निर्जला एकादशी में इन कार्यों को करने से मिलेगी कष्टों से मुक्ति, जानिए इस दिन क्या करें क्या न करें

निर्जला एकादशी सभी एकादशी तिथियों में बड़ी मानी जाती है । आज के दिन जो व्रत रखता है और ये कार्य करता है उसके सभी कष्टों का निवारण करते है भगवान विष्णु। आइए जानते है इस दिन क्या कार्य करने चाहिए और किन कार्यों से परहेज करना चाहिए…..

निर्जला एकादशी में इन कार्यों को करने से मिलेगी कष्टों से मुक्ति, जानिए इस दिन क्या करें क्या न करें

फीचर्स डेस्क। इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 10 जून को पड़ रहा है। इस दिन विष्णु और लक्ष्मी माता की पूजा करने का विधान है। हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार साल भर में 24 एकादशी आती है और निर्जला एकादशी इनमे से सबसे बड़ी और पवित्र होती है। इस दिन जो व्रत करता है उसे साल भर की एकादशी का पुण्य प्राप्त होता है। जो पूरी श्रद्धा से ये व्रत करता है उसके जीवन की सभी परेशानियों का अंत हो जाता है। व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन में विष्णु भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है। इस दिन इन चीजों के दान से आपके जीवन में आएंगी खुशियां ही खुशियां।

दान करें इन चीजों का

हम सभी चाहते है कि हम पर मां लक्ष्मी की कृपा हो ताकि हमें किसी भी प्रकार का आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े। यदि माता लक्ष्मी प्रसन्न है तो विष्णु भगवान की कृपा अपने आप हम पर हो जायेगी। हिंदू धर्म में दान पुण्य का विशेष महत्व है। 

  • निर्जला एकादशी जून माह में आती है जब गर्मी अपने प्रचंड रूप में होती है। ऐसे में हमें जल का दान करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को, ब्राह्मणों को, घर की बहन बेटी को जल का दान, जैसे मटकी, गुड़, आम, गन्ना या शरबत का दान करें। इनसे गर्मी में राहत मिलती है और जिसे आप दान करते है वो आपको आशीर्वाद और दुआएं देता है।
  • इस दिन यदि ब्राह्मणों को जूते दान किए जाएं तो ये दान आपके रुके हुए कार्यों को प्रगति देगा। और ब्राह्मणों का आशीर्वाद आपके बिगड़े कार्यों को बनाएगा। आपके जीवन में आएगी एक पॉजिटिवनेस।
  • जरूरतमंदों को छाता दान करें। इस दिन छाता दान करना बहुत शुभ माना गया है। क्योंकि छाता हमें गर्मी से बचाता है। इसके अलावा आप अपनी श्रद्धा अनुसार बोतल, पंखा या कूलर का भी दान कर सकते है।

निर्जला एकादशी के दिन क्या करें

  • व्रत के दिन तामसिक भोजन को त्याग दें। एक दिन पहले से ही सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  • व्रत के एक दिन पहले से ही आप लिक्विड चीजों का ज्यादा सेवन करें। रसीले फल खाए ताकि व्रत के दिन आप आराम से निर्जल व्रत रख सकें।
  • इस दिन स्वयं को मानसिक रूप से सक्षम बनाएं। प्यास के बारे में ज्यादा न सोचें। स्वयं को भगवान की भक्ति में लगाएं।
  • इस दिन आत्म संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • इस दिन जल का दान करें। जरूरतमंदों को पानी पिलाएं। आज के दिन आपके घर से कोई भी प्यासा नहीं जाना चाहिए।
  • व्रत के दिन पूजा और निर्जला एकादशी की कथा जरूर करें। तभी व्रत का फल मिलता है।
  • आज के दिन अपने घर की छतों में और घर के बाहर पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था जरूर करें। और इसे नियम बना लें।

निर्जला एकादशी के दिन क्या न करें

  • इस दिन यदि अपने व्रत करने का संकल्प लिया है तो जल बिलकुल भी न पिएं। 
  • यदि आपने व्रत न भी किया हो तो भी अपने से छोटे व्यक्ति के घर का पानी न पिएं। उनको जल का दान जरूर करें।
  • यदि आप बीमार है तो व्रत न करें।
  • किसी की बुराई न करें। न ही क्रोध करें और न ही किसी के प्रति मन में द्वेष पालें। इन सभी विचारों का त्याग करें।

यदि आप पूरे तन मन और धन से ये व्रत करेंगे और दान पुण्य करेंगे तो आपकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होंगी।

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