गुरुवार व्रत आपका भी होता है तो पढ़ें इससे क्या लाभ होता है और क्या करें क्या नहीं करें ?

गुरुवार व्रत आपका भी होता है तो पढ़ें इससे क्या लाभ होता है और क्या करें क्या नहीं करें ?

फीचर्स डेस्क। व्रत का लाभ लेने के लिए व्रत के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। गुरुवार को जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।  इस दिन यदि विधि विधान से भगवान विष्णु का व्रत व पूजन किया जाए तो कुंडली में गुरू ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। इससे परिवार में सुख संपन्नता आती है। कुंवारी कन्याओं को मनभावन पति मिलता है। घर में धन की कमी नहीं रहती। नि:संतान दंपति को पुत्र की प्राप्ति होती है। नौकरी की ढूंढ रहे हैं तो उच्च श्रेणी की नौकरी मिलती है।

ये है व्रत की पूजन विधि:-

अग्नि पुराण के अनुसार गुरुवार का व्रत अनुराधा नक्षत्र युक्त गुरुवार से आरंभ करके लगातार 7 गुरुवार करना चाहिए। इस दिन प्रात: उठकर भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। बृहस्पतिदेव का ध्यान करना चाहिए। इस दिन पीले वस्त्रों, पीले फलों का प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद फल, फूल, पीले वस्त्रों से भगवान बृहस्पतिदेव और विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद कथा सुननी चाहिए। प्रसाद के रूप में केले चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन इन केलों को दान में ही दे देना चाहिए। शाम के समय बृहस्पतिवार की कथा सुननी चाहिए और मान्यतानुसार इस दिन एक बार बिना नमक का पीला भोजन करना चाहिए। भोजन में चने की दाल का भी प्रयोग किया जा सकता है।

कथा पढ़ते सुनते समय और पूजन के समय सच्चे मन से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। बृहस्पतिवार के व्रत में केले के पेड़ की पूजा करना जरूरी होता है। जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए और केले की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाएं। इसके पास ही दीपक जलाकर पेड़ की आरती करें। गुरूवार के व्रत में दिन में एक समय ही भोजन करना चाहिए। पूजा करने के बाद भगवान बृहस्पति की कथा पढ़नी अथवा सुननी चाहिए।

ये काम करना वर्जित है

1. भगवान को केले चढ़ाएं लेकिन खाएं नहीं।

2. गुरूवार के दिन धोबी के यहां कपड़ा नहीं देना चाहिए।

3. घर के किसी भी सदस्य को इस दिन दाढ़ी नहीं बनाना चाहिए, नाखून नहीं काटने चाहिए और न ही नाई के पास जाना चाहिए।

4. स्नान करते समय केश नहीं धोना चाहिए।

5. स्नान करते समय साबुन का प्रयोग न करे।

6. इस दिन शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए।

7. इस दिन खाने में मांस तथा मदिरा नहीं खाना चाहिए।

ये काम अवश्य करना चाहिए

1. व्रत में पूजा सूर्योदय के प्रथम दो घंटे में कर लेना चाहिए। यदि ऐसा संभव न हो पाए तो 12 बजे से पहले अवश्य कर लें।

2. इस दिन पीला वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए तथा पीला वस्त्र ही पहनना चाहिए।

3. इस दिन केले के वृक्ष की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

4. भगवान् विष्णु वा बृहस्पति प्रतिमा को पीले फूल, पीला चंदन, चने की दाल, गुड़, मुनक्का आदि से पूजा करनी चाहिए।

5. इस दिन सामर्थ्यानुसार ब्राह्मणों अथवा योग्य व्यक्तियों को दान देना चाहिए।