IAS Interview: तेज बुखार में दी परीक्षा, सौम्या शर्मा ने 9वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा में किया टॉप

कुछ लोग जिंदगी में जरा भी परेशानी आने पर हताश हो जाते हैं तो कुछ डटकर उसका सामना करते हुए पहले से ज्यादा मजबूत हो जाते हैं। आईएएस सौम्या शर्मा हर किसी के लिए एक मिसाल हैं….

IAS Interview: तेज बुखार में दी परीक्षा, सौम्या शर्मा ने 9वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा में किया टॉप

फीचर्स डेस्क।  कुछ लोग जिंदगी में जरा भी परेशानी आने पर हताश हो जाते हैं तो कुछ डटकर उसका सामना करते हुए पहले से ज्यादा मजबूत हो जाते हैं। आईएएस सौम्या शर्मा हर किसी के लिए एक मिसाल हैं। महज 16 साल की उम्र में एक हादसे में उन्होंने अपनी सुनने की शक्ति खो दी थी। लेकिन इससे हार न मानकर वे लगातार आगे बढ़ती रहीं। यूपीएससी परीक्षा 2017 में उन्होंने 9वीं रैंक के साथ टॉप किया था।

खराब तबियत को रास्ते का पत्थर न बनने दिया

दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी बहुत कम समय में की थी। वकालत की पढ़ाई के साथ उन्होंने अचानक ही इस परीक्षा में बैठने का मन बना लिया था। उस दौरान उनकी तबियत भी काफी खराब थी लेकिन उन्होंने अपने कदम डगमगाने नहीं दिए और आईएएस बनकर परिवार का नाम रोशन कर दिया।

लॉ के साथ की यूपीएससी की तैयारी

दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से ही की थी। उसके बाद उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल से वकालत की डिग्री हासिल की थी। लॉ के आखिरी साल में ही उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने का फैसला कर लिया था। कड़ी मेहनत करके मात्र 4 महीनों में सौम्या ने यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा क्वालिफाई कर ली थी।

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मेन्स परीक्षा में लगी ड्रिप

यूपीएससी मेन्स परीक्षा से कुछ दिन पहले सौम्या शर्मा की तबियत काफी खराब हो गई थी। उन्हें 102 से लेकर 104 डिग्री तक बुखार रहा था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बेहोशी की हालत में भी परीक्षा दी। यहां तक कि परीक्षा के बीच में लंच ब्रेक में भी उनके ड्रिप लगाई गई थी। इतनी मुश्किलों के बावजूद उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर 9वीं रैंक हासिल की थी।

मुश्किलों को पीछे छोड़ा

16 साल की उम्र में सौम्या शर्मा ने अपनी सुनने की क्षमता खो दी थी। उसके बाद उनके माता-पिता उन्हें कई जगहों पर इलाज के लिए ले गए लेकिन कहीं कोई फायदा नहीं मिला। सुनने की 90-95 फीसदी क्षमता खो देने की वजह से उन्हें हियरिंग एड का इस्तेमाल करना पड़ता है।

आपने देखा कि कैसे अपने जीवन की मुश्किलों को हराकर सौम्य शर्मा ने अपना मुकाम हासिल किया। इससे हमें ये सीखना चाहिए कि हौसलों को इतना मजबूत रखो कि कोई मुश्किल आपको हिला न सके।

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