कविताएँ मन का परिष्कार करती हैंः डॉ. अरुण सक्सेना

कविताएँ मन का परिष्कार करती हैंः डॉ. अरुण सक्सेना

लखनऊ। कविताएँ मन का परिष्कार करती हैं और जीने का एक नज़रिया पेश करती हैं। यह बात उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने “वसुंधराः ऐन इनशिएटिवके तत्वावधान में आयोजित एक पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किया। साथ ही समाज की अशक्त लड़कियों को संस्था द्वारा उन्हें स्वावलंबी बनाये जाने की दिशा में कौशल विकास योजना के अंतर्गत निशुल्क सुविधाएं, और उपकरण उपलब्ध कराए जाने का भरोसा दिलाया ।

इस अवसर पर ग़ज़लगो विश्वास लखनवी (कृपाशंकर श्रीवास्तव) का ग़ज़ल संग्रह “दहकेगा फिर पलाश, कवयित्री रोली शंकर का कविता संग्रह अनुषा”, सीमा मधुरिमा की दो पुस्तकों, लघुकथा संग्रह अगली सीटऔर डायरी ब्लॉटिंग पेपरतथा पूजा खत्री के कविता संग्रह जीवन के आयामसमेत पाँच साहित्यिक कृतियों का विमोचन हुआ। हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार दयानंद पांडेय, कथाकार महेन्द्र भीष्म, कवि-व्यंग्यकार राजेन्द्र वर्मा ने अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम में सामाजिक क्षेत्रों में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए कई लोगों को सम्मानित भी किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में ग़ज़लकार अमित हर्ष, साहित्यिक संस्था 'नवपरिमल' के अध्यक्ष अशोक चौधरी (एच. जे. एस.), इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निबंधक एवं कथाकार महेंद्र भीष्म, साहित्यिक पत्रिका 'रेवांत' की संपादक अनीता श्रीवास्तव, 'इंडिया इन साइड' के संपादक अरुण सिंह, अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता पवन उपाध्याय आदि को संस्था के विभिन्न सहयोगियों द्वारा विशेष रूप से अंगवस्त्र, माल्यार्पण एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।

"महान नागरिक" हिंदी दैनिक के प्रबंध संपादक फुरकान खान प्रमुख रूप से कार्यक्रम में उपस्थित रहे। प्रकाशित पुस्तकों पर वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. विशंभर शुक्ल ने अपनी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया प्रस्तुत की। अलका प्रमोद के कुशल संचालन में हुए इस कार्यक्रम में शहर के तमाम गणमान्य लोग उपस्थित थे।