पुलवामा!

पुलवामा!

नृशंस घटना थी भयावह

घात लगाकर वार किया।

हम सुनते है दिल दुखता है

कितनों के अपने बिछड़ गये।

वीर सपूत भारत माता के

धोके का शिकार बने।

बच्चों को बिलखते देखा

पत्नी सूनी मांग लिये।

पथराई आँखे माता पिता की

सूनी आंखो से विदा किया।

हाँ छटपटाहट हृदय में

बदले की ज्वाला धधकी थी।

कहाँ वीर सपूत बैठे रहते

खौल गया था खून हिन्द का

कार्यवाही तब खूब करी।।

इनपुट सोर्स : अनिता शर्मा, मेम्बर फोकस साहित्य।