इंटरव्यू : कभी समाज ने उपहास उड़ाया आज दीपिका हैं मिसेज एशिया यूनिवर्सल ऐलिगन्स 2019

इंटरव्यू  : कभी समाज ने उपहास उड़ाया आज दीपिका हैं मिसेज एशिया यूनिवर्सल ऐलिगन्स 2019

फीचर्स डेस्क। अगर किसी चीज पर आपका नाम लिखा है तो वो आपको मिलनी तय है। कहते हैं नसीब कोई नहीं छीन सकता। लेकिन कुछ लोगों ऐसे होते हैं जो नसीब के साथ मेहनत पर भी यकीन रखते हैं। ऐसा ही विश्वास लोगों के अंदर जगाती हैं मूलरूप से चंडीगढ़ और अब गुड़गांव में रहने वाली दीपिका स्वरूप। जी, हाँ, आज मैं जिस दीपका की बात कर रहा हूँ वो जिस स्ट्रेस से गुजरी हैं उसके बारें में आप कल्पना करके काप जाएगे। आज से 2 वर्ष पहले तक दीपिका का वजन 200 किलोग्राम हुआ करता था। इस समस्या के कारण दीपका ने किसी से मिलना-जुलना तो दूर की बात जीने की उम्मीद छोड़ चुकी थीं। लगभग सभी डॉक्टर जवाब दे चुके थे। लेकिन यही पर एक चमत्कार इनके साथ हुआ। इस चुनौती को स्वीकार किया मोहाली के डॉक्टर अमित ने हाईरिस्क होने के वावजूद डॉ अमित ने दीपिका को नई ज़िंदगी दी। इन सब से फेस करते हुए आज दीपिका 87 किलो वेट के साथ फैशन शो में उन टॉप माडलों में शुमार हैं जिन्होंने यहा तक आने के लिए बहुत कुछ किया। दीपिका को फैशन के क्षेत्र अनगिनत अवार्ड मिल चुका महज दो सालों में। आइये जानते हैं दीपिका की कैसे है लाइफस्टाइल और क्या-क्या इनके लाइफ की कहानी।

18 साल तक मोटापे के कारण झेला अनेकों दंश

दीपिका कहती हैं पिछले 18 साल से मैं रुग्ण मोटापे के कारण पीड़ित थी। जीने की उम्मीद छोड़ चुकी थी। ऐसे में कुछ दोस्तो का साथ मिला और आज रिजल्ट सबके सामने है। हलाकि यह सब इतना आसान भी नहीं था। इन सालों क्या नहीं देखी, इग्नोर, पैसे का अभाव और अनगिनत वो सब जो शेयर करना उचित नहीं।

मिनी गैस्ट्रिक बाईपास से गुजर चूकी हैं दीपिका

आपको बता दें कि दीपिका आज से 2 साल पहले एक मिनी गैस्ट्रिक बाईपास से भी गुजर चूकी हैं। ऐसे में इनकी मुलाक़ात हुई मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में वजन घटाने की सर्जरी के लिए जाने-माने सर्जन डॉ. अमित गर्ग से जिन्होंने दीपिका को जीवन दान दिया। यहीं से दीपिका कि नई ज़िंदगी कि शुरू हुई।  यहा से दीपिका को हर वो खुशी मिलनी शुरू हुई जिसके दीपिका कभी सपना देखा करती थीं।

मोटापे से ग्रस्त रोगियों को प्रेरित कर रहीं दीपिका

सब कुछ हार जाने के बाद भी जीत कि उम्मीद न छोड़ने वाली दीपिका आज हर उस शख्स को प्रेरित कर रहीं हैं जो मोटापे के कारण हीन भावना से ग्रस्त हैं या फिर ज़िंदगी जीने को लेकर उम्मीद छोड़ चुके हैं।

आज कोऑर्डिनेटर के रूप में कर रहीं हैं काम दीपिका

(सेंटर फॉर ओबेसिटी, डायबिटीज़ एंड सिंगल इन्सेक्शन लेप्रोस्कोपिक सर्जरी),Codsils, Mohali, मोहाली में बैरियाट्रिक कोऑर्डिनेटर के रूप में काम कर रहीं हैं। आज नई ज़िंदगी मिलने के बाद दीपिका कहती हैं कि आज वापस लाइफ के बारें में सोचती हु तो शिकायत करने के लिए बहुत कुछ नहीं है।

अब हर एक इवेंट में कर रहीं हैं पार्टीसिपेट

दीपिका कहती हैं कि मैंने अपने नए आत्मविश्वास का लाभ उठाया और स्टेज शो, टाइम्स ऑफ इंडिया सभी महिलाओं की कार रैली, संगीत प्रतियोगिताओं में भाग लेती हूँ। इन्होंने अपने नवीनतम उपलब्धि के बारें में बताया कि अभी हाल ही में मिसेज एशिया यूनिवर्सल एलिगेंस 2019 का खिताब जीती हैं।

