इंटरव्यू : शहर में जरूरतमंदो की सेवा के लिए जानी जाती हैं आशा राय

इंटरव्यू  : शहर में जरूरतमंदो की सेवा के लिए जानी जाती हैं आशा राय

फीचर्स डेस्क। ऐसे लोग बहुत कम होते हैं जो खुद से अधिक समाज को महत्व देते हैं। समाज के हर किसी के दुख को अपना समझना और उनके लिए समय निकालने वाले विरले ही होते हैं। जी, हाँ मै आज आपको मिला रहा हूँ यूपी राजधानी लखनऊ की नामचीन हस्ती और पीसीएफ़ में पीआर रह चूकी आशा राय (रिटायर्ड) से। जॉब के समय से ही सोशल वर्क में रुचि होने के कारण इन्होने अपनी पूरी लाइफ समाज के नाम कर दिया है। दरअसल, इनका सामाजिकता ऐसा गुण है जो बहुत कम लोगों में दिखती है।

26 बार ब्लड डोनेट और शरीर (दान) समाज के नाम

2007 से सोशल एक्टविस्ट के रूप में काम कर रहीं आशा कहती हैं कि निःस्वार्थ समाज सेवा करने वाले हों तो समाज का भला कैसे नहीं हो सकता। बचपन से बोल्ड और निडर रहीं आशा आज हर महिला को अपने जैसा बनने कि सलाह देती हैं। आपको हैरानी हो सकती है कि इन्होने अब तक 26 बार ब्लड डोनेट तो किया ही अपना पूरा शरीर दान कर चूकी हैं समाज के लिए। इनके इस बहदुरी में इनके बच्चों ने भी साथ दिया।

कृष्ण भगवान कि आराधना

आशा बचपन से ही कृष्ण भगवान कि पूजा करती हैं। आज जो कुछ हैं अपने आराध्य देव कि देंन मानती हैं। अब बच्चों को अच्छी तालिम देकर उनको उनके पैर पर खड़ा कर खुद को समाज के कार्यों में लीन कर लिया है। अब समाज सेवा और कृष्ण कि आराधना ही इनकी रूटीन है।

शहर के अलावा ग्रामीण तक हेल्प

आशा कहती हैं जब भी मौका मिलता है है लखनऊ के आसपास के गावों में मदद के लिए पहुच जाती हैं और उनको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करती हैं। गाँव में रह रहीं बुजुर्ग महिला इनके सेवा भाव कि कायल हैं।

शिक्षा पर खास ज़ोर

आशा राय ने बचपन से पढ़ाई को खास महत्व दिया, इसका नतीजा आज इनके दोनों बेटे अच्छी जॉब पर हैं। पहला बेटा गौरव राय एयर फोर्स में तो दूसरा मेट्रो में अपनी सेवा दे रहें हैं। आशा कहती हैं कि जब आने वाली पीढ़ियाँ हमारी शिक्षित होगी तो समाज का विकास खुद-पे-खुद होगा।

वोमेंस इम्पावरमेंट के लिए कर रहीं हैं काम

आशा कहती हैं कि आज के दौर में महिलाओं और गर्ल्स को शिक्षित होना व सेल्फडिपेंड होना बहुत जरूरी है। इनका मानना है कि सभी गर्ल्स अपने ड्रीम को पूरा करना का प्रयास करना चाहिए। अगर गोल डिसाइड कर लिया तो मंजिल पाने के लिए पूरी सिद्दत से लग जाय। आज हर महिला को अपनी पहचान बनाने कि जरूरत है।

जरूरतमन्द को इलाज और भोजन

बचपन से ही मदद करने कि भावना रखने वाली आशा आज कई बेशाहारो के लिए हर सप्ताह भोजन और इलाज के लिए उनलोगो के लिए “एक आशा की किरण” हैं। जरूरतमंद लोगो को देखकर इनकी आत्मा इतना द्रवित हुई कि इनकी सेवा करने की ठान लीं।

पहले निकली अकेले आज कईयों का मिल रहा सहयोग

सबसे पहले सेवा भाव से आशा अकेले ही निकली आज इनकी एक टोली है जो हर सप्ताह लोगो को भोजन कराने की जगह चुनती है और उनतक पहुचने में इनकी मदद करती है। इन्होने सामाजिक कार्य के साथ-साथ शहर के वृद्धाश्रम, बालश्रम, दिव्यांगों के आश्रम में निरंतर जाना कभी नहीं भूली।

समाज सेवा में अनगिनत सम्मान

समाज सेवा कि दिशा में कई सम्मान मिल चुका है। समाज सेवा के लिए शहर में एक खास पहचान है। चाहे वह रक्तदान हो फिर चाहे गरीबो की मदद और उनकी इलाज। ऐसे अनगिनत कार्यों के लिए आशा को कई मंच से सम्मानित किया गया है। जिसकी बानगी इनकी फोटो गैलरी में दिखता है।

पर्सनल प्रोफ़ाइल

नाम                   आशा राय

पिता                   शत्रुघन शर्मा

एजुकेशन              पोस्ट ग्रेजुएट (हिस्ट्री)

डेट ऑफ बर्थ         23 जुलाई 1956

हॉबी                   नेचर देखना और घूमना

बच्चे                  2 बेटे गौरव/गिरीश

निवासी              लखनऊ

इन अवार्डो से हो चूकी हैं सम्मानित

Saharamuskan beautiful smile,

Teej queen lions club and other 4 time,

Swadharini2018 1st runner up,

Rastriya mahila jagriti manch shane awadh award.