क्या आपको पता है, एक ऐसी दुकान के बारे में जिसका दरवाजा ग्राहकों के लिए कभी नहीं होता बंद

गुजरात के छोटा उदयपुर में एक ऐसी शॉप है जिसमें ग्राहक आकर ले जाते है खुद सामान और रख देते है उस सामान के पैसे। है ना अचंभित करने वाली बात। तो आइए जानते है इस दुकान के बारे में और भी बातें…..

क्या आपको पता है, एक ऐसी दुकान के बारे में जिसका दरवाजा ग्राहकों के लिए कभी नहीं होता बंद
क्या आपको पता है, एक ऐसी दुकान के बारे में जिसका दरवाजा ग्राहकों के लिए कभी नहीं होता बंद

फीचर्स डेस्क। आज के इस प्रैक्टिकल युग में जहां लोग पैसे को लेकर अपनों पर ही विश्वास नहीं करते वहां पर क्या आप इस बात पर विश्वास करेंगे कि गुजरात में एक ऐसी दुकान है जिसका कोई दरवाजा ही नहीं है। यह दुकान साल के 12 महीने 24 घंटे खुली रहती है चाहे इस दुकान का मालिक दुकान में उपलब्ध हो या ना हो यहां कभी किसी ग्राहक को सामान लेने के लिए मना नहीं किया जाता। और सबसे आश्चर्य की बात यह है कि दुकानदार कभी ग्राहक से पैसे भी नहीं मांगता पर इमानदारी इतनी है कि ग्राहक अपनी जरूरत का सामान लेकर खुद पैसे रखकर जाता है। आज के जमाने में यह बात शायद आपको अजीब लगे पर यह सच है। यह दुकान गुजरात के छोटा उदयपुर जिले के देवरी गांव में है कोमा अगर आपको विश्वास ना हो तो आप यहां जाकर खुद देख सकते हैं यह दुकान। पिछले 30 सालों से लगातार यह दुकान खुली हुई है और यहां पर ग्राहक आ कर सामान ले जाते हैं और बदले में पैसे रखकर जाते हैं।

विश्वास है इस दुकान की नींव

सईद भाई ने इस दुकान की शुरुआत तब की जब वह 18 वर्ष के थे। शुरू में इस दुकान पर लोगों को विश्वास नहीं होता था कि क्या कोई ऐसी भी दुकान हो सकती है जिसमें दरवाजा ही ना हो। पर जब सईद भाई ने घर जा जाकर सबको इस दुकान के बारे में समझाया कि आप कोई भी सामान मेरी दुकान से किसी भी वक्त ले सकते हैं तब जाकर धीरे-धीरे लोगों को विश्वास हुआ। सईद भाई बताते हैं कि इस दुकान पर कभी भी लोग आकर कोई भी सामान ले जाते हैं और अपनी इच्छा से पैसे भी रख कर चले जाते हैं। इस दुकान की नींव सिर्फ और सिर्फ विश्वास पर टिकी है।

अनोखी सोच के धनी है दुकान के मालिक

सईद भाई का कहना है की कोई बिजनेस विश्वास पर टिकी होता है। अगर आप ग्राहकों के दिल में विश्वास नहीं बना पाए तो आपके दुकान का क्या फायदा। सईद भाई का मानना है कि जब मैंने कुछ गलत नहीं किया तो मेरे साथ ही कुछ गलत नहीं होगा। मैं सिर्फ भगवान से डरता हूं, इंसानों से कैसा डर। 

उभा सेठ की दुकान

सईद भाई की दुकान उभा सेठ की दुकान के नाम से जानी जाती है। क्योंकि उनके पिता एक बिजनेस मैन थे। उन्हीं के नाम से सईद भाई ने अपनी दुकान का नाम रखा। इस दुकान में किराने के सामान के साथ साथ कोल्ड ड्रिंक और डेयरी आइटम भी मिलते हैं।  इसके अलावा पानी की टंकी, कटलरी, हार्डवेयर आइटम्स, दरवाजे टाइल्स यहां मिलते हैं। गांव वाले अपनी जरूरत के हिसाब से यहां से सामान लेकर पैसे रख कर चले जाते हैं।

तो आपने देखा न कि कैसे आज के जमाने में भी विश्वास के दम पर लोग अपना व्यवसाय कर रहे है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करें।

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