रैंप वॉक करना इनके लिए एक सपना था

दीपिका कहती हैं कि मेरे लिए यह रैंप वॉक करना एक सपना था और लेकिन मुझे यह अवसर फेसबुक के माध्यम से मिला जहां मैं आयोजकों ब्लूमफ़ेयर प्रोडक्शंस के संपर्क में आई। इन कपड़ो को पहनना मेरे लिए अद्भुत अवसर जैसा था। सच बताउ तो मैंने यह सब सोचा भी नहीं थी। आज मैं गा सकती हूं, चल सकती हूं, बात कर सकती हूं, तैर सकती हूं और हर सभी  चुनौतियों का आनंद ले सकती हूं।

जिन्होंने कभी उपहास किया आज दें रहीं जवाब

आज से पहले लोग मेरा उपहास किया करते थे अब वही साथ चाहते हैं। यह शीर्षक उन लोगों को जवाब देने का मेरा तरीका था, जिन्होंने उपहास किया और शरीर ने मुझे यह महसूस किए बिना इसके बाद मुझे फोर्टिस, मोहाली द्वारा सबसे बड़े शिष्टाचार 2019 के पुरस्कार से भी नवाजा गया। दरअसल, यह सब इसलिए कि मैंने कुल 110 किग्रा से अधिक का वजन कम किया। आज मैं किसी भी चुनौती को लेने के लिए तैयार हूं, और अपनी क्षमता के अनुसार किसी भी व्यक्ति या संगठन की मदद कर सकती हूं।

समाज को बदलने के लिए एक निभा रहीं हैं महत्वपूर्ण भूमिका

इन सब के बाद आज दीपिका सोशल वर्क करते हुए समाज को बदलने के लिए प्रयास कर रहीं हैं। दीपिका अब विभिन्न एनजीओ और रोटरी के साथ काम कर रहीं हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ के एनजीओ माँ संस्था के लिए ब्रांड एम्बेसडर पद हैं। अब ये हरियाणा के लिए काम कर रहीं हैं और दिल्ली की  शाखा चला रहीं हैं।

मिल रही है जॉब के लिए ऑफर

दीपिका अपने नए रूप और आत्मविश्वास की बदौलत फैशन और चिकित्सा उद्योग में इतना फेमस हो गईं हैं कि कई जगह से नौकरियों की पेशकश की जा रही है। इन्होंने बताया कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए फिलीपींस की यात्रा करूंगी और ब्लूमफेयर प्रोडक्शंस के बैनर तले एक प्रतियोगिता में खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करूंगी। इसमे 54 वर्ष की आयु के लोग पार्टीसिपेट करती हैं। मैं दिल्ली में मैनहंट-इंडिया के लिए जूरी का भी हिस्सा भी रही। वो मेरे लिए अद्भुत अनुभव था। मैंने बैरिएट्रिक सर्जरी और फैशन पेजेंट के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस और कार्यशालाओं में भाग लिया है। इसने मुझे इन क्षेत्रों में रोल मॉडल के साथ बहुत अधिक सहभागिता दी है। मैं अपने डॉक्टर, अपने माता-पिता और अपने दोस्तों को मुझे प्रोत्साहित करने और अपनी यात्रा का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद देती हूं।

अस्वीकारों का कर रही हूं सामना

मैं यह भी जोड़ना चाहूंगा कि निचिरेन बुधिज्म को जो मेरा विश्वास मुझे सकारात्मक बनाए रखता है, चलते रहने वाला और कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं कितने अस्वीकारों का सामना कर रही हूं। एक ब्लॉक नेता के रूप में, मैं अपने जिले का समर्थन करती हूं और एक व्यक्ति होने के नाते उनकी चुनौतियों को दूर करने में उनकी मदद करती हूं जो एक चुनौती और पूर्ण प्रमाण के साथ हर चुनौती को पार करता है।

मिसेज टूरिज्म पेजेंट में लिया हिस्सा

मैं उन लोगो को प्रेरित करती हू जो दैनिक जीवन में या मोटापे के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जीवन में मेरा मिशन अपनी यात्रा के माध्यम से अधिक सकारात्मक और स्वस्थ वातावरण लाना है। 28 अक्टूबर को मैंने मिसेज टूरिज्म पेजेंट में हिस्सा लिया, जो मनीला के फिलिपिन्स में आयोजित किया गया था। दुनिया के सभी विभिन्न देशों से महिलाओं का चयन किया गया था। मैंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। मुझे मिसेज इंडिया ग्लोब की उपाधि मिली और वह माँ के बारे में बात करने के लिए सबसे अच्छी वक्ता थी, जिसे दुनिया की परवाह है।