शिक्षा मंत्रालय स्कूलों से बाहर हो चुके किशोरों को फिर देगा मौका

शिक्षा मंत्रालय स्कूलों से बाहर हो चुके किशोरों को फिर देगा मौका

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय मौजूदा स्कूल व्यवस्था में कई बड़े परिवर्तन करने के पक्ष में है। दरअसल स्कूली शिक्षा तंत्र से देशभर में लाखों बच्चे बाहर हो चुके हैं। स्कूल से छात्रों का ड्रॉपआउट होना इसकी बड़ी वजह है। अभी भी प्रतिवर्ष लाखों छात्र मौजूदा स्कूल सिस्टम से ड्रॉपआउट हो रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अब ऐसे छात्रों व अन्य अशिक्षित रह गए युवाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए नई पहल कर रहा है। शिक्षा चक्र से छूट गए या अलग रह गए ऐसे छात्रों की पहचान की जा रही है। यह कार्यक्रम नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर एडल्ट एजुकेशन के माध्यम से शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत 15 वर्ष या उससे अधिक के ऐसे युवाओं की पहचान की जा रही है जो कि शिक्षित नहीं है। ऐसे युवाओं को नए सिरे से शिक्षा प्रदान करने के लिए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विशेष प्रावधान किए गए हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत ऐसे युवाओं के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर एडल्ट एजुकेशन के तहत ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से शिक्षा प्रदान करने के लिए नए रिसोर्सेज विकसित किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन युवाओं को शिक्षित करने के लिए हिंदी समेत क्षेत्रीय भाषाओं को उपयोग में लाया जा रहा है। भारतीय भाषा में इन युवाओं के लिए न केवल ई कंटेंट विकसित किया जा रहा है, बल्कि शिक्षा के रोचक ऑडियो विजुअल तरीके भी इस्तेमाल में लाए जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व एनसीआरटी का कहना है कि इस पूरी कवायद का उद्देश्य अशिक्षित रह गए इन युवाओं को स्किल प्रदान करना और बेसिक शिक्षा से जोड़ना है।