेँ बाहरी लोग घूमते देखे जा सकते हैं। ऐसे में यहाँ रहने वाले लोग अपने को महफूज नहीं समझ रहें हैं।

2 भाग मेँ बट चुका है पार्शवनाथ सिटी

पूरी पार्श्वनाथ सिटी दो ग्रुप में बट चुका है। एक ग्रुप के लोग परेशान हो रहे हैं जिसकी सूचना जिम्मेदार अधिकारियों से कर रहें हैं तो वही दूसरा ग्रुप बाहरी लोगों के साथ मिलकर समस्या पैदा कर रहे और गाली-गलौज कर रहा है।

कई महीने से यहाँ के रहवासी नरक जैसी सुविधा से हो रहे दो चार

यह समस्या कोई आज कि नहीं है, कई महीने से यहाँ रहने वाले इस तरह घुट-घुट कर ज़िंदगी जीने को मजबूर हैं। लेकिन यहाँ इनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है। यहाँ तक जब भी कुछ कहा जाता है तो विल्डर की तरफ से रखे गए लोग बोलते हैं कि नहीं समझ में आ रहा तो बाहर चले जाओं। लेकिन इतनी बड़ी रकम देने के बाद लोग जाए तो जाए कहाँ।

 डीएम, एसएसपी समेत कई जिम्मेदारों के दफ़तर का कट रहे चक्कर

यहाँ रहने वाले लोगों का कहना है की ये लोग अपनी समस्या को लेकर राजधानी के डीएम, एसएसपी, आईजी, महिला आयोग, एलडीए ऑफिस, कमिश्नर ऑफिस समेत दर्जनों जिम्मेदार लोगों से मिल चुके हैं लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अब निराश होकर यहाँ रहने वाले लोग समझ नहीं पा रहे की जाया कहा जाय।