मुझे खुशी है कि बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया जा रहा : राज्यपाल

मुझे खुशी है कि बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया जा रहा : राज्यपाल

लखीमपुर। जनपद लखीमपुर खीरी में पं. दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज यूपी बोर्ड व सीबीएसई बोर्ड एवं सनातन धर्म सरस्वती विद्या मंदिर बालिका इंटर कॉलेज का संयुक्त मेघा अलंकरण एवं वार्षिकोत्सव समारोह  में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज मेधावी छात्र-छात्राओं, आदर्श बच्चों व कला संस्कृति के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया जा रहा है। कहा यह प्रशंसनीय है कि बिल्डिंग बनाने वाले एवं बिल्डिंग की पहली ईट रखने वालों को याद किया जा रहा। चालक से सफाई कार्मिक तक सभी को सम्मान दिया जा रहा। सभी के सहयोग से संस्थाएं अच्छी चलती है और लंबे समय तक टिकती है। कहा, “ हर बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा होती है। इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के अंदर छिपी उनकी प्रतिभाओं को और निखारा जा सकता है।” कहा कि नई शिक्षा नीति, इक्कीसवीं सदी के भारत की नींव तैयार करने वाली है। इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देना है। शिक्षकों को चाहे वह स्कूल के हो, कालेज के हो या विश्व विश्वविद्यालय स्तर के सभी को बाहर निकलकर गांव तक पहुचना होगा। गांवों को गोद लेना होगा। वहां की जरूरतों को समझ कर उनके अनुसार संसाधनों का विकास भी करना होगा। आज शिक्षा के साथ योग की तालीम दी जा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि मुझे आंगनबाड़ी में बहुत रूचि है। आंगनबाड़ी कॉलेज यूनिवर्सिटी तक एक सेतु बनाना चाहिए। सबको साथ में लेकर चलें। मैने महिलाओं के विकास में भी रुचि ली। कहा भारत में धीरे-धीरे विदेशी छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही। क्वालिटी एजुकेशन, जरूरी पुस्तकें, अत्याधुनिक प्रयोगशाला, खेल गतिविधियां, स्पर्धा सांस्कृतिक प्रवृत्तियों में स्पर्धा के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। विश्वविद्यालय कार्मिक एवं उससे जुड़े लोग कैंपस छोड़कर सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए गांव-गांव दस्तक देकर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं । बच्चों को तैयार करने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका है।

राज्यपाल ने कहा कि कहा कि बच्चों को अपने गुरुजनों और माता-पिता का आदर करना चाहिए और अनुशासन में रहकर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। कहा बच्चे जब स्कूली शिक्षा समाप्त करके उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते हैं तो स्कूल में प्राप्त के गयी शिक्षा ही उनकी आगामी शिक्षा का आधार बनती है। सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें निरंतर अध्ययनशील बने रहने को कहा।

समारोह में 107 मेधावी बच्चों को रजत पदक देकर सम्मानित किया गया जिसमें 29 बालिकाएं एवं 71 बालक शामिल हैं। इसके अलावा 18 सर्वश्रेष्ठ आचार्य एवं आचार्यों को सम्मानित किया गया। 03 नॉन टीचिंग स्टाफ एवं 09 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया। इसके अलावा यूपी एवं सीबीएसई बोर्ड को पहली ईट से मूर्त रूप देने में राजमिस्त्री रामदत्त को भी पुरस्कृत किया गया।