Karwa chauth special: वापसी करवाचौथ की

करवाचौथ और राजीव याद आ रहे थे, उसे याद आया उसके पहले करवाचौथ पर राजीव उसे मैटिनी शो में विवाह फ़िल्म दिखा कर लाया था, उसने ऑफिस से छुट्टी ली थी और….

Karwa chauth special: वापसी करवाचौथ की

फीचर्स डेस्क। "सुनो काजल मैं बाजार जा रही हूँ, मुझे समय लग जायेगा बिट्टू आये तो उसे खाना खिला देना, मैं लौटते वक्त तुम्हारे भैया के साथ आऊंगी, शाम का खाना भी बना लेना।" आरोही ने अपनी ननद को कहते हुए अपना हैंड बैग सम्भाला।

"मगर आप अभी जाकर शाम को आएंगी इतनी देर से आओगी ऐसा क्या है।"काजल ने पूछा।

"अरे कल करवा चौथ है ना मुझे व्रत करना है और , तुम्हारे भैया मुझे आज एक रिंग भी दिलवाने वाले हैं , इसलिये हम दोनों को समय लग जायेगा, मैं तुम्हे साथ ले जाती मगर तुमने तो ये डिसाइड कर ही लिया है कि तुम राजीव जी से तलाक ले रही हो, तो फिर , तुम्हे बेकार में ले जाकर क्या करना है, तुम्हे कौनसा व्रत करना है, व्रत तो पति की सलामती के लिए होता है।" ये कहते हुए आरोही घर से बाहर निकल गई।

आरोही की बातें काजल को अंदर तक चुभी। मगर उसने सोचा कि आरोही ने सच ही तो कहा है, वो तो राजीव से तलाक ले रही है फिर क्या करवाचौथ करना। उसने सर झटक दिया। मगर उसके मन में बार बार आरोही की बातें आ जा रही थी।

राजीव भी तो ऐसा ही है उसे अपने माता पिता के सामने तरजीह नहीं देता, कहीं बाहर जाना हो तो माँ से पूछता है, अपनी पूरी तनख्वाह लाकर डैडी जी को थमा देता है , और इस बार तो उसने मेरे साथ झगड़ा भी किया था, जब उसने अपनी बहन को राखी पर कान के झुमके लाकर दिये थे, दो जोड़ी भी ला सकता था वो मेरे ये कहने से चिढ़ गया था वो। क्यों करूँ मैं उस आदमी के लिए व्रत जो मुझे कुछ समझता ही नहीं। उसके मन में विचारों का सैलाब उठ रहा था।

वो अनमनी सी उठी और बिट्टू के लिए कुछ बनाने लगी, पर रह रहकर भाभी की कही कड़वी बातें,  करवाचौथ और राजीव याद आ रहे थे, उसे याद आया उसके पहले करवाचौथ पर राजीव उसे मैटिनी शो में विवाह फ़िल्म दिखा कर लाया था, उसने ऑफिस से छुट्टी ली थी, शॉपिंग भी करवाई और रात को चाँद निकलने के बाद ही उसने खाना खाया था। उसने अपना हाथ देखा न चूड़ियां थी उनमें, न उंगली में शादी वाली रिंग थी, उसने बड़ी ही उदासी से बिट्टू के लिए पोहे बनाये, एक साल हो आया, राजीव के कई फोन आये पर उसने साफ कह दिया था कि मुझे तुमसे तलाक लेनी है, मुझे फोन भी मत करना, उसने अपना मोबाइल उठाया, उसने अपने पहले करवाचौथ की फोटो ढूंढनी चाही मगर कोई न मिली , उसने तो सब डिलीट कर दी थी, वो फेसबुक पर राजीव की वाल पर गई, उसने वहाँ मैमोरी को शेयर कर रखा था, उनकी पहली करवाचौथ की फोटो और लिखा हुआ था, "मिस यू चाँद।" काजल की आँखें छलछला उठीं। 

बिट्टू अभी आया नहीं था, उसने राजीव की id स्क्रोल की कितना कमजोर हो गया था वो, फेसबुक पर कुछ ज्यादा एक्टिव भी नहीं था, कोई एक डेढ़ महीने के अंतराल पर कोई ऑफिस की या घर के इवेंट की फोटो हीं थी। उसने सामने शीशे में देखा कितनी बेजान हो चुकी थी वो, राजीव उसे हमेशा कहता था सज धज के रहा करो, मेरी जिंदगी की खूबसूरती तो तुमसे ही है। वो बेचैन हो शीशे के सामने से हट गई। न जाने उसे क्या सूझा उसने राजीव को कॉल लगा दी, दो रिंग के बाद फोन काट दिया। तुरन्त राजीव का कॉल आया उसने कई देर तक न उठाया जैसे ही फोन उठाने लगी कॉल कट गई, उसकी आँखें भर आईं, फिर से राजीव का कॉल आया, उसने सामने से हेल्लो कहा, काजल कैसी हो काजल, ये सुनते ही काजल की रूलाई फूट पड़ी, बस उससे ये ही कहा गया "राजीव आ जाओ, मुझे ले चलो कल करवाचौथ है।"उसने फोन काट दिया और फूट फूट कर रोने लगी। उसका फोन फिर बजा, भाभी का था, उसने उठाया नहीं, मुहँ धोया और थोड़ी सहज हुई भाभी को फोन लगाया, "भाभी अभी बिट्टू नहीं आया है मैंने उसके लिए पोहे बना दिये हैं।" "पता है पगली, बिट्टू हमारे साथ है, और सुनो मैंने तुम्हारे लिए चूड़ियां तो ले ली हैं पर, साड़ी समझ नहीं आ रही लाल लूँ या गाजरी रँग की।" "भाभी मुझे साड़ी का क्या करना है।" कहते हुए फिर उसका गला भर्रा गया। "अरे पगली कल करवाचौथ है और राजीव जी तुम्हें लेने आ रहे हैं न, अभी उनका फोन आया है।" "भाभी …..।" कहकर काजल फूट फूट कर रो पड़ी। "बुद्धू लाड़ो आज ये कार्यक्रम है न शॉपिंग का ये मैंने और तेरे भैया ने राजीव जी के साथ ही मिलकर बनाया है, मेरी गुड़िया कितनी मुरझा गई थी हमसे ये नहीं देखा गया, अब ये रोना धोना छोड़ और जल्दी से तैयार हो जा हम जल्दी ही राजीव जी के साथ आ रहे हैं, अब हँस भी दे पगली और हाँ राजीव जी पूछ रहे हैं कि झुमके लाये या रिंग मैंने कहा दिया है दोनों।" कहकर आरोही ने फोन काट दिया। काजल के बरसते नैनों के साथ ही होंठ मुस्कुरा दिए।

इनपुट सोर्स: संजय नायक"शिल्प"