हिंदी को अपनी आत्मा में रचाने और बसाने की जरूरत : राकेश उपाध्याय

हिंदी को अपनी आत्मा में रचाने और बसाने की जरूरत : राकेश उपाध्याय

जयपुर सिटी। शहर के मालवीय नगर डी ब्लॉक स्थित ज्ञान विहार स्कूल में गुरुवार को हिंदी दिवस के अवसर पर पूरा प्रांगण हिन्दीमय हो गया जब ने विद्यार्थियों ने हिंदी के प्रति अपने प्रेम को सुंदर चित्र व कविताओं के जरिये  हिंदी समारोह में हर्षोल्लास से प्रकट किया गया। प्रिंसिपल राकेश उपाध्याय ने सभी को हिंदी दिवस की बधाई प्रेषित करते हुए कहा कि हिंदी को अपनी आत्मा में रचाने और बसाने की जरूरत है। भाषा बोलने से ही भाषा का आवर्धन नहीं होता बल्कि देश की संस्कृति को अपने व्यक्तित्व में अपनाने से देश का गौरव बढ़ता है ,भाषा की उत्तरोत्तर प्रगति होती है।

हिंदी विभागध्यक्ष रेनू शब्दमुखर ने हिंदी को अपनी शान बताते हुए अपने उद्बोधन में सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिंदी को दुनिया के अग्रणी भाषाओं में से एक बताते हुए अपनी स्वरचित कविता के माध्यम से हिंदी के विस्तृत रूप से परिचय करवाया।हिंदी अध्यापिका कल्पना शर्मा ने भी हिंदी की सहजता सरलता और मिठास को अपनी कविता के द्वारा प्रस्तुत किया।

इसी अवसर पर कक्षा नौवीं की छात्राओं में हिंदी भाषा के प्रति अपने उदगार और मनोभावों को खूबसूरत नृत्य के माध्यम से अभिव्यक्त किया वही दसवीं की छात्राओं ने हिंदी हमारी हिंदी बड़ी प्यारी हमारी हिंदी गीत प्रस्तुति से सभी की तालियां बटोरी। आयुष विजयवर्गीय ने अपने जोशीली आवाज में हिंदी भाषण देते हिंदी के अक्षुण्ण महत्व को स्पष्ट किया वही छात्रा स्नेहा चौधरी ने अपनी स्वरचित कविता मनोरम हिंदी सुनाई।इस अवसर पर हिंदी विभाग ने हिंदी संवर्धन के लिए अनेक कार्यक्रम का आयोजन किया।

इनपुट सोर्स : रेनू शब्दमुखर, मीडिया कोऑर्डिनेटर ज्ञान विहार स्कूल जयपुर।