नौकरी या बिजनेस में आ रही बाधा तो मंगलवार को करें बड़ के पत्तों का उपाय

नौकरी या बिजनेस में आ रही बाधा तो मंगलवार को करें बड़ के पत्तों का उपाय

फीचर्स डेस्क। हिंदू धर्म में हर दिन कोई न कोई देवी-देवता को समर्पित दिन है। वहीं मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन को मंगल का प्रतिनिधित्व होता है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह के कुछ उपायों के बार में बताएंगे, जिसे करने से अगर आपके काम में अड़चने आ रही है, इसके अलावा अगर आपके नौकरी और व्यापार में कोई परेशानी आ रही है, तो हनुमान जी की पूजा करने से ठीक हो जाते हैं। सनातन धर्म में पेड़-पौधों का भी जिक्र सुनने को मिलता है, जो हमारे किस्मत चमका सकती हैं। तो ऐसे में आज हमारे साथ हैं ज्योतिष एक्सपर्ट विनोद सोनी जी आपको बताने जा रहें हैं बरगद के पत्तों के कुछ उपायों के बारे में जिससे आपको कई तरह की समस्याएं दूर हो सकती है....

 क्या करें आप

मंगलवार को सुबह स्नान आदि करने के बाद बड़ के पेड़ से 11 या 21 पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें कि ये पत्ते पूरी तरह से साफ व साबूत हों। अब इन्हें स्वच्छ पानी से धो लें और इनके ऊपर चंदन से भगवान श्रीराम का नाम लिखें। अब इन पत्तों की एक माला बनाएं। माला बनाने के लिए पूजा में उपयोग किए जाने वाले रंगीन धागे का इस्तेमाल करें। अब समीप स्थित किसी हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान प्रतिमा को यह माला पहना दें।

 साथ में लगाएं गुड़-चने का भोग लगाए

इस मंगलवार को किसी हनुमानजी मंदिर जाएं और वहां बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इसके बाद हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं।  जीवन में यदि कोई समस्या है तो उसका निवारण करने के लिए प्रार्थना करें। हनुमानजी को प्रसन्न करने का यह बहुत प्राचीन टोटका है।

 करें पारद हनुमान का पूजन

इस मंगलवार घर में पारद (एक प्रकार की विशेष धातु) से बनी हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करें।  तंत्र शास्त्र के अनुसार पारद से बनी हनुमान प्रतिमा की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। पारद से निर्मित हनुमान प्रतिमा को घर में रखने से सभी प्रकार के वास्तु दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं। साथ ही, घर का वातावरण भी शुद्ध होता है। प्रतिदिन पारद हनुमान की पूजा से किसी भी प्रकार के तंत्र का असर घर में नहीं होता और न ही साधक पर किसी तंत्र क्रिया का प्रभाव पड़ता है।  यदि किसी को पितृदोष हो तो उसे प्रतिदिन पारद हनुमान प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। इससे पितृदोष समाप्त हो जाता है।

 करें हनुमान चालीसा का पाठ

मंगलवार की शाम को समीप स्थित किसी ऐसे मंदिर जाएं, जहां भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही प्रतिमा हो। वहां जाकर श्रीराम व हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं भगवान श्रीराम की प्रतिमा के सामने बैठकर हनुमान चालीसा तथा हनुमान प्रतिमा के सामने बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।  इस उपाय से भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही कृपा आपको प्राप्त होगी।

इस विधि से चढ़ाएं चोला

इस मंगलवार को हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से पहले स्वयं स्नान कर शुद्ध हो जाएं और साफ वस्त्र धारण करें। सिर्फ लाल रंग की धोती पहने तो और भी अच्छा रहेगा। चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का उपयोग करें। साथ ही, चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जला कर रख दें। दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें।

चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें।  अब एक साबूत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को इसका भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें।

मंत्र-

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।

सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।

 इस प्रकार चोला चढ़ाने व मंत्र का जाप करने से हनुमानजी साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं।

ज्योतिषाचार्य एंव हस्तरेखर्विंद विनोद सोनी, भोपाल, मध्यप्रदेश।