वर्क फ्रॉम होम, डिजीटल प्लेटफॉर्म वर्करों के लिए सेवा नियम बनाएगी सरकार

वर्क फ्रॉम होम, डिजीटल प्लेटफॉर्म वर्करों के लिए सेवा नियम बनाएगी सरकार

नयी दिल्ली। सरकार ने कोविड काल में उत्पन्न नयी परिस्थितियों के कारण घर से काम करने वाले (वर्क फ्रॉम होम) पेशेवरों एवं कर्मचारियों तथा डिजीटल प्लेटफॉर्म्स पर काम करने वाले कामगारों के लिए कार्य संबंधी नियम बनाने का विचार कर रही है ताकि ऐसे कार्मिकों का शोषण नहीं किया जा सके। केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ऐसा देखा गया है कि वर्क फ्रॉम होम के लिए जिन पेशेवरों को उनके नियोक्ता अनुमति देते हैं, उनसे 15 से 16 घंटे तक काम कराया जा रहा है। इससे कार्मिकाें के पारिवारिक जीवन पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। सरकार को इसे लेकर विभिन्न तरह की शिकायतें मिलीं हैं। इसलिए वर्क फ्राॅम होम वाले कार्मिकों के लिए कार्य संबंधी नियम बनाने का विचार किया जा रहा है।

यादव ने कहा कि कोविड काल में एक और प्रकार के कामगारों का वर्ग उभरा है। यह डिजीटल प्लेटफॉर्म्स पर काम करने वाले कामगार हैं। ओला, ऊबर टैक्सी सेवाएं, जोमैटो आदि सेवाओं में काम करने वाले इस वर्ग के कामगारों के शोषण किये जाने की शिकायतें मिली हैं। सरकार उनकी भी सेवा शर्ताें को तय करने तथा उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के बारे में काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार श्रम न्यायालयों की देश भर में स्थापना को लेकर काम कर रही है। चूंकि संविधान में श्रम समवर्ती सूची का विषय है, इसलिए राज्यों से बातचीत करके उनकी सहमति से श्रम अदालतों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के पंजीकरण के लिए ई-श्रम पोर्टल बनाया है जिस पर अभी तक करीब दो करोड़ 20 लाख कामगारों ने पंजीकरण कराया है जबकि ऐसे कामगारों की कुल संख्या करीब 38 करोड़ होने का अनुमान है।

उन्होंंने कहा कि सरकार देश में कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्रों को छोड़ कर नौ क्षेत्रों में काम करने वाले कामगारों तथा निर्माण क्षेत्र से जुड़े श्रमिकाें एवं घरेलू काम करने वालों के अलग अलग सर्वेक्षण करा रही है। सरकार ने करीब 400 प्रकार के पेशों को सूचीबद्ध करके उनमें रोजगाररत लोगों को ईएसआईसी के दायरे में सामाजिक सुरक्षा देने का प्रयास शुरू किया है। इनमें सड़क पर रेहड़ी पटरी लगाने वाले, दर्जी, नाई, मोची, धोबी, फल-सब्जी बेचने वाले आदि शामिल हैं। यादव ने कहा कि देश में वर्ष 2013-14 की तुलना में इस समय तक रोज़गार में 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।