मनीष हत्याकांड का आरोपी दरोगा विजय यादव गिरफ्तार

मनीष हत्याकांड का आरोपी दरोगा विजय यादव गिरफ्तार

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में छठवें आरोपित वांछित दरोगा विजय यादव को गोरखपुर पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि गाेरखपुर जिले के कैन्ट थाना क्षेत्र के रेल म्यूजियम के पास एक लाख रुपए के इनामी दरोगा विजय यादव को पुलिस ने आज गिरफतार कर एसआइटी के हवाले कर दिया। एसआईटी अब उससे रामगढ़ताल थाने पर लाकर पूछताछ कर रही है।

वह इस घटना का यह आखिरी आरोपी था। बाकी पांच आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। विजय ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में पुलिस की एफआईआर को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि मनीष गुप्ता हत्याकांड में रामगढ़ताल थाने में इंस्पेक्टर समेत छह पुलिसर्मी आरोपी हैं। गोरखपुर में हुए मनीष गुप्ता हत्याकांड में रामगढ़ताल थाने में तैनात इंस्पेक्टर जेएन सिंह,दरोगा अक्षय मिश्रा,दरोगा राहुल दुबे,मुख्य आरक्षी कमलेश यादव, आरक्षी प्रशांत कुमार और दरोगा विजय यादव को आरोपी बनाया गया है। इसमें से पांच आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है जबकि जौनपुर का रहने वाला दरोगा विजय फरार था उसे पकड़ने के लिए पुलिस की 16 टीमें दबिश दे रही थी।

विजय यादव ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में पुलिस की एफआईआर को चुनौती दी थी। पुलिस का दावा था कि कोर्ट में सुनवाई से पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जिसके बाद शनिवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पिछले 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के होटल में पुलिस वालों पर मनीष को पीट.पीटकर मारने का आरोप लगा था। 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के होटल में पुलिस वालों पर मनीष को पीट.पीटकर मारने का आरोप लगा। 28 सितंबर को पोस्टमॉर्टम के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज 6 को निलम्बित किया गया। 29 सितंबर की सुबह परिजन शव लेकर कानपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पर अड़े थे।

अंतिम संस्कार करने से भी इनकार किया। 30 सितंबर को प्रशासन के आश्वासन के बाद सुबह 5 बजे मनीष का अंतिम संस्कार किया गया। फिर उसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनीष की पत्नी से मुलाकात की।10 अक्टूबर की शाम रामगढ़ताल पुलिस ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया।12 अक्टूबर को पुलिस ने दरोगा राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत कुमार को गिरफ्तार किया। 13 अक्टूबर को पुलिस ने मुख्य आरक्षी कमलेश यादव को गिरफ्तार किया था।