बढ़ती उम्र के साथ दिल को रखना है स्वस्थ तो फॉलो करें ये 5 आयुर्वेदिक उपाय

बढ़ती उम्र के साथ दिल को रखना है स्वस्थ तो फॉलो करें ये 5 आयुर्वेदिक उपाय

हेल्थ डेस्क। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमें अपने स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ गंभीर बीमारीयों का जोखिम भी काफी अधिक बढ़ जाता है। जब व्यक्ति 40 के दशक को पार करता है तो उन्हें अपने स्वास्थ्य का सामान्य से अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस दौरान सबसे अधिक जोखिम हृदय रोगों की चपेट में आने का होता है, हृदय रोगों के कारण व्यक्ति की मौके पर ही मृत्यु हो सकती है। इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि बढ़ती उम्र के साथ अपने दिल को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी होता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक (BAMS Ayurveda) डॉ. रेखा श्रीवास्तव के अनुसार आयुर्वे की मानें तो हृदय हमाने शरीर का बुहत जरूरी और अहम अंग हैं, जो शरीर रक्त को फिल्टर करने और उसे शरीर के अन्य अंगों को पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होता है। जीवित रहने के लिए हृदय का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसके भीतर ओजस मौजूद होती है, इसलिए जीवित रहने के लिए यह बहुत महत्पवूर्ण अंग है।

लेकिन वर्तमान समय में हृदय रोगों के कारण काफी लोग अपनी जान गवां रहे हैं। विश्व भर में लोगों की मृत्यु का यह एक आम कारण है। हर साल लगभग 9 मिलियन लोग हृदय रोगों के कारण अपनी जान गवां देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ आयुर्वेदिक उपायों की मदद से आप बढ़ती उम्र के साथ भी अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं और हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं बढ़ती उम्र के साथ दिल को स्वस्थ कैसे रखें।

रोजाना पैदल चलें

डॉ. रेखा श्रीवास्तव की मानें तो 45 की उम्र के बाद आपको रोजाना पैदल जरूर चलना चाहिए। यह दिल को स्वस्थ रखने में बहुत अहम भूमिका निभाता है।  अगर आप दिन में सिर्फ 30 मिनट पैदल चलते हैं तो हृदय रोगों के जोखिम को 40% तक तम कर देता है। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल लेवल, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने के साथ ही, वजन प्रबंधन में भी मदद करता है।

भोजन में फैट शामिल करते समय बरतें सावधानी

खाना पकाने के लिए वेजिटेबल और बीजों के तेल जैसे कैनोला, पाल्म और सनफ्लॉवर ऑयल का प्रयोग न करें। क्योंकि इन्हें हाई टेंप्रेचर पर निकालना जाता है और बहुत प्रोसेस्ड होते हैं, ये शरीर में सूजन को बढ़ावा देते हैं। इनके बजाए जैतून के तेल, घी, सरसों, नारियल तेल या तिल के तेल जैसे हेल्दी फैट्स का विकल्प चुनें।

भोजन में स्वाद का रखें खास ध्यान

खट्टी चीजें शामिल करें: आयुर्वेद के अनुसार खट्टे फूड्स को हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इनकी प्रकृति हृदय को सुरक्षा प्रदान करने वाली होती है। खासकर आंवला, चेरी जैसे फूड्स जिनें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं।

मसाले शामिल करें: आयुर्वेद सुझाव  देता है कि आपको भोजन में लहसुन, धनिया, खजूर और किशमिश आदि को जरूर शामिल करना चाहिए। इन्हें मौसम के अनुसार डाइट का हिस्सा बनाएं।

सही नमक चुनें: सेंधा नमक को हृदय स्वास्थ्य के लिहाज से सबसे फायदेमंद माना जाता है। लेकिन आपको प्रोसेस्ड, ज्यादा नमकीन और सफेद नमक का सेवन बहुत सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

दांतों का ध्यान रखें

आयुर्वेद के अनुसार खराब ओरल हेल्थ कई तरह से हृदय रोगों के जोखिम से जुड़ी होती है। अध्ययन में भी यह पाया गया है कि मसूड़ों में सूजन हृदय के भीतर मौजूद आर्टरीज में ब्लॉकेज से जुड़ी होती है। इसलिए अपनी ओरल हेल्थ का खास ध्यान रखें। कोशिश करें नियमित ऑयल पुल्लिंग करें, गर्म पानी से कुल्ला करें और गरारे करें। इससे ओरल हेल्थ में सुधार होता है।

बीमारियों पर रखें नजर

डॉ. रेखा श्रीवास्तव की मानें तो हृदय रोगों को औमतौर पर आपातकालीन स्थिति माना जाता है, क्योंकि इनके कारण व्यक्ति की मौके पर मृत्यु होने का जोखिम होता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि हमेशा अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखे और इसका निगरानी करें, साथ ही कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर पर भी नजर रखें और प्रबंधित रखें। क्योंकि ये हृदय रोगों के सबसे अहम जोखिम कारक हैं।